कम उम्र की लड़की से बलात्कार की धारा 65 में सजा और जमानत | BNS 65 in Hindi


BNS Section 65 in Hindi

विषयसूची

  1. बीएनएस की धारा 65 क्या है - BNS Section 65 in Hindi
  2. उपधारा 1: सोलह वर्ष से कम आयु की महिला के साथ बलात्कार
  3. उपधारा 2: बारह वर्ष से कम आयु की महिला के साथ बलात्कार
  4. BNS 65 के अपराध को साबित करने वाली मुख्य बातें
  5. BNS Section 65 का आपराधिक उदाहरण
  6. भारतीय न्याय संहिता की धारा 65 के दोषी को सजा कितनी होती है
  7. बीएनएस की धारा 65 में जमानत के लिए क्या कानूनी प्रावधान होता है?
  8. धारा 65 लगने पर बचाव के उपाय
  9. इस धारा के तहत कानूनी शिकायत कैसे करें
  10. बीएनएस धारा 65 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

बलात्कार एक ऐसा घिनौना अपराध है जो किसी की भी इंसान की जिंदगी को पूरी तरह से तबाह कर देता है। यह सिर्फ एक शारीरिक हमला नहीं है, बल्कि यह एक महिला के मन और आत्मा पर एक गहरा घाव छोड़ जाता है, जो शायद कभी न भरे। आजकल हम बलात्कार के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देख रहे हैं, जो हमारे समाज के लिए एक बहुत बड़ी चिंता की बात है। खासकर जब बात कम उम्र की लड़कियों के साथ होने वाले बलात्कार की आती है, तो यह और भी ज़्यादा दुखद और चिंताजनक हो जाता है। आज इस लेख में नाबालिग से बलात्कार की धारा के बारे में जानेंगे कि, बीएनएस की धारा 65 क्या है (BNS Section 65 in Hindi)? इस धारा के लगने के प्रावधान, सजा और जमानत?

हमारे देश में कम उम्र की लड़कियों के साथ होने वाले बलात्कार के अपराधों में पहले आईपीसी की धारा 376(3) और 376(ab) लागू होती थी। लेकिन BNS के आने के बाद से ऐसे गंभीर मामलों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 65 लागू कर सजा की कार्यवाही की जाने लगी है। इन कानूनी बदलावों के बाद बलात्कार जैसे मामलों में दोषियों को सजा देने के लिए पहले से ज्यादा व सख्त प्रावधान बना दिए गए है। जिनको आसान भाषा में जानने व समझने के लिए इस लेख को पूरा पढ़े।


बीएनएस की धारा 65 क्या है - BNS Section 65 in Hindi

भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 65 के अनुसार अगर कोई व्यक्ति किसी लड़की के साथ जबरदस्ती यौन संबंध बनाता है, तो वह बलात्कार (Rape) के अपराध का दोषी होगा। वैसे तो बलात्कार के अपराध के लिए भारतीय न्याय संहिता की धारा 63 व 64 लागू होती है। लेकिन यह धारा विशेष रूप से कम उम्र की लड़कियों के साथ होने वाले बलात्कार के अपराधों के बारे में बताती है। इसका कारण यह है कि कानून यह मानता है कि छोटी उम्र में लड़कियाँ यौन शोषण के लिए ज्यादा संवेदनशील (Sensitive) होती हैं।

काम उम्र की लड़कियों के लिए यह समझ पाना कि किसी कार्य के लिए सहमति देनी चाहिए या नहीं, उनके लिए मुश्किल हो सकता है। इसलिए कम उम्र की लड़कियों को इस तरह के अपराधों से बचाने के लिए यह धारा खासतौर पर बनाई गई है।

भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 65 के तहत किए जाने वाले अपराध को इसकी 2 उपधाराओं (Sub Sections) में बताया गया है:


उपधारा 1: सोलह वर्ष से कम आयु की महिला के साथ बलात्कार

यह उपधारा तब लागू होती है जब कोई व्यक्ति सोलह वर्ष से कम आयु की लड़की के साथ बलात्कार करता है। बलात्कार को भारतीय कानून में एक गंभीर अपराध (Serious Crime) माना जाता है।


उपधारा 2: बारह वर्ष से कम आयु की महिला के साथ बलात्कार

यह उपधारा तब लागू होती है जब कोई व्यक्ति बारह वर्ष से कम आयु की लड़की के साथ बलात्कार करता है। बारह वर्ष से कम उम्र की लड़की के साथ बलात्कार को और भी गंभीर अपराध माना जाता है, क्योंकि इस उम्र की लड़की शारीरिक और मानसिक (Physically or Mentally) रूप से बहुत कमजोर होती है और उसे इस तरह के हादसे से निकल पाना उनके लिए बहुत मुश्किल होता है।


BNS 65 के अपराध को साबित करने वाली मुख्य बातें

बीएनएस धारा 65, जो बलात्कार से संबंधित है, इसके तहत किसी व्यक्ति को दोषी (Guilty) ठहराने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें साबित करनी होती हैं। आइये इन महत्वपूर्ण बातों को सरल भाषा में समझते है:

  1. पीड़िता की उम्र: सबसे पहले यह देखना ज़रूरी है कि पीड़िता (Victim) की उम्र कितनी है। अगर पीड़िता 16 साल से कम उम्र की है, तो यह धारा लागू होती है। अगर पीड़िता 12 साल से भी कम उम्र की है, तो अपराध और भी गंभीर माना जाता है।
  2. बलात्कार की घटना: यह साबित करना ज़रूरी है कि वास्तव में बलात्कार हुआ था। इसका मतलब है कि आरोपी ने पीड़िता के साथ उसकी मर्ज़ी के बिना शारीरिक संबंध (Physical Relation) बनाए। इसे साबित करने के लिए पीड़िता का बयान, मेडिकल रिपोर्ट और अन्य सबूतों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  3. आरोपी की पहचान: यह साबित करना ज़रूरी है कि बलात्कार करने वाला व्यक्ति वही है जिस पर आरोप (Blame) लगाया जा रहा है। पीड़िता अगर आरोपी को पहचानती है, तो उसकी गवाही (Testimony) बहुत महत्वपूर्ण होती है।
  4. पीड़िता की हालत: ऐसे मामलों में यह देखना भी ज़रूरी है कि बलात्कार के बाद पीड़िता की शारीरिक और मानसिक हालत कैसी है। जिसके लिए मेडिकल जाँच करवाकर यह देखा जाता है कि पीड़िता को कोई चोट (Injury) तो नहीं लगी है।

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BNS Section 65 का आपराधिक उदाहरण

रिया नाम की एक 12 साल की लड़की अपने माता-पिता के साथ एक शहर में रहती थी। उसी शहर में राकेश नाम का उनका एक रिश्तेदार भी रहता था, और वह अक्सर रिया के घर पर आता जाता था। एक दिन राकेश रिया को बहला-फुसलाकर अपने साथ कही ले जाता है। वह रिया को एक सुनसान जगह पर ले जाता है और उसके साथ बलात्कार कर देता है। रिया के घर पर जब इस बात का पता चलता है, तो वह राकेश की शिकायत पुलिस में दर्ज करवाते है। जिसके बाद राकेश पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 65 के तहत कार्यवाही की जाती है।


भारतीय न्याय संहिता की धारा 65 के दोषी को सजा कितनी होती है

बीएनएस की धारा 229 की सजा (Punishment) को अपराध की गंभीरता व पीड़िता की उम्र के अनुसार इसकी दो अलग-अलग उपधाराओं में बताया गया है, जो कि इस प्रकार है:

  • उपधारा 1 के तहत सजा: यदि कोई व्यक्ति सोलह वर्ष से कम आयु की लड़की के साथ बलात्कार करता है, तो उसे कठोर कारावास (Rigorous Imprisonment) से दंडित (Punished) किया जाएगा, जिसमें कम से कम 20 साल की कैद से लेकर आजीवन कारावास (Life Imprisonment) की कैद तक की सजा दी जा सकती है। इसके अलावा दोषी को जुर्माना (Fine) भी देना होगा, उस जुर्माने का इस्तेमाल पीड़िता के इलाज (Treatment) के लिए किया जाएगा।
  • उपधारा 2 के तहत सजा: यदि कोई व्यक्ति बारह वर्ष से कम आयु की लड़की के साथ बलात्कार करता है, तो उसे भी कठोर कारावास से दंडित किया जाएगा, जिसमें कम से कम 20 साल तक की कैद जिसे आजीवन कारावास या मृत्युदंड (Capital Punishment) तक भी बढ़ाया जा सकता है। इसमें भी दोषी पर कैद की सजा के साथ-साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

बीएनएस की धारा 65 में जमानत के लिए क्या कानूनी प्रावधान होता है?

भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 65 के तहत बलात्कार एक संज्ञेय अपराध (Cognizable Offence) है। इसका मतलब है कि पुलिस के पास बिना वारंट के आरोपी को गिरफ्तार करने का अधिकार है। पुलिस ऐसे गंभीर मामलों में बिना वारंट के जांच शुरू कर सकती हैं और आरोपी (Accused) को गिरफ्तार कर सकती हैं। इसके अलावा सेक्शन 65 एक गैर-जमानती (Non-Bailable) सेक्शन है। इसका मतलब है कि इस अपराध के आरोपी को जमानत (Bail) नहीं मिल सकती है।

इस धारा के साथ लगने वाली अन्य धाराएं:


धारा 65 लगने पर बचाव के उपाय

  • शांत रहें: यदि आप पर आरोप लगाया जाता है, तो शांत रहें और घबराएं नहीं।
  • वकील से सलाह लें: किसी भी कानूनी कार्यवाही में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप एक अनुभवी वकील (Experienced Lawyer) से सलाह लें। एक वकील आपको आपकी स्थिति के बारे में सही सलाह दे सकता है और आपको बचाव के लिए सबसे अच्छे तरीके के बारे में बता सकता है।
  • झूठे आरोप से बचाव: यदि आपको लगता है कि आपको गलत तरीके से फंसाया जा रहा है, तो यह साबित करने की कोशिश करें कि आप घटना के समय कहीं और थे। आपके पास गवाह, सीसीटीवी फुटेज, या अन्य सबूत हो सकते हैं जो आपकी बात को साबित करते हैं।
  • झूठी शिकायत से बचाव: यदि आपको लगता है कि शिकायतकर्ता (Complainant) ने झूठी शिकायत (False Complaint) दर्ज कराई है, तो आप पिछली घटनाओं व उनके इरादों के बारे में अपने वकील को बता सकते है।
  • सबूतों से छेड़छाड़ से बचाव: यदि आपको लगता है कि सबूतों से छेड़छाड़ की गई है, तो आप फोरेंसिक जाँच (Forensic Investigation) की माँग कर सकते हैं और सबूतों की जांच करवा सकते हैं।

इस धारा के तहत कानूनी शिकायत कैसे करें

यदि आपके साथ या आपके किसी जानने वाले के साथ यह अपराध हुआ है, तो आप निम्नलिखित तरीके से कानूनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं:

  1. पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराएं : सबसे पहले आपको नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर घटना की रिपोर्ट दर्ज करानी चाहिए। रिपोर्ट में आपको घटना की पूरी जानकारी, जैसे कि कब, कहाँ, और कैसे हुआ, बताना होगा। आपको अपनी पहचान और आरोपी के बारे में भी जानकारी देनी होगी।
  2. चिकित्सा जांच कराएं: यदि आप शारीरिक रूप से घायल (Injured) हैं, तो आपको तुरंत चिकित्सा जांच (Medical Check-up) करानी चाहिए। मेडिकल रिपोर्ट कानूनी कार्यवाही में एक महत्वपूर्ण सबूत के रूप में काम करेगी।
  3. वकील से सलाह लें: आपको एक अनुभवी वकील से सलाह लेनी चाहिए जो आपको कानूनी प्रक्रिया के बारे में मार्गदर्शन कर सके। वकील आपको FIR दर्ज कराने, सबूत इकट्ठा करने और अदालत में अपना मामला पेश करने में मदद करेगा।
  4. राष्ट्रीय महिला आयोग या राज्य महिला आयोग से संपर्क करें : ऐसे अपराध का शिकार होने पर आप राष्ट्रीय महिला आयोग या राज्य महिला आयोग से भी संपर्क कर सकती हैं। ये आयोग महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में मदद करते हैं।

यदि आप BNS Section 65 से संबंधित मामलों में कानूनी सलाह या सहायता पाना चाहते है, तो नीचे दिए लिंक पर पर क्लिक करकें अभी आप हमारे वकीलों से बात कर सकते है।




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बीएनएस धारा 65 पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल


बीएनएस में धारा 65 क्या है?

भारतीय न्याय संहिता की धारा 65 जो बलात्कार से संबंधित है। यह धारा कुछ विशेष परिस्थितियों में बलात्कार के लिए कठोर दंड का प्रावधान करती है। जिसमें 16 साल व 12 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ किए जाने वाले बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों के बारे में बताया गया है। 



BNS की धारा 65 के अपराध की सजा क्या है?

बीएनएस सेक्शन 65 के तहत बलात्कार के लिए कठोर कारावास की सजा का प्रावधान है, जिसकी अवधि बीस वर्ष से कम नहीं होगी, लेकिन जो आजीवन कारावास तक बढ़ाई जा सकती है। कुछ मामलों में, मृत्युदंड भी दिया जा सकता है।



बीएनएस सेक्शन 65 के तहत जमानत का क्या प्रावधान है?

BNS की धारा 65 के तहत बलात्कार एक गैर-जमानती अपराध है। इसका मतलब है कि आरोपी को जमानत नहीं मिल सकती है।



क्या धारा 65 के तहत अपराध समझौता योग्य है?

नहीं, यह अपराध समझौता योग्य नहीं है, जिसका मतलब है पीड़ित और आरोपी के बीच समझौते के आधार पर मामला खत्म नहीं किया जा सकता।