विषयसूची
- बीएनएस की धारा 331 क्या है - BNS Section 331 in Hindi
- BNS 331 के अपराध को साबित करने वाले मुख्य तत्व
- भारतीय न्याय संहिता की सेक्शन 331 के जुर्म का सरल उदाहरण
- बीएनएस धारा 331 के तहत अपराध माने जाने वाले कुछ मुख्य कार्य
- बीएनएस की धारा 331 के अपराध के लिए मिलने वाला दंड
- भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 331 में जमानती है या गैर-जमानती
- बीएनएस धारा 331 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आज के समय में जब लोग अपनी जिंदगी में व्यस्त रहते हैं और घर पर अकेले आराम कर रह रहे होते हैं। ऐसे में चोरों को चोरी करने के लिए मौका मिलना आसान हो जाता है। वे खिड़कियां तोड़ते हैं, ताले तोड़ते हैं और घरों में घुसकर कीमती सामान चुरा ले जाते हैं। कई बार तो वे लोगों को डराते भी हैं और उनके साथ मारपीट भी करते हैं। इस आर्टिकल के द्वारा हम घर में अतिक्रमण करने या घर तोड़ने के अपराध से संबंधित भारतीय न्याय संहिता की धारा को जानेंगे कि, बीएनएस की धारा 331 का अपराध क्या है (BNS Section 331 in Hindi)? अतिक्रमण करने के अपराध के लिए दंड क्या है? धारा 331 में जमानत का क्या प्रावधान है?
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) को बदलकर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) बनाया गया है। इस बदलाव के साथ ही कई धाराओं में बदलाव हुए हैं और कुछ नई धाराएं भी जोड़ी गई हैं। घरों में तोड़फोड़ होने पर कुछ समय पहले तक पुलिस में मामला दर्ज कराने पर IPC की धारा 453 से 460 के तहत कार्रवाई होती थी। लेकिन अब इस तरह के मामलों में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 331 लागू होती है। इस लेख को पढ़ने के बाद आप इस अपराध के बारे में पूरी तरह से जान जाएंगे और ऐसी किसी भी कानूनी समस्या आने पर अपने बचाव के लिए आवश्यक कदम उठा सकेंगे।
बीएनएस की धारा 331 क्या है - BNS Section 331 in Hindi
भारतीय न्याय संहिता की धारा 331 उन अपराधों से संबंधित है, जहां कोई व्यक्ति बिना अनुमति (Permission) किसी घर या इमारत में जबरदस्ती घुसता है या तोड़फोड़ करता है। यह धारा उन व्यक्तियों के लिए लागू होती है जो किसी की निजी संपत्ति (Private property) में अवैध तरीके से प्रवेश (Illegal Entry) करते हैं या जानबूझकर उसे नुकसान पहुंचाते हैं।
उदाहरण:- मान लीजिए कि कोई व्यक्ति किसी घर में बिना अनुमति के घुसता है और जानबूझकर घर की दीवारों को नुकसान पहुंचाता है। इस स्थिति में उस व्यक्ति के खिलाफ BNS 331 के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है और उसे दंडित (Punished) किया जा सकता है।
भारतीय न्याय संहिता की धारा 331 में घर में घुसकर तोड़ फोड़ करने के अपराध को 8 उपधाराओं (Sub-Sections) में इसके अंदर किए जाने वाले अपराधों की गंभीरता के अनुसार बताया गया है, जो इस तरह से है:-
(1):- जो कोई भी व्यक्ति किसी घर में गुप्त (Secret) रूप से घुसपैठ (intrusion) करता है या तोड़फोड़ करता है। यानी बिना अनुमति के या गलत तरीके से किसी की निजी संपत्ति में प्रवेश करता है और उस संपत्ति में तोड़ फोड़ करता है, तो उसे धारा 331(1) के तहत दंडित किया जाएगा।
(2):- अगर कोई व्यक्ति सूर्यास्त (Sunset) के बाद और सूर्योदय (Sunrise) से पहले किसी घर में चोरी-छिपे घुसता है या सेंधमारी (अपराध करने के लिए दीवारों में छेद करके घुसना) करता है, तो उसे इस अपराध के लिए धारा 331(2) के तहत सख्त दंड मिल सकता है।
(3):- यदि कोई व्यक्ति किसी ऐसे अपराध को करने के इरादे से किसी घर में चोरी-छिपे घुसता है या सेंधमारी करता है, जिसके लिए उसे कारावास (Imprisonment) की सजा मिल सकती है, तो यह गंभीर अपराध माना जाएगा। जिसके लिए उस व्यक्ति पर धारा 331(3) में मामला दर्ज कर कार्यवाही की जाएगी।
चोरी के मामले में सख्त सजा: अगर वह अपराध जो किया जा रहा है, चोरी (Theft) से संबंधित है, तो सजा और भी कठोर हो सकती है।
(4):- अगर कोई व्यक्ति रात के समय किसी अपराध को अंजाम देने के इरादे से चोरी-छिपे किसी घर में घुसता है या सेंधमारी करता है, तो उसे इस अपराध के लिए इस उपधारा के तहत सख्त सजा मिलेगी।
(5):- यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को चोट पहुंचाने, उसे गलत तरीके से रोकने, या उसे चोट या हमले का डर दिखाकर धमकाने के इरादे से चोरी-छिपे किसी के घर में घुसता है। तो ऐसे व्यक्ति पर धारा 331(5) लागू की जा सकती है।
(6):- अगर कोई व्यक्ति रात के समय किसी अन्य व्यक्ति को चोट पहुंचाने, उस पर हमला करने, उसे अवैध रूप से रोकने, के डर में डालने के इरादे से चोरी-छिपे किसी के घर में घुसेगा या तोड़फोड़ करेगा। उस व्यक्ति के खिलाफ धारा 331(6) में मामला दर्ज किया जाएगा।
(7):- अगर कोई व्यक्ति गुप्त रूप से किसी के घर में घुसते समय या सेंधमारी करते समय किसी व्यक्ति को गंभीर चोट (Serious Injury) पहुँचाता है, या उसकी हत्या (Murder) करने की कोशिश करता है। ऐसे व्यक्ति पर धारा 331(7) के तहत मामला दर्ज कर सजा के लिए कार्यवाही की जाएगी।
(8):- यदि कोई व्यक्ति रात के समय गुप्त (Secret) रूप से किसी घर में घुसने या सेंधमारी करते समय जानबूझकर किसी को जान से मारने या गंभीर चोट पहुंचाने का प्रयास करता है, तो धारा 331(8) के तहत कार्यवाही की जा सकती है।
यदि ऐसे अपराधों को करने की घटना में कई लोग शामिल हैं, तो सभी को इस अपराध के लिए संयुक्त रूप से यानि सभी को एक सामान रुप से दंडित किया जाएगा।
BNS 331 के अपराध को साबित करने वाले मुख्य तत्व
- घर या इमारत: अपराध किसी घर या इमारत (House or Building) में ही किया गया हो। इसमें आवासीय घर, कार्यालय, दुकान या कोई अन्य इमारत शामिल हो सकती है।
- बिना इजाजत: आरोपी व्यक्ति (Accused Person) को घर या इमारत में घुसने या तोड़ने की कोई वैध अनुमति (Valid Permission) नहीं थी।
- घुसना या तोड़ना: आरोपी ने घर या इमारत में घुसने के लिए दरवाजा, खिड़की या कोई अन्य हिस्सा तोड़ा हो या फिर बिना इजाजत किसी खुले हुए दरवाजे या खिड़की से घर के अंदर गया हो।
- अपराध करने का इरादा: आरोपी का घर में घुसने या तोड़ने का इरादा कोई अपराध करने का होना चाहिए। यह अपराध चोरी, डकैती, हत्या या कोई अन्य अपराध हो सकता है।
भारतीय न्याय संहिता की सेक्शन 331 के जुर्म का सरल उदाहरण
अजय एक छोटे से शहर में रहता है। एक दिन उसे पता चलता है कि उसके पड़ोसी कपिल के पास एक नया व बहुत ही कीमती मोबाइल फोन है। अजय उस फोन को पाने के लिए बहुत लालच करता है। एक रात जब कपिल के घर में सभी सो रहे होते हैं, तो अजय खिड़की तोड़कर कपिल के कमरे में घुस जाता है। जिसके बाद वो कपिल का मोबाइल फोन चुरा लेता है और चुपचाप वहां से भाग जाता है।
इस मामले में अजय कपिल के घर में बिना अनुमति घुसा व उसने घर में घुसने के लिए तोड़फोड़ की और इसका साथ ही चोरी का अपराध भी किया। जिसके लिए अजय के खिलाफ BNS सेक्शन 331 व इसकी अन्य उपधाराओं के अंतर्गत कार्यवाही की जा सकती है।
बीएनएस धारा 331 के तहत अपराध माने जाने वाले कुछ मुख्य कार्य
- किसी के घर में बिना अनुमति या बुलावे के घुस जाना।
- किसी घर की खिड़की या दरवाजा तोड़कर अंदर जाना।
- किसी घर की छत या दीवार में छेद करके अंदर जाना।
- घर का ताला तोड़कर अंदर जाना।
- घर में घुसने का मकसद अगर चोरी करना हो तो यह अपराध भी धारा 331 के अंतर्गत आता है।
- घर में घुसकर किसी को डराकर या चोट पहुंचाकर लूटपाट करना।
- किसी को मारने के इरादे से घर में घुसना।
- किसी को डराने या परेशान करने के लिए घर में घुसना।
- घर में घुसने का मकसद अगर कोई अन्य अपराध करना हो तो यह भी इस धारा के अंतर्गत आता है।
बीएनएस की धारा 331 के अपराध के लिए मिलने वाला दंड
भारतीय न्याय संहिता की धारा 331 के अपराध में सजा (Punishment) को इसकी अलग-अलग उपधाराओं (Sub-Sections) में अपराध की गंभीरता के आधार पर ही बताया गया है जो इस प्रकार है:-
- BNS 331(1) :- अगर कोई व्यक्ति किसी के घर में चोरी-छिपे घुसता है या सेंधमारी करता है, तो उसे अधिकतम 2 साल तक जेल की सजा हो सकती है और साथ ही उस पर जुर्माना (Fine) भी लगाया जा सकता है।
- BNS 331(2) :- अगर कोई व्यक्ति रात के समय, जब अंधेरा हो, किसी के घर में चोरी-छिपे घुसता है या सेंधमारी (Burglary) करता है, तो उसे अधिकतम 3 साल तक की जेल की सजा हो सकती है और उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
- BNS 331(3) :- अगर कोई व्यक्ति किसी अपराध को अंजाम देने के लिए चोरी-छिपे किसी के घर में घुसता है या सेंधमारी करता है, तो उसे तीन साल तक की जेल हो सकती है। लेकिन यदि वह अपराध चोरी का है, तो उसकी जेल की सजा दस साल तक बढ़ाई जा सकती है और साथ ही उसे जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।
- BNS 331(4) :- अगर कोई व्यक्ति रात के समय किसी गंभीर अपराध (Serious Offence) को अंजाम देने के लिए चोरी-छिपे किसी के घर में घुसता है या सेंधमारी करता है, तो उसे पांच साल तक की जेल हो सकती है। लेकिन अगर किया गया अपराध चोरी है, तो उसे चौदह साल तक कैद की सजा और जुर्माना (Punishment Or fine) भरना पड़ सकता है।
- BNS 331(5) :- अगर कोई व्यक्ति किसी को चोट पहुंचाने, हमला करने, अवैध रूप से रोकने या डराने के उद्देश्य से चोरी-छिपे किसी के घर में घुसता है। या तोड़फोड़ करता है, तो उसे दस साल तक की जेल की सजा हो सकती है और साथ ही उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
- BNS 331(6) :- अगर कोई व्यक्ति रात के समय किसी को चोट पहुंचाने, हमला करने, अवैध रूप से रोकने या डराने के इरादे से चोरी-छिपे किसी के घर में घुसता है या सेंधमारी करता है, तो उसे चौदह साल तक की जेल की सजा हो सकती है और साथ ही जुर्माना भी देना पड़ सकता है।
- BNS 331(7) :- अगर कोई व्यक्ति चोरी-छिपे घर में घुसने या सेंधमारी के दौरान किसी को गंभीर चोट (Serious Injury) पहुंचाता है या उसकी हत्या करने का प्रयास करता है, तो उसे आजीवन कारावास (Life Imprisonment) की सजा हो सकती है, या दस साल तक जेल हो सकती है, और जुर्माना भी देना पड़ सकता है।
- BNS 331(8) :- अगर कोई व्यक्ति रात के समय किसी के घर में चोरी-छिपे घुसता है और जानबूझकर किसी को मारने या गंभीर चोट पहुंचाने की कोशिश करता है, तो उसे आजीवन जेल हो सकती है। यदि इस काम में कई लोग शामिल हैं, तो सभी को सजा मिल सकती है, जो दस साल तक हो सकती है, और उन पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 331 में जमानती है या गैर-जमानती
बीएनएस की धारा 331 के तहत घर में अतिक्रमण या घर तोड़ने का अपराध संज्ञेय (Cognizable) और गैर-जमानती (Non-bailable) होता है। जिसका अर्थ है कि इस अपराध में पुलिस आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए जल्द से जल्द कार्यवाही कर सकती है। गैर-जमानती अपराध (Non-Bailable Offence) होने के कारण इस अपराध में आरोपी को जमानत (Bail) मिलने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। परन्तु ऐसे मामले में यदि आरोपी व्यक्ति किसी अनुभवी वकील (Lawyer) की सहायता लेता है तो वह अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) के लिए आवेदन कर जमानत प्राप्त कर सकता है।
बीएनएस धारा 331 पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
बीएनएस धारा 331 किस अपराध के किए जाने पर लागू होती है?
भारतीय न्याय संहिता की धारा 331 जो किसी घर या इमारत में बिना इजाजत घुसने या तोड़ने के अपराध से संबंधित है। यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के घर में बिना उसकी अनुमति के घुसता है और तोड़ फोड़ करता है तो उस पर इस सेक्शन के तहत कार्यवाही की जा सकती है।
क्या बीएनएस की धारा 331 संज्ञेय व जमानती है?
BNS 331 के अनुसार घर में घुसकर तोड़ फोड़ करने का यह अपराध एक संज्ञेय व गैर-जमानती अपराध होता है। जिसमें आरोपी व्यक्ति को जमानत मिलना काफी मुश्किल होता है।
किसी के घर में घुसकर तोड़ फोड़ करने के अपराध की सजा क्या है?
धारा 331 व इसकी सभी उपधाराओं में बताए गए अतिक्रमण या घर तोड़ने से जुड़े अपराधों के लिए 2 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा व जुर्माना लगाया जा सकता है।
क्या BNS Section 331 के तहत किसी को डराना या परेशान करना अपराध है?
हां, अगर किसी व्यक्ति का घर में घुसने या तोड़ने का इरादा किसी को डराने या परेशान करने का है तो यह भी धारा 331 के तहत आता है।