भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) सभी धाराओं की लिस्ट | All BNS Sections in Hindi
समाज समय के साथ विकसित होता है और इस निरंतर बदलते समाज में इंसानों की आवश्यकताओं के अनुसार आवश्यक परिवर्तन होते हैं, भारतीय न्याय संहिता 2023 इसी का परिणाम है। यह भारतीय विधायिका का सबसे महत्वपूर्ण निर्णय है, जिसने ब्रिटिश युग से चले आ रहे पुराने कानूनों को खत्म कर दिया है और आज के समाज की वर्तमान जरूरतों के अनुसार भारतीय न्याय संहिता (BNS) को भारतीय दंड संहिता (IPC) की जगह लागू करने के लिए बनाया गया हैं।
भारतीय न्याय संहिता के उद्देश्य और लक्ष्य
आज के समाज और नागरिकों को ऐसे नए कानूनों की आवश्यकता है जो वर्तमान समस्याओं से बिना देरी के निपटने में सक्षम हों तथा निष्पक्ष न्याय सुनिश्चित कर सकें; पुराने आपराधिक कानून ऐसा करने में अक्षम थे जिसके परिणामस्वरूप 2023 में संसद ने भारतीय न्याय संहिता को नए अपराधिक कानून प्रदान करने के उद्देश्य से अधिनियमित किया गया और इसके द्वारा भारतीय दंड संहिता 1860 की जगह ली गई।
भारतीय न्याय संहिता के तहत नए अपराध
1. शादी का झूठा वादा करके शारीरिक संबंध बनाना:
भारतीय न्याय संहिता की धारा 69 के तहत शादी का झूठा वादा करके शारीरिक संबंध बनाने पर अब दस साल तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान है।
2. भीड़ द्वारा हत्या:
जाति, पंथ, धर्म और समुदाय के आधार पर भीड़ द्वारा हत्या जैसे अपराध के लिए अब आजीवन कारावास या मृत्युदंड का प्रावधान है।
3. संगठित अपराध:
भारतीय न्याय संहिता की धारा 111 उपधारा (1) में अपहरण, डकैती, लूट, जबरन वसूली आदि जैसे संगठित अपराधों को परिभाषित किया गया है, जिनके लिए 5 वर्ष से आजीवन कारावास की सजा के साथ पांच लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।
4. छोटे-मोटे संगठित अपराध:
भारतीय न्याय संहिता की धारा 112 के तहत छोटे संगठित अपराधों को परिभाषित किया गया है, जैसे चोरी, छीनाझपटी, ब्लैक में टिकट बेचना, परीक्षा के प्रश्नपत्र बेचना, जुआ खेलना आदि।
5. आतंकवादी कृत्य:
धारा 113 "आतंकवादी कृत्य" को परिभाषित करती है जिसके अनुसार किसी व्यक्ति द्वारा भारत की एकता, अखंडता, संप्रभुता, सुरक्षा या आर्थिक सुरक्षा को खतरा पहुंचाने के इरादे से आतंक फैलाने के लिए किया गया कार्य है, जो मृत्यु या आजीवन कारावास से दंडनीय है, यदि इसके परिणामस्वरूप किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है और किसी अन्य मामले में 5 वर्ष से आजीवन कारावास की सजा के साथ जुर्माने का प्रावधान है।
6. आत्महत्या का प्रयास करना:
धारा 226 के तहत किसी लोक सेवक को उसके क़ानूनी कर्तव्य का पालन करने से रोकने के लिए आत्महत्या का प्रयास करने पर एक वर्ष तक का कारावास, जुर्माना या दोनों या सामुदायिक सेवा का प्रावधान है।
भारतीय न्याय संहिता द्वारा आईपीसी के रद्द किये गये अपराध
1. अप्राकृतिक यौन अपराध:
भारतीय न्याय संहिता ने अप्राकृतिक यौन अपराध से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धारा 377 को किसी ऐसे प्रावधान के उपलब्ध कराए बिना ही हटा दिया है जो की पुरुषों के साथ होने वाले यौन अपराधों से निपटने में सक्षम हो।
2. व्यभिचार:
आईपीसी की धारा 497 को लैंगिक असमानता के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में रद्द कर दिया था और भारतीय न्याय संहिता द्वारा इसे हटा दिया गया है।
3. ठग:
भारतीय न्याय संहिता से आईपीसी की धारा 310 को हटा दिया गया है, जिसमें ठग की परिभाषा दी गई है।
भारतीय न्याय संहिता द्वारा लाये गए कुछ अन्य प्रावधान
1. फर्जी खबर:
भारतीय न्याय संहिता ने फर्जी खबरों के मामलों से निपटने के लिए भ्रामक और झूठी खबरों के प्रकाशन को अपराध घोषित करने वाला नया प्रावधान पेश किया है।
2. राजद्रोह:
सर्वोच्च न्यायालय ने कई बार भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए, जो राजद्रोह के अपराध से संबंधित है, को असंवैधानिक बताया है, इसे हटाने के बजाय भारतीय न्याय ने इसे पुनः लागू कर दिया है।
3. अनिवार्य न्यूनतम सजा:
भारतीय न्याय संहिता ने अनिवार्य न्यूनतम दण्ड के सिद्धांत प्रस्तुत किया है, जिसने दोषी को दंडित करने के लिए न्यायाधीशों की विवेकाधीन शक्तियों को छीन लिया है।
4. सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना:
भारतीय न्याय संहिता के तहत अब सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर नुकसान के बराबर ही जुर्माना लगाया जाएगा।
भारतीय न्याय संहिता की मुख्य विशेषताएं
1. सरल और स्पष्ट:
पहले भारतीय दंड संहिता में एक धारा अपराध को परिभाषित करती थी और दूसरी उसकी सजा का प्रावधान करती थी, लेकिन अब भारतीय न्याय संहिता में जो धारा अपराध को परिभाषित करती है और वही उसकी सजा का प्रावधान भी करती है।
2. आधुनिक अपराधों के लिए दंड का प्रावधान:
भारतीय न्याय संहिता वर्तमान समय की समस्या से संबंधित अपराधों से निपटने के लिए पर्याप्त प्रावधान उपलब्ध कराती है।
3. पीड़ितों की सुरक्षा के लिए बेहतर अधिकार:
भारतीय न्याय संहिता में पीड़ितों की सुरक्षा और पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए पहले से अधिक मुआवजा प्रदान करने वाले प्रावधान जोड़े गये हैं।
4. महिलाओं और बच्चों से संबंधित अपराधों के लिए विशेष प्रावधान:
भारतीय न्याय संहिता महिलाओं और बच्चों से संबंधित अपराधों जैसे यौन उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, नाबालिग बच्चे का अपहरण, वेश्यावृत्ति और बंधुआ मजदूरी आदि के लिए सख्त से सख्त सजा का प्रावधान करती है।
5. जुर्माना लगाकर छोटे-मोटे अपराधों मे रिहा करना:
अदालतों से लंबित मामलों के बोझ को कम करने के उद्देश्य से भारतीय न्याय संहिता में छोटे और मामूली अपराधों के संबंध में जुर्माना अदा करके रिहाई का प्रावधान कर दिया है।
6. सुव्यवस्थित कानूनी प्रावधान:
भारतीय न्याय संहिता बिना किसी देरी के न्याय सुनिश्चित कर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता जैसे प्रक्रियात्मक कानून की सहायता के लिए सुव्यवस्थित प्रावधान प्रदान करती है।
भारतीय न्याय संहिता का कानूनी व्यवस्था पर प्रभाव
1. लंबित मामलों में कमी लाना:
भारतीय न्याय संहिता से छोटे और मामूली अपराधों को हटाने से अदालतों पर लंबित मामलों का बोझ कम हो जाएगा और उनकी संख्या में भी कमी आएगी।
2. सरल कानूनी भाषा:
भारतीय दंड संहिता में कानूनी प्रावधान बहुत जटिल और भ्रामक थे, जिससे कई लोग उन्हें आसानी से समझ नहीं पाते थे, लेकिन भारतीय न्याय संहिता में कानूनी प्रावधानों को बहुत सरल और स्पष्ट भाषा में प्रस्तुत किया गया है, जिससे की सामान्य व्यक्ति भी उन्हें आसानी से समझ सकता है।
3. अंतरराष्ट्रीय कानूनी मापदंडों पर खरा उतारने प्रयास:
भारतीय न्याय संहिता भारत की कानूनी व्यवस्था को वैश्विक मानकों पर खरा उतारने का ईमानदार प्रयास है जो आधुनिक समय की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है।
भारतीय न्याय संहिता के लिए चुनौतियाँ
1. नए कानून उचित प्रशिक्षण सुनिश्चित करना:
नए आपराधिक कानून को जमीनी स्तर पर प्रभावी और कुशल बनाने के लिए न्यायिक अधिकारियों और कानून लागू कराने वाली एजेंसियों को उचित प्रशिक्षण देना आवश्यक है।
2. नागरिकों में कानूनी जागरूकता फैलाना:
कानून चाहे कितने भी प्रभावी और कुशल क्यों न हों, उनका कोई लाभ नहीं है जब तक कि वह जनता, जिसके भले के लिए वे बनाए गए हैं, उनके बारे में जागरूक न हो। इसलिए न्यायहित में यह आवश्यक है कि नागरिकों को उन कानूनों के बारे में जागरूक किया जाए जो उनके हितों की रक्षा के लिए बनाए गए हैं।
3. आधुनिक संसाधन और बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराना:
आधुनिक बुनियादी ढांचे और तकनीकी संसाधनों के अभाव में उन लक्ष्यों को प्राप्त करना लगभग असंभव है जिनके कारण भारतीय न्याय संहिता का गठन किया गया है, इन बुनियादी सुविधाओं को प्रदान करने में कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए, अन्यथा ये सभी प्रयास व्यर्थ हो जाएंगे।
भारतीय न्याय संहिता पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. भारतीय न्याय संहिता क्या है?
भारतीय न्याय संहिता एक सुव्यवस्थित आपराधिक कानून है जो विभिन्न प्रकार के अपराधों को परिभाषित करता है और उनके लिए दंड का प्रावधान करता है। इसे भारतीय दंड संहिता को समाप्त कर उस की जगह उपयोग करने के लिए गया है जो मूल रूप से ब्रिटिश राज मे भारतीय नागरिकों के उत्पीड़न के लिए बनाई गई थी।
2. आईपीसी को भारतीय न्याय संहिता से बदलने की क्या जरूरत थी?
भारतीय दंड संहिता सदियों पुरानी कानून था, जो समय-समय पर अनेक परिवर्तनों के बावजूद वर्तमान युग की समस्याओं से निपटने में असमर्थ सिद्ध हुआ, और नए आपराधिक कानूनों की निरंतर मांग के कारण इसे भारतीय न्याय संहिता से बदलना आवश्यक हो गया था।
3. भारतीय दंड संहिता की तुलना में भारतीय न्याय संहिता के क्या लाभ हैं?
भारतीय दंड संहिता की तुलना में भारतीय न्याय संहिता के कई फायदे हैं, इसकी भाषा सरल और स्पष्ट है, यह आधुनिक और तकनीकी अपराधों से निपटने के लिए पर्याप्त प्रावधान प्रदान करती है जो पहले मौजूद नहीं थे, इसका उद्देश्य न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाकर पीड़ितों को राहत प्रदान करना और न्यायालयों पर लंबित मामलों के बोझ से मुक्ति दिलाना है।
4. भारतीय न्याय संहिता द्वारा मामूली अपराधों के संबंध में क्या परिवर्तन किए गए हैं?
भारतीय न्याय संहिता ने छोटे अपराधों से संबंधित मामलों में जुर्माने के रूप में दंड की व्यवस्था की है, ताकि न्यायालय में अनावश्यक मुकदमों के बोझ को कम किया जा सके, जिसकी मांग विभिन्न गैर सरकारी संगठनों और मानवाधिकार एजेंसियों द्वारा लंबे समय से की जा रही थी, ताकि उन विचाराधीन कैदियों के हितों की रक्षा की जा सके, जिन्होंने उस अपराध की वास्तविक सजा से अधिक समय जेल में बिताया है, जिसके लिए वे न्यायिक विचारण से गुजर रहे हैं।
5. भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय संहिता कैसे लागू होगी?
भारतीय न्याय संहिता को प्रभावी रूप से लागू कराने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे, कानून लागू कराने वाली एजेंसियों, न्यायिक अधिकारियों और अधिवक्ताओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे तथा इसके लिए अदालतों को आधुनिक बुनियादी ढांचा और संसाधन भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
6. मैं स्वयं को और अन्य लोगों को भारतीय न्याय संहिता से संबंधित प्रावधानों के बारे में कैसे जागरूक कर सकता हूँ?
आप खुद को और अन्य लोगों को भारतीय न्याय संहिता कै प्रती जागरूक करने के लिए पर लॉराटो के आर्टिकल पढ़ सकते हैं और अपने दोस्तों के साथ साझा भी कर सकते है।
- BNS धारा 1 - संक्षिप्त शीर्षक, विस्तार और प्रारंभ।
- BNS धारा 2 - परिभाषाएँ।
- BNS धारा 3 - सामान्य स्पष्टीकरण और अभिव्यक्तियाँ
- BNS धारा 4 - दंड।
- BNS धारा 5 - मौत या आजीवन कारावास की सजा को कम करना।
- BNS धारा 6 - सजा की शर्तों के अंश।
- BNS धारा 7 - सजा (कारावास के कुछ मामलों में) पूरी तरह या आंशिक रूप से कठोर या सरल हो सकती है।
- BNS धारा 8 - जुर्माने की राशि, जुर्माने के भुगतान में चूक की स्थिति में दायित्व, आदि।
- BNS धारा 9 - कई अपराधों से बने अपराध की सजा की सीमा।
- BNS धारा 10 - कई अपराधों में से किसी एक के दोषी व्यक्ति को सजा, निर्णय यह बताता है कि यह किसमें से संदिग्ध है।
- BNS धारा 11 - एकान्त कारावास।
- BNS धारा 12 - एकान्त कारावास की सीमा।
- BNS धारा 13 - पिछली सजा के बाद कुछ अपराधों के लिए बढ़ी हुई सजा।
- BNS धारा 14 - कानून द्वारा बाध्य किसी व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य, या खुद को बाध्य मानकर तथ्य की भूल से किया गया कार्य
- BNS धारा 15 - न्यायिक कार्य करते समय न्यायाधीश का कार्य
- BNS धारा 16 - न्यायालय के निर्णय या आदेश के अनुसार किया गया कार्य
- BNS धारा 17 - किसी व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य न्यायसंगत है, या तथ्य की गलती से खुद को कानून द्वारा उचित मानता है
- BNS धारा 18 - वैध कार्य करते समय दुर्घटना
- BNS धारा 19 - नुकसान पहुंचाने की संभावना वाला कार्य, लेकिन आपराधिक इरादे के बिना और अन्य नुकसान को रोकने के लिए किया गया
- BNS धारा 20 - सात साल से कम उम्र के बच्चे का कृत्य
- BNS धारा 21 - सात वर्ष से अधिक और बारह वर्ष से कम उम्र के अपरिपक्व समझ वाले बच्चे का कृत्य
- BNS धारा 22 - मानसिक बीमारी से पीड़ित व्यक्ति का कार्य
- BNS धारा 23 - अपनी इच्छा के विरुद्ध नशे के कारण निर्णय लेने में असमर्थ व्यक्ति का कार्य
- BNS धारा 24 - नशे में धुत्त व्यक्ति द्वारा किया गया अपराध जिसके लिए किसी विशेष इरादे या ज्ञान की आवश्यकता होती है
- BNS धारा 25 - सहमति से किया गया कार्य न तो इरादा है और न ही यह ज्ञात है कि इससे मृत्यु या गंभीर चोट लगने की संभावना है
- BNS धारा 26 - कार्य का उद्देश्य मृत्यु कारित करना नहीं है, व्यक्ति के लाभ के लिए सद्भावनापूर्वक सहमति से किया गया
- BNS धारा 27 - बच्चे या मानसिक बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के लाभ के लिए, अभिभावक की सहमति से या उसके द्वारा सद्भावपूर्वक किया गया कार्य
- BNS धारा 28 - डर या ग़लतफ़हमी के तहत दी गई सहमति
- BNS धारा 29 - ऐसे कृत्यों का बहिष्कार जो क्षति से स्वतंत्र रूप से अपराध हैं
- BNS धारा 30 - सहमति के बिना किसी व्यक्ति के लाभ के लिए सद्भावना से किया गया कार्य
- BNS धारा 31 - अच्छे विश्वास से किया गया संचार
- BNS धारा 32 - ऐसा कार्य जिसके लिए कोई व्यक्ति धमकियों से मजबूर हो
- BNS धारा 33 - मामूली नुकसान पहुंचाने वाला कार्य
- BNS धारा 34 - निजी रक्षा में किए गए कार्य
- BNS धारा 35 - शरीर और संपत्ति की निजी सुरक्षा का अधिकार
- BNS धारा 36 - मानसिक बीमारी आदि से पीड़ित व्यक्ति के कृत्य के खिलाफ निजी बचाव का अधिकार
- BNS धारा 37 - ऐसे कार्य जिनके विरुद्ध निजी बचाव का कोई अधिकार नहीं है
- BNS धारा 38 - जब शरीर की निजी सुरक्षा का अधिकार मृत्यु कारित करने तक विस्तारित हो
- BNS धारा 39 - जब ऐसा अधिकार मृत्यु के अलावा किसी अन्य नुकसान पहुंचाने तक विस्तारित हो
- BNS धारा 40 - शरीर की निजी सुरक्षा के अधिकार की शुरुआत और निरंतरता
- BNS धारा 41 - जब संपत्ति की निजी रक्षा का अधिकार मृत्यु कारित करने तक विस्तारित हो
- BNS धारा 42 - जब ऐसा अधिकार मृत्यु के अलावा किसी अन्य नुकसान पहुंचाने तक विस्तारित हो
- BNS धारा 43 - संपत्ति की निजी रक्षा के अधिकार की शुरुआत और निरंतरता
- BNS धारा 44 - निर्दोष व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने का जोखिम होने पर घातक हमले के खिलाफ निजी बचाव का अधिकार
- BNS धारा 45 - किसी चीज़ के लिए उकसाना
- BNS धारा 46 - दुष्प्रेरक
- BNS धारा 47 - भारत में भारत के बाहर अपराधों के लिए उकसाना
- BNS धारा 48 - भारत में अपराध के लिए भारत के बाहर उकसाना
- BNS धारा 49 - यदि दुष्प्रेरित कार्य परिणामस्वरूप किया जाता है और जहां इसकी सजा के लिए कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं किया गया है, तो दुष्प्रेरण की सजा।
- BNS धारा 50 - यदि उकसाने वाला व्यक्ति उकसाने वाले से भिन्न इरादे से कार्य करता है तो उकसाने की सजा दी जाएगी
- BNS धारा 51 - दुष्प्रेरक का दायित्व जब एक कार्य दुष्प्रेरित किया गया और दूसरा कार्य किया गया
- BNS धारा 52 - दुष्प्रेरक जब उकसाए गए कार्य और किए गए कार्य के लिए संचयी दंड के लिए उत्तरदायी हो
- BNS धारा 53 - दुष्प्रेरक द्वारा किए गए कृत्य से भिन्न प्रभाव के लिए दुष्प्रेरक का दायित्व
- BNS धारा 54 - जब अपराध किया जाता है तो दुष्प्रेरक उपस्थित होता है
- BNS धारा 55 - मौत या आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध के लिए उकसाना
- BNS धारा 56 - कारावास से दंडनीय अपराध के लिए उकसाना
- BNS धारा 57 - जनता या दस से अधिक व्यक्तियों द्वारा अपराध करने के लिए उकसाना
- BNS धारा 58 - मौत या आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध करने की योजना को छिपाना
- BNS धारा 59 - लोक सेवक अपराध करने की योजना को छिपा रहा है जिसे रोकना उसका कर्तव्य है
- BNS धारा 60 - कारावास से दंडनीय अपराध करने की योजना को छिपाना
- BNS धारा 61 - आपराधिक साजिश
- BNS धारा 62 - आजीवन कारावास या अन्य कारावास से दंडनीय अपराध करने का प्रयास करने के लिए सजा
- BNS धारा 63 - बलात्कार
- BNS धारा 64 - बलात्कार के लिए सजा
- BNS धारा 65 - कुछ मामलों में बलात्कार के लिए सजा
- BNS धारा 66 - मौत का कारण बनने या पीड़ित की लगातार क्षीण अवस्था के लिए सजा
- BNS धारा 67 - अलगाव के दौरान पति द्वारा अपनी पत्नी के साथ या अधिकार प्राप्त व्यक्ति द्वारा संभोग
- BNS धारा 68 - अधिकार प्राप्त व्यक्ति द्वारा संभोग
- BNS धारा 69 - कपटपूर्ण साधन आदि का उपयोग करके संभोग करना
- BNS धारा 70 - सामूहिक बलात्कार
- BNS धारा 71 - बार-बार अपराध करने वालों के लिए सजा
- BNS धारा 72 - कुछ अपराधों आदि के पीड़ित की पहचान का खुलासा
- BNS धारा 73 - न्यायालय की कार्यवाही से संबंधित किसी भी सामग्री को बिना अनुमति के छापना या प्रकाशित करना
- BNS धारा 74 - महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग
- BNS धारा 75 - यौन उत्पीड़न और यौन उत्पीड़न के लिए सजा
- BNS धारा 76 - महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग
- BNS धारा 77 - ताक-झांक
- BNS धारा 78 - पीछा करना
- BNS धारा 79 - किसी महिला की गरिमा का अपमान करने के उद्देश्य से शब्द, इशारा या कार्य
- BNS धारा 80 - दहेज हत्या
- BNS धारा 81 - किसी व्यक्ति द्वारा धोखे से वैध विवाह का विश्वास पैदा कर सहवास करना
- BNS धारा 82 - पति या पत्नी के जीवनकाल के दौरान दोबारा शादी करना
- BNS धारा 83 - वैध विवाह के बिना धोखे से विवाह समारोह संपन्न हुआ
- BNS धारा 84 - किसी विवाहित महिला को आपराधिक इरादे से फुसलाना या ले जाना या हिरासत में रखना
- BNS धारा 85 - किसी महिला का पति या पति का रिश्तेदार उसके साथ क्रूरता करता है
- BNS धारा 86 - क्रूरता की परिभाषा
- BNS धारा 87 - अपहरण, अपहरण या महिला को शादी के लिए मजबूर करने के लिए प्रेरित करना, आदि
- BNS धारा 88 - गर्भपात का कारण बनना
- BNS धारा 89 - महिला की सहमति के बिना गर्भपात करना
- BNS धारा 90 - गर्भपात कराने के इरादे से किए गए कार्य के कारण हुई मृत्यु
- BNS धारा 91 - बच्चे को जीवित पैदा होने से रोकने या जन्म के बाद उसकी मृत्यु का कारण बनने के इरादे से किया गया कार्य
- BNS धारा 92 - गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में आने वाले अजन्मे बच्चे की मृत्यु का कारण बनना
- BNS धारा 93 - बारह वर्ष से कम उम्र के बच्चे को माता-पिता या उसकी देखभाल करने वाले व्यक्ति द्वारा एक्सपोज़र और परित्याग
- BNS धारा 94 - मृत शरीर के गुप्त निपटान द्वारा जन्म को छिपाना
- BNS धारा 95 - अपराध करने के लिए बच्चे को काम पर रखना, नियोजित करना या नियुक्त करना
- BNS धारा 96 - बच्चे की प्राप्ति
- BNS धारा 97 - दस साल से कम उम्र के बच्चे का अपहरण या उससे चोरी करने के इरादे से अपहरण करना
- BNS धारा 98 - वेश्यावृत्ति आदि के लिए बच्चे को बेचना
- BNS धारा 99 - वेश्यावृत्ति आदि के लिए बच्चे को खरीदना
- BNS धारा 100 - गैर इरादतन हत्या
- BNS धारा 101 - हत्या
- BNS धारा 102 - जिस व्यक्ति की मृत्यु का इरादा था उसके अलावा किसी अन्य व्यक्ति की मृत्यु कारित करके गैर इरादतन हत्या
- BNS धारा 103 - हत्या के लिए सजा
- BNS धारा 104 - आजीवन कारावास की सजा
- BNS धारा 105 - गैर इरादतन हत्या के लिए सजा
- BNS धारा 106 - लापरवाही से मौत का कारण
- BNS धारा 107 - मानसिक बीमारी से पीड़ित बच्चे या व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाना
- BNS धारा 108 - आत्महत्या के लिए उकसाना
- BNS धारा 109 - हत्या का प्रयास
- BNS धारा 110 - गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास
- BNS धारा 111 - संगठित अपराध
- BNS धारा 112 - छोटे संगठित अपराध या सामान्य रूप से संगठित
- BNS धारा 113 - आतंकवादी कृत्य का अपराध
- BNS धारा 114 - चोट पहुंचाना
- BNS धारा 115 - स्वेच्छा से चोट पहुंचाना
- BNS धारा 116 - गंभीर चोट
- BNS धारा 117 - स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना
- BNS धारा 118 - खतरनाक हथियारों या साधनों से स्वेच्छा से चोट पहुंचाना या गंभीर चोट पहुंचाना
- BNS धारा 119 - संपत्ति की उगाही करने के लिए, या किसी अवैध कार्य के लिए बाध्य करने के लिए स्वेच्छा से चोट या गंभीर चोट पहुंचाना
- BNS धारा 120 - अपराध स्वीकार करने के लिए, या संपत्ति की बहाली के लिए मजबूर करने के लिए स्वेच्छा से चोट या गंभीर चोट पहुंचाना
- BNS धारा 121 - लोक सेवक को उसके कर्तव्य से रोकने के लिए स्वेच्छा से चोट पहुंचाना या गंभीर चोट पहुंचाना
- BNS धारा 122 - उकसावे पर स्वेच्छा से चोट पहुंचाना या गंभीर चोट पहुंचाना
- BNS धारा 123 - अपराध करने के इरादे से जहर आदि के माध्यम से चोट पहुंचाना
- BNS धारा 124 - एसिड आदि के उपयोग से स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना
- BNS धारा 125 - दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कार्य
- BNS धारा 126 - गलत तरीके से रोकना
- BNS धारा 127 - गलत तरीके से कारावास
- BNS धारा 128 - बल
- BNS धारा 129 - आपराधिक बल
- BNS धारा 130 - हमला
- BNS धारा 131 - गंभीर उकसावे के अलावा अन्यथा हमला या आपराधिक बल के लिए सजा
- BNS धारा 132 - लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल
- BNS धारा 133 - गंभीर उकसावे के अलावा किसी व्यक्ति का अपमान करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल प्रयोग
- BNS धारा 134 - किसी व्यक्ति द्वारा लाई गई संपत्ति की चोरी करने के प्रयास में हमला या आपराधिक बल
- BNS धारा 135 - किसी व्यक्ति को गलत तरीके से कैद करने के प्रयास में हमला या आपराधिक बल
- BNS धारा 136 - गंभीर उकसावे पर हमला या आपराधिक बल
- BNS धारा 137 - अपहरण
- BNS धारा 138 - अपहरण
- BNS धारा 139 - भीख मांगने के लिए किसी बच्चे का अपहरण करना या अपंग बनाना
- BNS धारा 140 - हत्या या फिरौती आदि के लिए अपहरण या अपहरण
- BNS धारा 141 - विदेश से लड़की या लड़के का आयात
- BNS धारा 142 - अपहृत या अपहृत व्यक्ति को गलत तरीके से छुपाना या कैद में रखना
- BNS धारा 143 - व्यक्ति की तस्करी
- BNS धारा 144 - तस्करी किए गए व्यक्ति का शोषण
- BNS धारा 145 - दासों का आदतन व्यवहार
- BNS धारा 146 - गैरकानूनी अनिवार्य श्रम
- BNS धारा 147 - भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध छेड़ना, या युद्ध छेड़ने का प्रयास करना, या युद्ध छेड़ने के लिए उकसाना
- BNS धारा 148 - धारा 145 द्वारा दंडनीय अपराध करने की साजिश
- BNS धारा 149 - भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से हथियार आदि इकट्ठा करना
- BNS धारा 150 - युद्ध छेड़ने की योजना को सुविधाजनक बनाने के इरादे से छिपाना
- BNS धारा 151 - किसी वैध शक्ति के प्रयोग को मजबूर करने या रोकने के इरादे से राष्ट्रपति, राज्यपाल आदि पर हमला करना
- BNS धारा 152 - भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कार्य
- BNS धारा 153 - भारत सरकार के साथ शांति रखने वाले किसी भी विदेशी राज्य की सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना
- BNS धारा 154 - भारत सरकार के साथ शांति में रहने वाले विदेशी राज्य के क्षेत्रों पर लूटपाट करना
- BNS धारा 155 - धारा 153 और 154 में उल्लिखित युद्ध या लूटपाट से ली गई संपत्ति प्राप्त करना
- BNS धारा 156 - लोक सेवक स्वेच्छा से राज्य या युद्ध कैदी को भागने की इजाजत दे रहा है
- BNS धारा 157 - लोक सेवक लापरवाही से ऐसे कैदी को भागने में कष्ट दे रहा है
- BNS धारा 158 - ऐसे कैदी को भागने में सहायता करना, छुड़ाना या आश्रय देना
- BNS धारा 159 - विद्रोह के लिए उकसाना, या किसी सैनिक, नाविक या वायुसैनिक को उसके कर्तव्य से विमुख करने का प्रयास करना
- BNS धारा 160 - विद्रोह के लिए उकसाना, यदि उसके परिणामस्वरूप विद्रोह किया जाता है
- BNS धारा 161 - अपने कार्यालय के निष्पादन के दौरान सैनिक, नाविक या वायुसैनिक द्वारा अपने वरिष्ठ अधिकारी पर हमले के लिए उकसाना
- BNS धारा 162 - ऐसे हमले के लिए उकसाना, यदि हमला किया गया हो
- BNS धारा 163 - सैनिक, नाविक या वायुसैनिक को देश छोड़ने के लिए उकसाना
- BNS धारा 164 - भगोड़े को शरण देना
- BNS धारा 165 - मास्टर की लापरवाही से व्यापारी जहाज पर भगोड़ा छिप गया
- BNS धारा 166 - सैनिक, नाविक या वायुसैनिक द्वारा अवज्ञा के कार्य के लिए उकसाना
- BNS धारा 167 - कुछ अधिनियमों के अधीन व्यक्ति
- BNS धारा 168 - सैनिक, नाविक या वायुसैनिक द्वारा उपयोग की जाने वाली पोशाक पहनना या टोकन ले जाना
- BNS धारा 169 - उम्मीदवार, चुनावी अधिकार परिभाषित
- BNS धारा 170 - रिश्वतखोरी
- BNS धारा 171 - चुनाव में अनुचित प्रभाव
- BNS धारा 172 - चुनाव में प्रतिरूपण
- BNS धारा 173 - रिश्वतखोरी के लिए सजा
- BNS धारा 174 - चुनाव में अनुचित प्रभाव या दिखावे के लिए सजा
- BNS धारा 175 - चुनाव के संबंध में गलत बयान
- BNS धारा 176 - चुनाव के संबंध में अवैध भुगतान
- BNS धारा 177 - चुनाव खाते रखने में विफलता
- BNS धारा 178 - नकली सिक्का, सरकारी टिकट, करेंसी-नोट या बैंक-नोट
- BNS धारा 179 - सिक्के, सरकारी स्टांप, करेंसी-नोट या बैंक नोट का असली, जाली या नकली के रूप में उपयोग करना
- BNS धारा 180 - जाली या जाली सिक्के, सरकारी मोहर, करेंसी-नोट या बैंक-नोट का कब्ज़ा
- BNS धारा 181 - सिक्का, सरकारी स्टांप, करेंसी नोट या बैंक-नोट बनाने या जाली बनाने के लिए उपकरण या सामग्री बनाना या रखना
- BNS धारा 182 - करेंसी-नोट या बैंक-नोट जैसे दस्तावेज़ बनाना या उपयोग करना
- BNS धारा 183 - सरकार को नुकसान पहुंचाने के इरादे से सरकारी स्टांप वाले पदार्थ से लेखन को मिटाना, या इसके लिए इस्तेमाल किए गए स्टांप को दस्तावेज़ से हटाना
- BNS धारा 184 - ज्ञात सरकारी स्टांप का उपयोग करना जो पहले इस्तेमाल किया गया हो
- BNS धारा 185 - उस चिह्न को मिटाना जो दर्शाता है कि स्टांप का उपयोग किया गया है
- BNS धारा 186 - काल्पनिक टिकटों का निषेध
- BNS धारा 187 - टकसाल में कार्यरत व्यक्ति सिक्के का वजन या संरचना कानून द्वारा निर्धारित वजन से भिन्न बनाता है
- BNS धारा 188 - टकसाल से सिक्का बनाने के उपकरण को गैरकानूनी तरीके से लेना
- BNS धारा 189 - गैरकानूनी जमावड़ा
- BNS धारा 190 - गैरकानूनी सभा का प्रत्येक सदस्य सामान्य उद्देश्य के अभियोजन में किए गए अपराध का दोषी है
- BNS धारा 191 - दंगा
- BNS धारा 192 - दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना - यदि दंगा किया जाए; यदि प्रतिबद्ध नहीं है
- BNS धारा 193 - उस भूमि के मालिक, कब्जाधारी आदि का दायित्व, जिस पर गैरकानूनी सभा या दंगा होता है
- BNS धारा 194 - झगड़ा
- BNS धारा 195 - दंगा आदि को दबाते समय लोक सेवक पर हमला करना या बाधा डालना
- BNS धारा 196 - धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रतिकूल कार्य करना
- BNS धारा 197 - राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक आरोप, दावे
- BNS धारा 198 - लोक सेवक द्वारा किसी व्यक्ति को चोट पहुंचाने के इरादे से कानून की अवज्ञा करना
- BNS धारा 199 - लोक सेवक कानून के तहत निर्देश की अवज्ञा कर रहा है
- BNS धारा 200 - पीड़ित का इलाज न करने पर सजा
- BNS धारा 201 - लोक सेवक चोट पहुंचाने के इरादे से गलत दस्तावेज तैयार कर रहा है
- BNS धारा 202 - लोक सेवक अवैध रूप से व्यापार में संलग्न
- BNS धारा 203 - लोक सेवक गैरकानूनी तरीके से संपत्ति खरीदना या बोली लगाना
- BNS धारा 204 - एक लोक सेवक का रूप धारण करना
- BNS धारा 205 - धोखाधड़ी के इरादे से लोक सेवक द्वारा उपयोग की जाने वाली पोशाक पहनना या टोकन रखना
- BNS धारा 206 - समन या अन्य कार्यवाही से बचने के लिए फरार होना
- BNS धारा 207 - समन या अन्य कार्यवाही की तामील को रोकना, या उसके प्रकाशन को रोकना
- BNS धारा 208 - लोक सेवक के आदेश के अनुपालन में गैर-उपस्थिति
- BNS धारा 209 - 2023 के अधिनियम की धारा 82 के तहत उद्घोषणा के जवाब में गैर-उपस्थिति
- BNS धारा 210 - इसे प्रस्तुत करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य व्यक्ति द्वारा लोक सेवक को दस्तावेज प्रस्तुत करने में चूक
- BNS धारा 211 - इसे देने के लिए कानूनी रूप से बाध्य व्यक्ति द्वारा लोक सेवक को नोटिस या जानकारी देने में चूक
- BNS धारा 212 - गलत जानकारी प्रस्तुत करना
- BNS धारा 213 - लोक सेवक द्वारा विधिवत अपेक्षित होने पर शपथ या प्रतिज्ञान से इंकार करना
- BNS धारा 214 - सवाल करने के लिए अधिकृत लोक सेवक को जवाब देने से इनकार करना
- BNS धारा 215 - बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार करना
- BNS धारा 216 - लोक सेवक या शपथ या प्रतिज्ञान दिलाने के लिए अधिकृत व्यक्ति को शपथ या प्रतिज्ञान पर गलत बयान देना
- BNS धारा 217 - लोक सेवक को किसी अन्य व्यक्ति को चोट पहुंचाने के लिए अपनी कानूनी शक्ति का उपयोग करने के इरादे से झूठी जानकारी
- BNS धारा 218 - किसी लोक सेवक के वैध प्राधिकारी द्वारा संपत्ति लेने का विरोध
- BNS धारा 219 - लोक सेवक के प्राधिकार द्वारा बिक्री के लिए प्रस्तावित संपत्ति की बिक्री में बाधा डालना
- BNS धारा 220 - लोक सेवक के प्राधिकार द्वारा बिक्री के लिए प्रस्तावित संपत्ति की अवैध खरीद या बोली
- BNS धारा 221 - लोक सेवक को सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा डालना
- BNS धारा 222 - सहायता देने के लिए कानून द्वारा बाध्य होने पर लोक सेवक की सहायता करने में चूक
- BNS धारा 223 - लोक सेवक द्वारा विधिवत प्रख्यापित आदेश की अवज्ञा
- BNS धारा 224 - लोक सेवक को चोट पहुंचाने की धमकी
- BNS धारा 225 - किसी व्यक्ति को लोक सेवक की सुरक्षा के लिए आवेदन करने से रोकने के लिए चोट पहुंचाने की धमकी
- BNS धारा 226 - वैध शक्ति के प्रयोग को मजबूर करने या रोकने के लिए आत्महत्या करने का प्रयास
- BNS धारा 227 - झूठा साक्ष्य देना
- BNS धारा 228 - झूठे साक्ष्य गढ़ना
- BNS धारा 229 - झूठे साक्ष्य के लिए सजा
- BNS धारा 230 - मृत्युदंड अपराध की सजा दिलाने के इरादे से झूठे सबूत देना या गढ़ना
- BNS धारा 231 - आजीवन कारावास या कारावास से दंडनीय अपराध की सजा पाने के इरादे से झूठे सबूत देना या गढ़ना
- BNS धारा 232 - किसी भी व्यक्ति को गलत साक्ष्य देने के लिए धमकाना
- BNS धारा 233 - झूठे ज्ञात साक्ष्य का उपयोग करना
- BNS धारा 234 - गलत प्रमाणपत्र जारी करना या हस्ताक्षर करना
- BNS धारा 235 - गलत माने जाने वाले प्रमाणपत्र को सत्य के रूप में उपयोग करना
- BNS धारा 236 - घोषणा में दिया गया गलत बयान जो कानून द्वारा साक्ष्य के रूप में प्राप्य है
- BNS धारा 237 - ऐसी घोषणा को गलत जानकर सत्य के रूप में उपयोग करना
- BNS धारा 238 - अपराध के सबूतों को गायब करना, या स्क्रीन अपराधी को गलत जानकारी देना
- BNS धारा 239 - सूचित करने के लिए बाध्य व्यक्ति द्वारा अपराध की जानकारी देने में जानबूझकर चूक
- BNS धारा 240 - किए गए अपराध के संबंध में गलत जानकारी देना
- BNS धारा 241 - दस्तावेज़ को सबूत के तौर पर पेश करने से रोकने के लिए उसे नष्ट करना
- BNS धारा 242 - मुकदमे या अभियोजन में कार्य या कार्यवाही के उद्देश्य से गलत प्रतिरूपण
- BNS धारा 243 - संपत्ति को जब्त या निष्पादन में जब्त होने से रोकने के लिए संपत्ति को धोखाधड़ी से हटाना या छुपाना
- BNS धारा 244 - संपत्ति को ज़ब्त या निष्पादन में जब्त होने से रोकने के लिए धोखाधड़ी से किया गया दावा
- BNS धारा 245 - देय राशि के लिए धोखाधड़ी से डिक्री भुगतना
- BNS धारा 246 - बेईमानी से अदालत में झूठा दावा करना
- BNS धारा 247 - धोखाधड़ी से देय राशि के लिए डिक्री प्राप्त करना
- BNS धारा 248 - चोट पहुंचाने के इरादे से लगाया गया अपराध का झूठा आरोप
- BNS धारा 249 - अपराधी को शरण देना
- BNS धारा 250 - किसी अपराधी को सजा से बचाने के लिए उपहार आदि लेना
- BNS धारा 251 - अपराधी की जांच के लिए उपहार की पेशकश करना या संपत्ति की बहाली करना
- BNS धारा 252 - चोरी की गई संपत्ति को वापस पाने में मदद के लिए उपहार लेना, आदि
- BNS धारा 253 - ऐसे अपराधी को शरण देना जो हिरासत से भाग गया है या जिसकी गिरफ्तारी का आदेश दिया गया है
- BNS धारा 254 - लुटेरों या डकैतों को शरण देने के लिए जुर्माना
- BNS धारा 255 - लोक सेवक द्वारा किसी व्यक्ति को सजा से या संपत्ति को जब्त होने से बचाने के इरादे से कानून के निर्देशों की अवहेलना करना
- BNS धारा 256 - लोक सेवक द्वारा किसी व्यक्ति को सजा से या संपत्ति को जब्त होने से बचाने के इरादे से गलत रिकॉर्ड या लेखन तैयार करना
- BNS धारा 257 - न्यायिक कार्यवाही में लोक सेवक द्वारा कानून के विपरीत भ्रष्ट तरीके से रिपोर्ट आदि बनाना
- BNS धारा 258 - अधिकार रखने वाले व्यक्ति द्वारा परीक्षण या कारावास के लिए प्रतिबद्धता, जो जानता है कि वह कानून के विपरीत कार्य कर रहा है
- BNS धारा 259 - पकड़ने के लिए बाध्य लोक सेवक की ओर से पकड़ने में जानबूझकर चूक
- BNS धारा 260 - सजा के तहत या कानूनी रूप से प्रतिबद्ध व्यक्ति को पकड़ने के लिए बाध्य लोक सेवक की ओर से जानबूझकर चूक करना
- BNS धारा 261 - लोक सेवक द्वारा लापरवाही से कारावास या हिरासत से भागना
- BNS धारा 262 - किसी व्यक्ति द्वारा उसकी वैध गिरफ्तारी का विरोध या बाधा
- BNS धारा 263 - किसी अन्य व्यक्ति की वैध गिरफ्तारी का विरोध या बाधा
- BNS धारा 264 - लोक सेवक की ओर से गिरफ्तार करने में चूक करना, या भागने का कष्ट सहना, ऐसे मामलों में, जिनके लिए अन्यथा प्रावधान नहीं किया गया है
- BNS धारा 265 - अन्यथा प्रदान न किए गए मामलों में वैध गिरफ्तारी या भागने या बचाव में प्रतिरोध या बाधा
- BNS धारा 266 - सजा से छूट की शर्त का उल्लंघन
- BNS धारा 267 - न्यायिक कार्यवाही में बैठे लोक सेवक का जानबूझकर अपमान या व्यवधान
- BNS धारा 268 - एक मूल्यांकनकर्ता का व्यक्तित्व
- BNS धारा 269 - जमानत या बांड पर रिहा किए गए व्यक्ति द्वारा अदालत में उपस्थित होने में विफलता
- BNS धारा 270 - सार्वजनिक उपद्रव
- BNS धारा 271 - लापरवाही से किए गए कार्य से जीवन के लिए खतरनाक बीमारी का संक्रमण फैलने की संभावना
- BNS धारा 272 - घातक कृत्य से जीवन के लिए खतरनाक बीमारी का संक्रमण फैलने की संभावना
- BNS धारा 273 - संगरोध नियम की अवज्ञा
- BNS धारा 274 - बिक्री के लिए इच्छित भोजन या पेय में मिलावट
- BNS धारा 275 - हानिकारक भोजन या पेय की बिक्री
- BNS धारा 276 - दवाओं में मिलावट
- BNS धारा 277 - मिलावटी दवाओं की बिक्री
- BNS धारा 278 - एक अलग दवा या तैयारी के रूप में दवा की बिक्री
- BNS धारा 279 - सार्वजनिक झरने या जलाशय के पानी को गंदा करना
- BNS धारा 280 - वातावरण को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बनाना
- BNS धारा 281 - सार्वजनिक रास्ते पर लापरवाही से गाड़ी चलाना या सवारी करना
- BNS धारा 282 - जहाज का लापरवाही से नेविगेशन
- BNS धारा 283 - झूठी रोशनी, निशान या बोया का प्रदर्शन
- BNS धारा 284 - असुरक्षित या अतिभारित जहाज में किराये के लिए पानी द्वारा व्यक्ति को ले जाना
- BNS धारा 285 - सार्वजनिक रास्ते या नेविगेशन लाइन में खतरा या बाधा
- BNS धारा 286 - जहरीले पदार्थ के संबंध में लापरवाही भरा आचरण
- BNS धारा 287 - आग या ज्वलनशील पदार्थ के संबंध में लापरवाहीपूर्ण आचरण
- BNS धारा 288 - विस्फोटक पदार्थ के संबंध में लापरवाहीपूर्ण आचरण
- BNS धारा 289 - मशीनरी के संबंध में लापरवाहीपूर्ण आचरण
- BNS धारा 290 - इमारतों को गिराने, मरम्मत करने या निर्माण करने आदि के संबंध में लापरवाही भरा आचरण
- BNS धारा 291 - जानवर के संबंध में लापरवाहीपूर्ण आचरण
- BNS धारा 292 - ऐसे मामलों में सार्वजनिक उपद्रव के लिए सजा जो अन्यथा प्रदान नहीं की गई है
- BNS धारा 293 - उपद्रव रोकने के आदेश के बाद भी उपद्रव जारी रखना
- BNS धारा 294 - अश्लील पुस्तकों आदि की बिक्री, आदि
- BNS धारा 295 - बच्चे को अश्लील वस्तुओं की बिक्री, आदि।
- BNS धारा 296 - अश्लील हरकतें और गाने
- BNS धारा 297 - लॉटरी कार्यालय रखना
- BNS धारा 298 - किसी भी वर्ग के धर्म का अपमान करने के इरादे से पूजा स्थल को नुकसान पहुंचाना या अपवित्र करना
- BNS धारा 299 - जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, जिसका उद्देश्य किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना है
- BNS धारा 300 - धार्मिक सभा में विघ्न डालना
- BNS धारा 301 - कब्रिस्तान आदि पर अतिक्रमण करना
- BNS धारा 302 - धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के जानबूझकर इरादे से शब्दों आदि का उच्चारण करना
- BNS धारा 303 - चोरी
- BNS धारा 304 - छीनना
- BNS धारा 305 - किसी आवासीय घर, परिवहन के साधन या पूजा स्थल आदि में चोरी
- BNS धारा 306 - मालिक के कब्जे में संपत्ति की क्लर्क या नौकर द्वारा चोरी
- BNS धारा 307 - चोरी करने के लिए मृत्यु, चोट या अवरोध उत्पन्न करने की तैयारी के बाद चोरी करना
- BNS धारा 308 - जबरन वसूली
- BNS धारा 309 - डकैती
- BNS धारा 310 - डकैती
- BNS धारा 311 - लूट या डकैती, मौत या गंभीर चोट पहुंचाने के प्रयास के साथ
- BNS धारा 312 - घातक हथियार से लैस होकर डकैती या डकैती करने का प्रयास
- BNS धारा 313 - लुटेरों, डकैतों, आदि के गिरोह से संबंधित होने के लिए सजा
- BNS धारा 314 - संपत्ति का बेईमानी से दुरुपयोग
- BNS धारा 315 - मृत व्यक्ति की मृत्यु के समय उसके पास मौजूद संपत्ति का बेईमानी से दुरुपयोग
- BNS धारा 316 - आपराधिक विश्वास का उल्लंघन
- BNS धारा 317 - चोरी की संपत्ति
- BNS धारा 318 - धोखाधड़ी
- BNS धारा 319 - पहचान के आधार पर धोखाधड़ी
- BNS धारा 320 - लेनदारों के बीच वितरण को रोकने के लिए संपत्ति को बेईमानी से या धोखाधड़ी से हटाना या छिपाना
- BNS धारा 321 - बेईमानी से या धोखाधड़ी से लेनदारों के लिए ऋण उपलब्ध होने से रोकना
- BNS धारा 322 - गलत प्रतिफल विवरण वाले हस्तांतरण विलेख का बेईमानी से या धोखाधड़ी से निष्पादन
- BNS धारा 323 - बेईमानी से या धोखाधड़ी से संपत्ति को हटाना या छिपाना
- BNS धारा 324 - शरारत
- BNS धारा 325 - जानवर को मारकर या अपंग बनाकर शरारत करना
- BNS धारा 326 - चोट, बाढ़, आग या विस्फोटक पदार्थ, आदि द्वारा शरारत
- BNS धारा 327 - रेल, विमान, डेक वाले जहाज या बीस टन वजन वाले जहाज को नष्ट करने या असुरक्षित बनाने के इरादे से शरारत
- BNS धारा 328 - चोरी आदि करने के इरादे से जानबूझकर जहाज को किनारे या किनारे पर चलाने के लिए सजा
- BNS धारा 329 - आपराधिक अतिचार और घर-अतिचार
- BNS धारा 330 - घर-अतिचार और घर-तोड़ना
- BNS धारा 331 - घर में अतिक्रमण या घर तोड़ने के लिए सजा
- BNS धारा 332 - अपराध करने के लिए घर में अतिक्रमण
- BNS धारा 333 - चोट, हमले या गलत तरीके से रोकने की तैयारी के बाद घर में अतिक्रमण
- BNS धारा 334 - बेईमानी से संपत्ति वाले पात्र को तोड़ना
- BNS धारा 335 - झूठा दस्तावेज़ बनाना
- BNS धारा 336 - जालसाजी
- BNS धारा 337 - न्यायालय या सार्वजनिक रजिस्टर आदि के रिकॉर्ड की जालसाजी
- BNS धारा 338 - मूल्यवान सुरक्षा, वसीयत आदि की जालसाजी
- BNS धारा 339 - धारा 335 या 336 में वर्णित दस्तावेज़ को कब्जे में रखना, यह जानते हुए कि यह जाली है और इसे वास्तविक के रूप में उपयोग करने का इरादा है
- BNS धारा 340 - जाली दस्तावेज़ या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड और इसे वास्तविक के रूप में उपयोग करना
- BNS धारा 341 - जालसाजी करने के इरादे से नकली मुहर आदि बनाना या रखना, धारा 336 के तहत दंडनीय है
- BNS धारा 342 - धारा 336 में वर्णित दस्तावेजों को प्रमाणित करने के लिए उपयोग किया जाने वाला नकली उपकरण या चिह्न, या नकली चिह्नित सामग्री रखना
- BNS धारा 343 - वसीयत, गोद लेने के अधिकार, या मूल्यवान सुरक्षा को धोखाधड़ी से रद्द करना, नष्ट करना, आदि
- BNS धारा 344 - खातों का मिथ्याकरण
- BNS धारा 345 - संपत्ति चिह्न
- BNS धारा 346 - चोट पहुंचाने के इरादे से संपत्ति चिह्न के साथ छेड़छाड़
- BNS धारा 347 - संपत्ति चिह्न की जालसाजी करना
- BNS धारा 348 - संपत्ति चिह्न की जालसाजी के लिए कोई उपकरण बनाना या उस पर कब्ज़ा करना
- BNS धारा 349 - नकली संपत्ति चिह्न से चिह्नित सामान बेचना
- BNS धारा 350 - सामान रखने वाले किसी भी पात्र पर गलत निशान बनाना
- BNS धारा 351 - आपराधिक धमकी
- BNS धारा 352 - शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान
- BNS धारा 353 - सार्वजनिक उपद्रव फैलाने वाले बयान
- BNS धारा 354 - व्यक्ति को यह विश्वास दिलाने के लिए प्रेरित करने के कारण किया गया कार्य कि उसे दैवीय अप्रसन्नता का पात्र बना दिया जाएगा
- BNS धारा 355 - शराबी व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक रूप से दुर्व्यवहार
- BNS धारा 356 - मानहानि
- BNS धारा 357 - असहाय व्यक्ति की जरूरतों को पूरा करने और आपूर्ति करने के अनुबंध का उल्लंघन
- BNS धारा 358 - निरसन और बचत