विषयसूची
- बीएनएस धारा 318 क्या है व यह कब लागू होती है - BNS Section 318 in Hindi
- भारतीय न्याय संहिता की धारा 318 की मुख्य बातें:-
- कुछ ऐसे कार्य जिनको करना धोखाधड़ी मान जा सकता है:-
- बीएनएस की सेक्शन 318 का उदाहरण
- बीएनएस धारा 318 की सजा - BNS Section 318 Punishment in Hindi
- भारतीय न्याय संहिता की धारा 318 में जमानत कब व कैसे मिलती है
- BNS 318 के तहत धोखाधड़ी के आरोपी व्यक्तियों के लिए बचाव उपाय
- धोखा-धड़ी के अपराध की शिकायत धारा 318 के तहत कैसे दर्ज कराए
- बीएनएस धारा 318 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आजकल धोखाधड़ी के मामलों की बढ़ती घटनाओं के चलते देश के हर नागरिक को सतर्क और जागरूक रहने की जरुरत है। धोखेबाज़ किसी भी व्यक्ति की मेहनत की कमाई और कीमती वस्तुओं को कुछ ही देर में चुरा सकते हैं। ऐसे अपराध करने वाले लोग बहुत ही चालाकी से लोगों के लालच व डर का सहारा लेकर अपने शिकार को फंसा लेते हैं। अगर आप अपने आपको धोखाधड़ी से बचाना चाहते हैं या आपके ऊपर धोखेबाज़ का आरोप लगा हैं, तो यह लेख आपके लिए बहुत ही उपयोगी होने वाला है। जिसमें हम भारतीय न्याय संहिता की धोखाधड़ी की कानूनी धारा के बारे में जानेंगे, कि बीएनएस की धारा 318 (1) (2) (3) (4) क्या है (BNS Section 318 in Hindi)? यह कब लागू होती हैं और इस धारा में सजा और बचाव का क्या प्रावधान है?
किसी भी व्यक्ति को बहला-फुसलाकर धोखे से कोई भी वस्तु हासिल करने से संबंधित आपराधिक मामलों पर अभी तक भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 415, 417, 418 व 420 के तहत कार्यवाही की जाती थी। लेकिन कानूनी बदलाव के चलते BNS के लागू होने के बाद से इस अपराध के आरोपी व्यक्तियों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 318 लागू कर कार्यवाही की जाएगी। इसलिए इस अपराध की संपूर्ण जानकारियों व बचाव उपायों को पूर पढ़कर अन्य लोगों को भी जरुर भेजे।
बीएनएस धारा 318 क्या है व यह कब लागू होती है - BNS Section 318 in Hindi
भारतीय न्याय संहिता की धारा 318 एक ऐसा कानून है जो किसी व्यक्ति को धोखा (Cheat) देने पर सजा का प्रावधान (Provision) करता है। जिसमें किसी अन्य व्यक्ति को धोखा देकर उसे संपत्ति देने या संपत्ति के नुकसान के लिए सहमति देने के लिए प्रेरित करना शामिल है।
आसान भाषा में कहे, तो यदि कोई व्यक्ति किसी को झूठ बोलकर या किसी बात को छिपाकर उससे पैसे या कोई अन्य संपत्ति प्राप्त कर लेते हैं, तो वह धोखाधड़ी (cheating) मानी जाएगी। जिसके आरोपी व्यक्ति पर BNS Section 318 के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
बीएनएस धारा 318 में चार उप-धाराएँ (Sub Sections) हैं जिनके अंदर इस अपराध को गंभीरता के हिसाब से अलग-अलग प्रकार से बताया गया है।
- बीएनएस धारा 318 की उपधारा (1): इसमें बताया गया है की धोखा तब होता है जब कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी दूसरे व्यक्ति को गुमराह (Astray) करता है, या उसे गलत जानकारी देकर उसे कुछ ऐसा करने पर मजबूर करता है। जो वह सामान्य परिस्थितियों में नहीं करता। इस धोखे के कारण उस व्यक्ति को किसी भी तरह का नुकसान या हानि हो सकती है। जिसमें उसके शरीर, मन, सम्मान, या संपत्ति का नुकसान शामिल है।
- बीएनएस धारा 318 की उपधारा (2): इसमें केवल सेक्शन 318(1) के अपराध की सजा (Punishment) के बारे में बताया गया है। जो भी व्यक्ति किसी के साथ धोखाधड़ी का अपराध करेगा उसे दोषी पाये जाने पर कारावास व जुर्माने (Imprisonment Or fine) की सजा से दंडित किया जा सकता है।
- बीएनएस सेक्शन 318 की उपधारा (3): यदि कोई व्यक्ति जिसे किसी अन्य व्यक्ति के हितों की रक्षा करने की ज़िम्मेदारी दी गई है। यानी जिस व्यक्ति का काम लोगों की मदद करना है जब ऐसा व्यक्ति किसी के साथ धोखाधड़ी करता है। तो उस व्यक्ति को धारा 318(2) में दी गई सजा से ज्यादा सजा व जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।सरल भाषा में समझे तो, इसमें ऐसे लोग आते है जो अपने अधिकार और ज़िम्मेदारी का गलत उपयोग करते है और दूसरों के साथ धोखा करते है। जो की कानूनी रुप से एक गंभीर अपराध माना जाता है। उदाहरण:- यदि किसी बैंक का मैनेजर ग्राहक के पैसे का गलत उपयोग करके उन पैसे से खुद को फायदा पहुँचाता है, तो उसे जेल या जुर्माना हो सकता है।
- बीएनएस की धारा 318 (4): इसमें बताया गया है अगर कोई व्यक्ति धोखा देकर या बेईमानी से किसी दूसरे व्यक्ति को इस तरह से बहकाता है। जिससे वह अपनी संपत्ति, पैसे, या कीमती कागजात (जैसे कि किसी जायदाद के दस्तावेज़, बैंक चेक आदि) किसी को सौंप देता है। या फिर धोखे से कोई उसके जरुरी दस्तावेज़ को बदल देता है या नष्ट कर देता है तो ऐसे व्यक्ति को अन्य सभी उपधाराओं (Sub Sections) की सजा से अधिक सजा व जुर्माने से दंडित (Punished) किया जा सकता है। उदाहरण:- मान लीजिए, कोई व्यक्ति किसी बुजुर्ग को धोखे से बहकाकर उनकी जायदाद के कागज़ात पर हस्ताक्षर (Signature) करवा लेता है, जिससे जायदाद का मालिकाना हक वह अपने नाम कर लेता है।
भारतीय न्याय संहिता की धारा 318 की मुख्य बातें:-
बीएनएस की धारा 318 के तहत धोखाधड़ी के अपराध के तहत किसी व्यक्ति पर तभी आरोप (Blame) लगाए जा सकते है, जब इनमें से कोई बात शामिल हो:-
- धोखा देने का इरादा:- आरोपी का पीड़ित (Victim) को धोखा देने और आर्थिक नुकसान पहुंचाने का इरादा होना चाहिए।
- धोखा:- आरोपी के द्वारा पीड़ित को गुमराह करने के लिए शब्दों द्वारा, हावभाव द्वारा या आचरण द्वारा किसी प्रकार का धोखा देना चाहिए।
- संपत्ति का नुकसान: आरोपी के द्वारा दिए गए धोखे के कारण पीड़ित व्यक्ति को संपत्ति का नुकसान होना चाहिए।
कुछ ऐसे कार्य जिनको करना धोखाधड़ी मान जा सकता है:-
- किसी व्यक्ति को झूठे वादे करके, जैसे निवेश में ज्यादा से ज्यादा लाभ देने का वादा करके उससे धन प्राप्त करना।
- किसी नकली सामान को असली बताकर या उसकी गुणवत्ता (Quality) के बारे में झूठ बोलकर धोखे से किसी को बेचना।
- किसी फर्जी दस्तावेज (Fake Documents) जैसे कि जाली पासपोर्ट या डिग्री, का उपयोग करके अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करना।
- ऑनलाइन माध्यम से जैसे कि सोशल मीडिया या ई-कॉमर्स वेबसाइटों के माध्यम से, धोखाधड़ी करना।
- झूठी लॉटरी या स्कीम के बारे में बताकर लोगों से पैसे लेना।
- बैंक खाते से पैसे निकालने या किसी और के खाते में पैसे ट्रांसफर करने के लिए फर्जी तरीके अपनाना।
- बीमा कंपनी को गुमराह करके बीमा का फायदा लेने का दावा करना।
- किसी संपत्ति के दस्तावेजों में हेराफेरी करके उस संपत्ति को बेचना या गिरवी रखना।
- नौकरी पाने के लिए अपनी योग्यता के बारे में झूठ बोलना।
- चैरिटी के नाम पर दान लेना और उस पैसे का निजी उपयोग करना।
बीएनएस की सेक्शन 318 का उदाहरण
रमेश नाम का व्यक्ति एक छोटे शहर में अपने परिवार के साथ रहता था। एक दिन उसको किसी महिला का फोन आया और उसने बताया गया कि वह एक बड़ी लॉटरी जीत गया है। बस उन पैसों को प्राप्त करने के लिए उसे कुछ पैसे जमा करने हैं और वह लाखों रुपये का इनाम ले सकता है। रमेश यह बात सुनकर बहुत खुश हुआ और उसने उस महिला द्वारा मांगे गए पैसे जमा कर दिए। लेकिन कुछ दिनों बाद जब उसने अपना इनाम लेने की कोशिश की तो पता चला कि कोई लॉटरी नहीं थी और वह धोखा खा गया था। जिसके बाद रमेश उस अज्ञात महिला के खिलाफ BNS Section 318 के तहत शिकायत दर्ज करवाता है।
बीएनएस धारा 318 की सजा - BNS Section 318 Punishment in Hindi
बीएनएस की धारा 318 के अपराध में सजा (Punishment) को अलग-अलग उपधाराओं के द्वारा बताया गया है। चलिए धोखाधड़ी के अपराध की सजा को विस्तार से जानते है:-
- BNS Section 318 (2) की सजा:- धारा 318 की उपधारा (1) में बताए गई बातों के अनुसार यदि कोई व्यक्ति धोखाधड़ी के अपराध का दोषी (Guilty) पाया जाएगा। उसे न्यायालय द्वारा 2 वर्ष तक की कारावास व जुर्माने की सजा से दंडित किया सकता है।
- BNS Section 351 (3) की सजा:- यदि कोई ऐसा व्यक्ति जिसे लोगों के अधिकारों की रक्षा की जिम्मेदारी दी गई है, ऐसा व्यक्ति अपने पद का गलत फायदा उठाता है। तो ऐसे व्यक्ति को दोषी पाये जाने पर 5 वर्ष तक की जेल व जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।
- BNS Section 351 (4) की सजा:- यदि कोई किसी अन्य व्यक्ति को बहकाकर या धोखे से उसकी किसी संपत्ति को हासिल करने के लिए दस्तावेजों (Documents) में बदलाव करने का दोषी पाया जाएगा। उस व्यक्ति को 7 वर्ष तक की कारावास व जुर्माने की सजा दी जा सकती है।
भारतीय न्याय संहिता की धारा 318 में जमानत कब व कैसे मिलती है
बीएनएस की धारा 318 के अनुसार किसी भी व्यक्ति के साथ धोखाधड़ी करके उसे किसी भी प्रकार का नुकसान पहुँचाना एक गंभीर अपराध माना जाता है। इसलिए धोखाधड़ी का अपराध संज्ञेय व गैर-जमानती (Cognizable Or Non Bailable) होता है, जिसका मतलब है कि इस अपराध के आरोपी व्यक्ति को अधिकार के तौर पर जमानत (Bail) नहीं दी जा सकती है।
इस प्रकार के मामलों में जमानत के लिए आपको किसी वकील (Lawyer) की सहायता लेनी चाहिए। जो आपके द्वारा किए गए अपराध की गंभीरता के अनुसार कोर्ट में आपकी जमानत की मांग कर सकता है।
धोखाधड़ी के अपराध से जुडी अन्य धाराएं
BNS 317 (चोरी की संपति) | BNS 316 (विश्वासघात) |
BNS 324 (शरारत) | BNS 308 (जबरन वसूली) |
BNS 303 (चोरी करना) | BNS 356 (मानहानि) |
BNS 318 के तहत धोखाधड़ी के आरोपी व्यक्तियों के लिए बचाव उपाय
यहां इस अपराध के आरोपी व्यक्तियों के लिए कुछ ऐसे बचाव (Defence) उपाय दिए गए हैं जो ऐसे अपराध के मामलों में मदद कर सकते हैं:
- ऐसे आपराधिक मामलों में आरोप लगते ही सबसे पहले एक अनुभवी वकील से संपर्क करें जो आपकी मदद कर सके।
- वकील आपको कानूनी प्रक्रिया के बारे में जानकारी देगा और आपके बचाव की रणनीति तैयार करेगा।
- अपने खिलाफ लगे आरोपों को ध्यान से पढ़ें और समझें। यह जानें कि आप पर क्या आरोप (Blame) लगाया गया है।
- अपने बचाव के लिए सभी आवश्यक सबूत (Evidence) इकट्ठा करें। इसमें दस्तावेज, गवाह, और अन्य प्रमाण शामिल हो सकते हैं जो साबित करते हैं कि आप निर्दोष (Innocent) हैं।
- पुलिस जांच में सहयोग करें लेकिन कोई भी ऐसा बयान न दें जो आपके खिलाफ इस्तेमाल किया जा सके।
- जब भी कोर्ट में पेश होने के लिए कहा जाए, तो तैयार रहें।
- ऐसे गवाहों (Witnesses) को ढूंढें जो आपके पक्ष में गवाही दे सकें।
- अदालत में झूठ बोलने से आपका मामला और खराब हो सकता है।
- अपने वकील के निर्देशों का पालन करें और उनकी सलाह को ध्यान से सुनें।
धोखा-धड़ी के अपराध की शिकायत धारा 318 के तहत कैसे दर्ज कराए
- इस अपराध का शिकार होने पर जितनी जल्दी हो सके पुलिस में शिकायत दर्ज (Complaint Register) कराएं। देरी से शिकायत करने पर सबूत मिटने का खतरा रहता है।
- अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाएं और एक लिखित शिकायत दर्ज कराएं।
- घटना के सभी तथ्यों को ध्यान से इकट्ठा करें। इसमें तारीख, समय, स्थान, शामिल व्यक्ति, और सभी प्रमाण शामिल हैं जो आपके दावे को मजबूत कर सकते हैं।
- सभी सबूत जैसे कि दस्तावेज, संदेश, या अन्य सामग्री को सुरक्षित रखें।
- अपनी शिकायत में सभी बातों को अच्छे से बताए इसमें धोखाधड़ी का तरीका, आपको हुए नुकसान, और आरोपी के बारे में सभी जानकारी शामिल होनी चाहिए।
- यदि आपके पास कोई गवाह है तो उनके नाम और पते भी अपनी शिकायत में शामिल करें।
- शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस से प्राथमिकी (एफआईआर) की एक प्रति (Copy) लें।
- यदि आवश्यक हो तो किसी वकील की सहायता ले एक वकील आपको कानूनी प्रक्रिया के बारे में मार्गदर्शन दे सकता है और आपके मामले को अदालत में पेश कर सकता है।
निष्कर्ष:- धोखाधड़ी एक गंभीर अपराध है, जिसका मुख्य उद्देश्य देश के हर नागरिक को धोखाधड़ी के अपराध से बचाना व पीड़ित व्यक्तियों को समय पर न्याय (Justice) दिलाना है। अगर आपको कोई धोखा देता है तो आपको जल्द से जल्द कानूनी सहायता लेनी चाहिए। यदि आप BNS Section 318 (1) (2) (3) (4) से संबधित सलाह लेना चाहते चाहते है, तो अभी हमारे वकीलों से घर बैठे बात कर सकते है।
बीएनएस धारा 318 पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
बीएनएस की धारा 318 क्या है और यह किस अपराध में लागू होती है?
भारतीय न्याय संहिता की धारा 318 धोखाधड़ी के अपराध से संबंधित है, यह ऐसे व्यक्तियों पर लागू होती है जो किसी अन्य व्यक्ति को बहला-फुसलाकर या धोखे से उनकी किसी संपत्ति या किसी अन्य वस्तु को प्राप्त कर लेते है।
क्या BNS Section 318 जमानती है?
नहीं, भारतीय न्याय संहिता की धारा 318 जमानती नही है, बल्कि यह एक गैर-जमानती धारा है। जिसका मतलब है कि इस अपराध के आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तारी के बाद जमानत नहीं दी जा सकेगी।
क्या BNS 318 के अपराध में समझौता किया जा सकता है?
बीएनएस सेक्शन 318 के तहत किसी व्यक्ति को धोखा देना एक गंभीर अपराध माना जाता है। इसलिए ऐसे गंभीर मामलों में कोर्ट के बाहर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता है।
बीएनएस 318 के तहत धोखाधड़ी के अपराध की सजा क्या है?
BNS 318 के अपराध के दोषी पाये जाने वाले व्यक्तियों को इसकी 3 उपधाराओं में दी गई अपराध की गंभीरता के आधार पर ही सजा दी जा सकती है। जिसमें दोषी पाये जाने वाले व्यक्ति को 2 वर्ष से लेकर 7 वर्ष तक की जेल व जुर्माने की सजा से दंडित किया जा सकता है।