बीएनएस धारा 140 क्या है - सजा जमानत और बचाव | BNS 140 in Hindi


बीएनएस की धारा BNS Section 140

क्या आप जानते हैं कि जब कोई किसी व्यक्ति को जबरदस्ती कहीं ले जाता है और उसे मारने या नुकसान पहुंचाने की धमकी देता है, तो यह एक गंभीर अपराध माना जाता है? जी हाँ अकसर लोग पैसे के लालच में आकर या अपनी किसी प्रकार की दुश्मनी के चलते अपहरण करके जान से मारने के गंभीर अपराध को अंजाम देते है। आज के इस लेख द्वारा आपको इस तरह के अपराध के लिए लगती वाली कानूनी धारा के बारे में बात करेंगे। आज हम भारतीय न्याय संहिता की धारा 140 के बारे में बताएंगे, कि बीएनएस की धारा 140 क्या है (BNS Section 140 in Hindi)? यह कब लगती है और इस धारा के तहत सज़ा कितनी होती है और जमानत का क्या प्रावधान है?

किसी को अगवा करके उसे जान से मार देना या अन्य किसी भी प्रकार का नुकसान पहुँचाना एक बहुत ही गंभीर अपराध माना जाता है। इस अपराध के लिए पहले भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 364, 365 व 367 के तहत कार्यवाही की जाती थी। परन्तु IPC से BNS बने नए कानून के बाद से इन सभी धाराओं में बताए गए अपराध को भारतीय न्याय संहिता की धारा 140 में जोड़ दिया गया है। इसलिए इस अपराध से जुड़े बचाव उपायों व अन्य सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को जानने व समझने के लिए इस लेख को अंत तक पढ़े।


बीएनएस की धारा 140 क्या है व यह कब लगती है - BNS Section 140 in Hindi

भारतीय न्याय संहिता की धारा 140 एक बहुत ही गंभीर अपराध से संबंधित है। यह धारा किसी व्यक्ति की हत्या करने, फिरौती मांगने या गंभीर चोट पहुँचाने के लिए अपहरण (Kidnapping) करने के अपराध से संबंधित है।

सरल भाषा में कहे, तो जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की हत्या करने, पैसे मांगने या किसी भी प्रकार की गंभीर चोट पहुंचाने के लिए उसका अपहरण करेगा। उस व्यक्ति पर BNS की धारा 140 व उसकी उपधाराओं (Sub-Sections) को लागू कर कार्यवाही की जा सकती है।

बीएनएस धारा 140 के अंदर अपहरण के अपराध के तरीकों को 4 अलग-अलग उपधाराओं के द्वारा बताया गया है, जो कि इस प्रकार है:-

  1. BNS Section 140 की उपधारा (1): इसके द्वारा बताया गया है कि आरोपी व्यक्ति (Accused Person) जब किसी व्यक्ति को जान से मारने या हत्या (Murder) करने के लिए अपहरण करता है, तो उस पर धारा 140(1)के तहत कार्यवाही की जाती है। यह एक बहुत ही गंभीर अपराध है और इसके दोषी (Guilty) व्यक्ति को बहुत ही कठोर सजा से दंडित किया जाता है।
  2. BNS Section 140 की उपधारा (2): इस कानून में किसी व्यक्ति को फिरौती यानी पैसे या किसी अन्य वस्तु की मांग के लिए जबरदस्ती अगवा (Kidnapped) करने के अपराध के बारे में बताया गया है। इसका मतलब यह है कि अगर कोई व्यक्ति किसी को पकड़कर ले जाता है। जिसके बाद उसे या उसके परिवार को धमकाता है कि अगर वे पैसे या कोई और चीज नहीं देते तो उन्हें नुकसान पहुंचाया जाएगा। ऐसे व्यक्ति पर बीएनएस की धारा 140 (2)के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है।
  3. BNS Section 140 की उपधारा (3): किसी व्यक्ति को गुप्त और गलत तरीके से बंदी बनाने के इरादे (Intention) से उसका अपहरण करने के अपराध के बारे में धारा 140(3) के द्वारा बताया गया है। सरल भाषा में अगर कोई किसी को जबरदस्ती उठाकर ले जाता है और उसे किसी गुप्त जगह पर छुपाकर या बंदी बनाकर रखता है, तो उस व्यक्ति पर धारा 140(3) के तहत कार्यवाही की जाती है।
  4. BNS Section 140 (4): किसी व्यक्ति को गंभीर चोट (Serious Injury) पहुँचाने, गुलाम बनाने या गलत काम करने के इरादे से अपहरण करने के बारे में बताया गया है। इस कानून का उद्देश्य व्यक्तियों को अत्यधिक खतरे, शोषण या क्रूरता की स्थितियों में मजबूर होने से बचाना है।

भारतीय न्याय संहिता की धारा 140 की मुख्य बातें

  • अपहरण या अगवा करना:- किसी व्यक्ति को जबरदस्ती कहीं उठाकर ले जाना या उसको बंदी बनाना।
  • हत्या का इरादा: अपराधी का इरादा अपहरण के बाद व्यक्ति की हत्या करने का होना चाहिए।
  • फिरौती के लिए रखना: अपराधी का इरादा अपहरण के बाद व्यक्ति को फिरौती (Ransom) के लिए बंदी बनाने का हो।
  • गंभीर चोट पहुंचाना, गुलामी या यौन शोषण: धारा 140 में ऐसे मामलों को भी शामिल किया गया है जहां अपहरण का उद्देश्य व्यक्ति को गंभीर चोट पहुंचाना, गुलाम बनाना या यौन शोषण करना हो।
  • दंड: इस अपराध के लिए दोषी व्यक्ति को कारावास या जुर्माने का कठोर दंड दिया जा सकता है।

कुछ ऐसे कार्य जिनको धारा 140 के तहत गंभीर अपराध माना जा सकता है

  • किसी व्यक्ति को उसकी मर्जी के खिलाफ किसी जगह पर ले जाना।
  • उस व्यक्ति को किसी ऐसे स्थान पर छिपाना जहां उसे आसानी से ढूंढा ना जा सके।
  • किसी व्यक्ति को बंधी बनाकर उसे छोड़ने के लिए उसके परिवार वालो से पैसे या किसी अन्य कीमती चीज की मांग करना।
  • किसी व्यक्ति को शारीरिक या मानसिक रूप से धमकाना ताकि वह अपनी मर्जी के खिलाफ कुछ करें।
  • किसी व्यक्ति को कई दिनों तक भूखा या प्यासा रखना, यानी उसे खाने पीने के लिए कुछ भी नहीं देना।
  • जबरदस्ती किसी को सोने यानी नींद पूरी करने से रोकना।
  • जबरन किसी को उठाकर किसी ऐसे व्यक्ति को सौंप देना जिससे उसको खतरा हो।

इस धारा के अपराध का उदाहरण

साहिल और रवि नाम के दो व्यक्ति प्रोपर्टी का काम करते थे। साहिल एक बहुत ही अच्छा इंसान था और उसका काम रवि से बहुत ही अच्छा चल रहा था। जिसके कारण रवि उससे बहुत नफरत करता था और हमेशा उसे नुकसान पहुँचाने की सोचता रहता था। एक दिन रवि किसी की मदद से साहिल के बेटे को अगवा कर लेता है। जिसके बाद रवि साहिल को फोन करके, उसके बेटे को छोड़ने के लिए 1 करोड़ रुपये कि मांग करता है। साहिल के पैसे देने के लिए इतने पैसे नहीं होते, इसलिए वो रवि से कुछ दिन का समय मांगता है।

रवि साहिल के बेटे को कई दिनों तक ऐसे ही बंधक बनाकर, भूखा व प्यासा रखता है। ऐसे ही कई दिन गुजरने के बाद जब उसे साहिल से पैसे नहीं मिलते तो वो उसके बेटे की हत्या कर देता है। जिसके बाद साहिल की शिकायत पर पुलिस रवि को गिरफ्तार कर लेती है और BNS 140 के तहत उस पर आगे की कार्यवाही करती है।


बीएनएस धारा 140 में सजा - Punishment Of BNS 140 in Hindi

बीएनएस सेक्शन 140 में अपहरण के अपराध की सजा (Punishment) को इसकी उपधाराओं में अपराध की गंभीरता के आधार पर बताया गया है।

  1. धारा 140(1) की सजा:- किसी व्यक्ति की हत्या करने के लिए अगवा करने के दोषी पाये जाने वाले व्यक्ति को 10 वर्ष तक की कठोर कारावास (Rigorous Imprisonment), से लेकर आजीवन कारावास (Life Imprisonment) या जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।
  2. धारा 140(2) की सजा:- फिरौती मांगने के लिए किसी व्यक्ति का अपहरण करने के दोषी व्यक्ति को बहुत ही सख्त सजा हो सकती है, जिसमें मौत की सजा या आजीवन कारावास भी शामिल है।
  3. धारा 140(3) की सजा:- अगर कोई व्यक्ति किसी को जबरदस्ती उठाकर ले जाता है और उसे किसी गुप्त जगह (Secret Place) छिपाकर रखने का अपराध करता है। ऐसे व्यक्ति को दोषी पाये जाने पर सात साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
  4. धारा 140(4) की सजा:- जो कोई भी किसी व्यक्ति को गंभीर चोट पहुँचाने, गुलाम बनाने या उसके साथ कोई गलत कार्य करने के इरादे से अपहरण करता है, उसे दस साल तक की कैद व जुर्माने की सजा दी जा सकती है।

भारतीय न्याय संहिता की धारा 140 में जमानत कब व कैसे मिलती है

बीएनएस की धारा 140 के तहत किसी व्यक्ति की हत्या करने, फिरौती मांगने के लिए अपहरण करना एक बहुत ही गंभीर अपराध (Serious Offence) माना जाता है। इस अपराध में किसी व्यक्ति की जान जाने व गंभीर चोट लगने के खतरे को देखते हुए ही संज्ञेय व गैर-जमानती (Cognizable Or Non-Bailable) भी रखा गया है। जिसका अर्थ है कि इस अपराध में आरोपी को जमानत (Bail) नहीं मिलती है।


BNS 140 में आरोपी व्यक्तियों के लिए बचाव उपाय

  • किसी को अगवा करके उसकी हत्या करना या कोई अन्य कार्य करना बहुत ही गंभीर अपराध होता है, इसलिए इस अपराध के आरोप (Blame) लगने पर तुरन्त किसी वकील की सहायता जरुर ले।
  • यदि आपने कोई अपराध नहीं किया है, तो अपने वकील को खुद के निर्दोष (Innocent) होने से संबंधित सबूत (Evidence) दे।
  • आरोपी व्यक्ति अपने बचाव (Defence) में यह भी साबित कर सकता है कि उस पर मानसिक दबाव था और उसे अपहरण करने के लिए किसी ने मजबूर किया था।
  • आरोपी अपने वकील की मदद से यह दावा कर सकता है कि उसे गलत पहचाना (Wrong Identify) गया है और वह अपराध करने वाला व्यक्ति नहीं है।
  • अगर आप किसी का अपहरण उसकी सुरक्षा करने के लिए करते है तो अपने बचाव में यह भी कह सकते है कि उस व्यक्ति को अपनी सुरक्षा में लिया था। क्योंकि उस व्यक्ति के जीवन को खतरा लग रहा था।
  • आरोपी यह भी दावा कर सकता है कि वो व्यक्ति उसके साथ अपनी मर्जी से गया था और उसका अपहरण नहीं किया गया था।
  • यदि आरोपी के पास ऐसे गवाह है जो उसके पक्ष में गवाही दें, तो उन्हें न्यायालय में गवाही के लिए जरुर बुलाए।

निष्कर्ष:- बीएनएस की धारा 140 एक बहुत ही उपयोगी प्रावधान (Provision) है जिसका उद्देश्य उन व्यक्तियों को रोकना और दंडित करना है जो हत्या या फिरौती के लिए अपहरण या अपहरण जैसे घृणित कृत्यों में शामिल हैं। इस धारा के तहत निर्धारित कठोर दंड अपराध की गंभीरता को दर्शाते हैं। इस कानून के प्रावधानों को समझकर ऐसे जघन्य अपराधों से खुद को बचाया जा सकता है। हमारे द्वारा दी गई इन सभी जानकारियों से अलग यदि आप किसी भी प्रकार की कानूनी सहायता प्राप्त करना चाहते है, तो हमारे अनुभवी वकीलों से घर बैठे अभी बात कर सकते है।




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बीएनएस धारा 140 पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल


बीएनएस की धारा 140 क्या है और यह किस अपराध में लगती है?

भारतीय न्याय संहिता की धारा 140 किसी व्यक्ति का अपहरण या अगवा करके उसे मार डालने या उसकी जान को खतरे में डालने के अपराध से संबंधित है। यह धारा तब लागू होती है जब कोई व्यक्ति किसी को अगवा करके उसको किसी प्रकार का नुकसान पहुँचाता है।



क्या BNS Section 140 का अपराध जमानती है?

नहीं, भारतीय न्याय संहिता की धारा 140 एक जमानती अपराध नहीं है, इसलिए आमतौर पर इस मामले में जमानत मिलना मुश्किल होता है। 



भारतीय न्याय संहिता की धारा 140 के अपराध की सजा क्या है?

धारा 140 के अपराध में दोषी पाये जाने वाले व्यक्तियों को इसकी अलग-अलग उपधाराओं के तहत सजा दी जाती है। जिसमें 10 वर्ष की सजा से लेकर आजीवन कारावास, मृत्युदंड व जुर्माने की सजा दी जा सकती है। 



क्या BNS 140 के अपराध में समझौता किया जा सकता है?

BNS 140 में किसी व्यक्ति की जान जाने के खतरे को देखते हुए बहुत ही गंभीर अपराध माना जाता है। इसलिए इस मामले में न्यायालय के बाहर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता है।