बीएनएस धारा 118 क्या है (BNS 118 in Hindi) - सजा, जमानत और बचाव


BNS Section 118 in Hindi

क्या आप जानते हैं कि गुस्से में जानबूझकर किसी व्यक्ति पर किसी खतरनाक वस्तु से हमला करना आपको सारी उम्र जेल की सलाखों के पीछे भेज सकता है। जी हाँ अकसर हम किसी व्यक्ति से बदला लेने के चक्कर में कोई ऐसा अपराध कर देते है, जिसके बाद हमें पूरे जीवन अफसोस में गुजारना पड़ता है। यदि ऐसे अपराधों के लिए बनाए गई सजा व अन्य कानूनों की जानकारी हमें पहले से हो तो, इंसान ऐसे अपराधों को करने से पहले कई बार सोचेगा। इसलिए हम भारतीय न्याय संहिता की बहुत ही गंभीर अपराध की धारा के बारे में जानकारी देंगे की बीएनएस की धारा 118 क्या है (BNS Section 118 in Hindi)? यह किस अपराध में लागू होती है? धारा 118 की सजा और जमानत का प्रावधान?

भारतीय न्याय संहिता को लागू हुए अभी कुछ ही समय हुआ है इसलिए आप सभी का यह जानना भी जरुरी है, कि ऐसे अपराधों के लिए पहले भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 324 व 326 लागू की जाती थी। परन्तु अब भविष्य में होने वाले इस प्रकार के सभी अपराधों के लिए भारतीय न्याय संहिता की धारा (BNS) 118 के तहत ही कार्यवाही की जाएगी। इसलिए देश के सभी नागरिकों के साथ-साथ जिन व्यक्तियों पर BNS Section 118 के तहत मामले दर्ज किए जा रहे है। उन सब को इस अपराध में होने वाली आगे की कार्यवाही व बचाव उपायों से जुड़ी जानकारी इस लेख से प्राप्त होगी। इसलिए इस लेख को अंत तक जरुर पढ़े।


बीएनएस धारा 118 क्या है यह कब लागू होती है- BNS Section 118 in Hindi

भारतीय न्याय संहिता की धारा 118 जो ख़तरनाक हथियारों या साधनों (Dangerous Weapons) के द्वारा स्वेच्छा से किसी व्यक्ति को चोट पहुँचाने या गंभीर चोट पहुँचाने (hurt or grievous hurt) के अपराध के बारे में बताती है। यदि कोई व्यक्ति किसी भी खतरनाक हथियार या तरीकों द्वारा किसी अन्य व्यक्ति को जानबूझकर (Intentionally) नुकसान पहुँचाने या गंभीर चोट पहुँचाने का अपराध करता है।

उस व्यक्ति पर बीएनएस की धारा 118 व उसकी उपधाराओं (Sub-Sections) के तहत कार्यवाही की जाती है। बीएनएस की धारा 118 को दो उपधाराओं में अपराध की गंभीरता के हिसाब से बाँटा गया है। इन दोनों उपधाराओं में सजा को भी अलग-अलग प्रकार से बताया गया है।

  • बीएनएस धारा 118 की उपधारा (1):- इसमें बताया गया है कि यदि कोई व्यक्ति खुद की इच्छा से किसी खतरनाक हथियार या साधन का उपयोग करके किसी व्यक्ति को चोट पहुँचा देता है। तो उस व्यक्ति पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 118(1) लागू कर कार्यवाही की जाती है। इसमें केवल चोट के बारे में बताया गया है, मानव शरीर (Human Body) के किसी भी हिस्से में होने वाले किसी भी दर्द, या पीड़ा को चोट कहा जाता है।
  • बीएनएस धारा 118 की उपधारा (2): यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से किसी खतरनाक हथियार व अन्य साधन से किसी व्यक्ति को गंभीर चोट (Grievous Hurt) पहुँचाने का अपराध करेगा। उस व्यक्ति पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 118(2) के तहत कार्यवाही की जाती है। गंभीर चोट वो होती है जिनकी वजह से किसी व्यक्ति की जान को भी खतरा हो सकता है।


इन दोनों में समझने योग्य बात यह है कि उपधारा (1) में खतरनाक हथियार व साधन के उपयोग से केवल चोट लगने के बारे में बताया गया है। लेकिन उपधारा (2) में खतरनाक हथियारों व साधन द्वारा गंभीर चोट लगने के बारे में बताया गया है। इन दोनों में मुख्य अंतर चोट व गंभीर चोट के बीच देखने को मिलता है।


भारतीय न्याय संहिता की धारा 118 के आवश्यक तत्व

  • आरोपी व्यक्ति ने पीड़ित व्यक्ति को जानबूझकर नुकसान पहुँचाया होगा या गंभीर चोट पहुँचाई होगी।
  • नुकसान पहुँचाने का कार्य जानबूझकर किया जाना चाहिए और आकस्मिक (Accidental) नहीं होना चाहिए।
  • नुकसान या चोट किसी खतरनाक हथियार (Dangerous Weapons) का उपयोग करके पहुँचाई गई होगी।
  • "खतरनाक हथियार" ऐसी वस्तु होती है जो हथियार के रुप में इस्तेमाल की जा सकती है। जिनकी इस्तेमाल से किसी व्यक्ति की मृत्यु या गंभीर चोट पहुँचने की संभावना होती है। जैसे बंदूक चाकू, तलवारें, एसिड और विस्फोटक आदि।

BNS 118 के तहत अपराध में शामिल कुछ कार्य

  • किसी व्यक्ति पर चाकू (Knife) से हमला करना और उसे चोट पहुंचाना।
  • किसी व्यक्ति पर बंदूक से गोली मारकर उसे घायल (Injured) करना या मार डालना।
  • किसी व्यक्ति को लाठी या डंडे से पीटना।
  • तेजधार हथियार जैसे कि कुल्हाड़ी, तलवार आदि से हमला करना।
  • एसिड फेंककर किसी व्यक्ति को गंभीर रूप से जलाना।
  • किसी व्यक्ति को जानबूझकर जहरीला पदार्थ या वस्तु खिलाना।
  • किसी भी विस्फोट (Explosion) वाली वस्तु का उपयोग करके नुकसान पहुँचाना।
  • किसी व्यक्ति पर गर्म तेल या पानी डालकर उसे जलाना।


इनसे अलग भी अन्य प्रकार के कार्य हो सकते है जिनको करने वाले किसी भी व्यक्ति पर BNS Section 118 व उसकी उपधाराओं (Sub-Sections) के तहत कार्यवाही की जा सकती है।


बीएनएस सेक्शन 118 के जुर्म का उदाहरण

अर्जुन और विवेक दोनों एक कॉलेज के हॉस्टल में रहते थे। वहाँ पर वे दोनों बहुत समय से एक साथ रहते थे और शुरूआत से ही दोनों में बहुत अच्छी दोस्ती थी। लेकिन धीरे-धीरे उनके बीच छोटी-छोटी बातों पर कहासुनी होने लगी थी। जिसकी वजह से वे दोनों ही एक दूसरे से नफरत करने लगे थे।

एक दिन दोनों अपने कमरे में ही बैठे होते है, और उनके बीच किसी बात को लेकर बहस हो जाती है। कुछ ही देर बाद बहस इतनी बढ़ जाती जिसमें अर्जुन जानबूझकर विवेक पर पास ही रखे चाकू से हमला (Attack) कर देता है। जिससे विवेक को बहुत ही गंभीर चोट लग जाती है, और वह घायल हो जाता है। इस घटना के बाद पुलिस वहां आती है और अर्जुन को गिरफ्तार कर लेती है।

पुलिस अर्जुन के खिलाफ विवेक पर खतरनाक हथियार से हमला कर गंभीर चोट पहुंचाने के अपराध की धारा 118 के तहत केस दर्ज कर लेती है।


BNS Section 118 (1) (2) के तहत अपराध की सजा

भारतीय न्याय संहिता की धारा 118 में स्वेच्छा से किसी भी व्यक्ति पर खतरनाक हथियार के द्वारा हमले के दोषी (Guilty) व्यक्तियों को सजा (Punishment) भी अपराध की गंभीरता को देखते हुए ही दी जाती है। जिनको इसकी उपधाराओं में ही बताया गया है, आइये विस्तार से जानते है:-

  • BNS 118 (1) की सजा :- जो भी व्यक्ति खुद की इच्छा से जानबूझकर किसी व्यक्ति को खतरनाक हथियार द्वारा नुकसान या चोट पहुंचाता है। उस व्यक्ति को न्यायालय द्वारा दोषी पाये जाने पर 3 साल तक की कैद, व 20,000 रुपये के जुर्माने (Fine) से दंडित (Punished) किया जाता है।
  • BNS 118 (2) की सजा:- इसके अनुसार यदि कोई व्यक्ति अपनी मर्जी से किसी व्यक्ति को खतरनाक हथियार या साधन का उपयोग करके गंभीर चोट पहुँचाने का अपराध करता है। जिससे पीड़ित व्यक्ति (Victim Person) की जान जाने की भी संभावना (Possibility) बन सकती है। ऐसे व्यक्ति को दोषी पाये जाने पर कम से कम एक वर्ष से लेकर आजीवन कारावास (Life Imprisonment) व जुर्माने की सजा से दंडित किया जा सकता है।

भारतीय न्याय संहिता की धारा 118 में जमानत कब व कैसे मिलती है

बीएनएस की धारा 118 में खतरनाक हथियारों व तरीकों के इस्तेमाल से चोट या गंभीर चोट पहुँचाना एक गंभीर अपराध माना जाता है। इसलिए यह एक संज्ञेय अपराध (Cognizable Offence) यानी ऐसा अपराध होता है, जिसके आरोपी व्यक्ति (Accused ) को पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है। इसके साथ ही अपराध की गंभीरता को देखते हुए गैर-जमानती (Non-Bailable) भी रखा गया है। जिसका मतलब है, कि आरोपी व्यक्ति अधिकार के तौर पर अपनी जमानत (Bail) के लिए आवेदन नहीं कर सकता है।

यदि आपको धारा 118 के तहत गिरफ्तार किया गया हैं, तो आपको तुरंत एक वकील से संपर्क करना चाहिए। ऐसे मामलों में वकील (Lawyer) पहले आपके मामले को समझेगा व फिर आपको जमानत दिलाने की हर संभव कोशिश करेगा।


बीएनएस धारा 118 के अपराध में बचाव के लिए उपाय

  • सबसे पहले तो ऐसे किसी भी अपराध में फंसने से बचे, यानी कोई ऐसा कार्य ना करें जिससे आप पर इस अपराध के आरोप (Blame) लगे।
  • ऐसे मामलों से बचे रहने के लिए किसी भी तरह की हिंसक स्थिति (Violent Situation) से दूर रहें।
  • गुस्से आने पर तुरंत कोई भी निर्णय न लें। चाकू, बंदूक जैसी खतरनाक वस्तुओं को अपने पास न रखें।
  • यदि फिर भी किसी वजह से आप पर BNS 118 लागू हो जाती है तो ऐसे अपराध से बचाव के लिए सबसे पहले किसी अनुभवी वकील की सहायता ले जो आपको आगे की कार्यवाही के लिए कानूनी सलाह देगा।
  • अपने बचाव को मजबूत करने के लिए, सभी आवश्यक सबूतों व गवाहों (Evidences Or Witnesses) को इकट्ठा करें।
  • यदि आप निर्दोष हैं, तो पुलिस जांच में अपना पूरा सहयोग करें। अदालत में पेश हों और अपने बचाव को प्रस्तुत करें।
  • यदि आपने किसी हमले के जवाब में कोई कार्य किया था, तो आप आत्मरक्षा (Self Defence) का दावा भी कर सकते हैं।
  • यदि आपने अपराध नहीं किया है और किसी ने आपको किसी अन्य व्यक्ति की जगह मान कर गलत आरोप लगा दिए है। तो भी आप इसे अपने बचाव के लिए इस्तेमाल कर सकते है।
  • अगर पुलिस के पास आपके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं, तो सबूतों की कमी होने की बात भी आपके बचाव के रुप में काम आ सकती है।
  • यदि चोट लगने का कार्य किसी दुर्घटना (Accident) के कारण हुआ था, तो आप यह साबित कर सकते है कि आपने जानबूझकर ऐसा नहीं किया था।

निष्कर्ष :- BNS Section 118 सार्वजनिक व्यवस्था और सुरक्षा बनाए रखने में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। खतरनाक हथियारों या नुकसान पहुंचाने के साधनों के इस्तेमाल करने वाले दोषी व्यक्तियों को कठोर दंड दिलाकर पीड़ित व्यक्तियों को न्याय देती है। अगर आप भी किसी ऐसी ही कानूनी स्थिति का सामना कर रहे, जिसका आपको कोई समाधान नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में अपनी समस्या का घर बैठे समाधान पाने के लिए आप हमारे वकीलों से बात कर सकते है।




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बीएनएस धारा 118 पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल


भारतीय न्याय संहिता की धारा 118 क्या है?

बीएनएस की धारा 118 खतरनाक हथियारों या साधनों का उपयोग करके किसी को चोट पहुँचाने या गंभीर चोट पहुँचाने से संबंधित है। जिसमें किसी व्यक्ति को चोट या गंभीर चोट पहुंचाने के आरोपी व्यक्ति पर इस धारा को लागू कर कार्यवाही की जाती है। 



बीएनएस की धारा 118 की सजा क्या है?

BNS 118 के अपराध में सजा को इसकी दो उपधाराओं के द्वारा बताया गया है जो कि इस प्रकार है:-  

  • धारा 118 (1) यदि कोई व्यक्ति खतरनाक हथियारों द्वारा किसी व्यक्ति को चोट पहुँचाने का दोषी पाया जाएगा। उसे 3 वर्ष तक की कारावास व 20,000 रुपये के जुर्माने से दंडित किया जाएगा।   
  • धारा 118(2) अगर कोई व्यक्ति ऐसे ही किसी हथियार या तरीके का इस्तेमाल करके गंभीर चोट पहुँचाने का दोषी पाया जाएगा, उसे आजीवन कारावास व जुर्माने की सजा से दंडित किया जा सकता है।  


धारा 118 के तहत खतरनाक हथियार या साधन क्या माने जाते हैं?

धारा 118 के तहत खतरनाक हथियारों या साधनों में गोली चलाने, छुरा घोंपने, काटने, किसी की मृत्यु का कारण बनने वाले किसी भी उपकरण, आग, गर्म पदार्थ, जहर, विस्फोटक पदार्थ जैसी वस्तु शामिल है। 



चोट और गंभीर चोट के बीच क्या अंतर है?

चोट को किसी व्यक्ति की दर्द, पीड़ा या बीमारी पहुँचाने के रूप में जाना जाता है। जो ज्यादा गंभीर नहीं होती। लेकिन गंभीर चोट ऐसी चोट होती है जो ज्यादा गंभीर होती है। जिसमें किसी व्यक्ति की जान जाने की भी संभावना रहती है। 



बीएनएस सेक्शन 118 जमानती है या गैर-जमानती?

बीएनएस 118 का यह अपराध एक गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। जिसके कारण इसे गैर-जमानती रखा गया है, जिसमें आरोपी व्यक्ति को जमानत नहीं मिल सकती।