बीएनएस धारा 190 क्या है (BNS 190 in Hindi) - सजा जमानत और बचाव


बीएनएस धारा BNS Section 190 in Hindi

जब भी हमारे माता-पिता या घर के बड़े बुजुर्ग हमें किसी जगह जाने से रोकते है, तो उनकी इस रोक-टोक के पीछे हमारी ही भलाई छिपाई होती है। क्योंकि उन्हें अपने बीते जीवन के अनुभव से हर चीज की समझ होती है। परन्तु आजकल हम बिना सोचे समझे किसी भी व्यक्ति के साथ कही भी चले जाते है। किसी भी गैर-कानूनी रुप से इकट्ठा हुई भीड़ वाली जगह जाने पर अगर कोई घटना घट जाती है, तो हमें कानूनी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए आज हम इसी प्रकार के अपराधों पर लागू होने वाली धारा के बारे में बात करेंगे, की बीएनएस की धारा 190 क्या है (BNS Section 190 in Hindi)? भारतीय न्याय संहिता की इस धारा में सज़ा और ये धारा जमानती है या गैर-जमानती?

किसी भी गैर-कानूनी रैली या भीड़ में शामिल लोगों द्वारा किए जाने वाले अपराधों के आरोपी व्यक्तियों पर पहले भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 149 के तहत केस दर्ज किए जाते थे। लेकिन BNS के लागू होती ही इस अपराध के आरोपी व्यक्तियों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 190 के तहत केस दर्ज किए जाने लगे है। जिसके बारे में जानकारी होना देश के हर नागरिक के लिए आवश्यक है। इसके साथ ही इस अपराध के आरोपी व्यक्तियों को भी बचाव उपायों से लेकर आगे की कार्यवाही की जानकारी इस लेख में मिलेगी।


बीएनएस धारा 190 क्या है - कब लगती है | BNS Section 190 in Hindi

भारतीय न्याय संहिता की धारा 190 एक बहुत ही उपयोगी धारा है, जो गैरकानूनी सभाओं (Unlawful Assemblies) से जुड़े अपराधों से संबंधित है। यह धारा कहती है कि अगर कोई व्यक्ति किसी गैरकानूनी सभा का सदस्य (Member) है और उस सभा के उद्देश्य को पूरा करने के लिए कोई अपराध किया जाता है। तो उस सभा के सभी सदस्यों को किए गए अपराध के लिए दोषी (Guilty) ठहराया जा सकता हैं।

सरल शब्दों में इसका अर्थ है कि जब पाँच या उससे अधिक लोग किसी चीज का विरोध करने के लिए गैर-कानूनी सभा या प्रर्दशन करते है। वहाँ उस सभा में मौजूद कोई एक सदस्य भी अगर किसी अपराध को अंजाम दे देता है, तो उस सभा के सभी व्यक्तियों को दोषी माना जाएगा। भले ही आपने खुद वह अपराध नहीं किया हो, लेकिन अगर आप केवल उस सभा में उपस्थित भी थे तो आप पर भी BNS Section 190 के तहत कार्यवाही की जा सकती है।


भारतीय न्याय संहिता की धारा 190 के आवश्यक तत्व:-

धारा 190 के तहत अपराध को किसी भी व्यक्ति पर लागू करने से पहले कुछ आवश्यक बातों का होना बहुत जरुरी है, जो कि इस प्रकार है:-

  • कोई ऐसा समूह बनाया जाता है जिसका उद्देश्य कानून का उल्लंघन (Violation) करना हो।
  • पाँच या उससे अधिक लोगों का समूह एक सामान्य अवैध उद्देश्य (Illegal Purpose) के साथ इकट्ठा होना चाहिए।
  • सामान्य उद्देश्य का मतलब है, जैसे कि किसी को नुकसान पहुंचाना, संपत्ति को नष्ट करना, या किसी कानून को तोड़ना।
  • सभा के कम से कम एक सदस्य द्वारा कोई अपराध किया जाना चाहिए।
  • जब अपराध किया गया था तब आरोपी व्यक्ति उस गैरकानूनी सभी में मौजूद होना चाहिए।

इस धारा के तहत अपराध में किए जाने वाले कुछ कार्य

  1. दंगा: यदि एक गैरकानूनी सभा के सदस्य किसी व्यक्ति या संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए हिंसा करते हैं, तो सभी सदस्यों को दंगे (Riots) का दोषी माना जा सकता है।
  2. आगजनी: यदि कोई सदस्य जानबूझकर किसी संपत्ति को आग लगाता है, तो वहाँ मौजूद सभी सदस्यों को आगजनी करने के अपराध का दोषी माना जा सकता है।
  3. हत्या या हत्या का प्रयास: यदि कोई सदस्य किसी व्यक्ति की हत्या (Murder) कर देता है या किसी की भी हत्या करने का प्रयास करता है, तो वहाँ उपस्थित सभी लोगों को हत्या या हत्या के प्रयास (Attempt To Murder) का दोषी माना जा सकता है।
  4. अपहरण: यदि कोई सदस्य किसी व्यक्ति का अपहरण (Kidnaping) करता है, तो सभी सदस्यों को अपहरण का दोषी माना जा सकता है।
  5. लूट: यदि कोई सदस्य किसी व्यक्ति या संपत्ति को लूटता है, तो सभी सदस्यों को लूट के अपराध के तहत कार्यवाही की जा सकती है।
  6. गैरकानूनी कब्जा: यदि कोई सदस्य किसी संपत्ति पर गैरकानूनी कब्जा (Unlawful Possession) करता है, तो सभी सदस्यों पर गैरकानूनी कब्जा करने के जुर्म के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है।
  7. अवैध हथियार रखना: अगर किसी सभा का सदस्य अवैध हथियार (Illegal Weapons) रखता है, तो सभी सदस्यों को अवैध हथियार रखने का दोषी माना जा सकता है।

जाने - दंगा करने की बीएनएस धारा 191 में सजा


बीएनएस सेक्शन 190 के अपराध का उदाहरण

एक दिन किसी छोटे से शहर में एक समूह के कुछ लोग एक मंदिर के दोबारा से बनाए जाने के विरोध में एकत्रित हुए। इस समूह का नेतृत्व राहुल कर रहा था। राहुल ने ही सभी लोगों को बुलाकर वहां पर इकट्ठा किया था। पहले तो वहाँ सब कुछ ठीक चल रहा होता है, लेकिन कुछ ही देर बाद उसी समूह का एक व्यक्ति पुलिस पर पत्थरबाजी करने लग जाता है। जिसके कारण वहाँ पर हिंसा फैल जाती है, और उनमें से एक व्यक्ति मंदिर के पुजारी पर भी हमला कर देता है।

जिसके बाद पुलिस स्थिति को काबू करती है और वहाँ उपस्थित सभी लोगों को गिरफ्तार कर लेती है। इसके बाद जिन लोगों ने पुलिस पर पत्थरबाजी नहीं की थी, उन सभी पर भी किए गए अपराध व BNS 190 के तहत कार्यवाही की जाती है। क्योंकि वे सभी उस समूह में उस अपराध के होने के समय भी शामिल थे, और उनका उद्देश्य भी मंदिर बनाने को रोकने का था।


भारतीय न्याय संहिता की धारा 190 की सजा - Punishment Of BNS 190 in Hindi

बीएनएस धारा 190 के तहत सजा (Punishment) उस अपराध की गंभीरता पर निर्भर करती है जो समूह द्वारा किया गया है। जिसमें कारावास की सजा, जुर्माना या दोनों हो सकती है। इसका मतलब है कि किसी समूह का कोई सदस्य जब किसी अपराध को करेगा तो जो अपराध उसने किया है। वहाँ मौजूद सभी लोगों को उसी अपराध में बताई गई सजा से ही दंडित किया जाएगा।

उदाहरण के लिए:- अगर समूह में मौजूद किसी एक व्यक्ति ने भी किसी की हत्या की है, तो समूह के सभी सदस्यों को हत्या के लिए दोषी ठहराया जा सकता है और उन्हें आजीवन कारावास (Life Imprisonment) की सजा हो सकती है।


बीएनएस की धारा 190 में जमानत कब व कैसे मिलती है

बीएनएस की धारा 190 में जमानत (Bail) का मिलना ना मिलना भी किए गए अपराध की धारा के अंतर्गत ही पता चल सकता है। यदि कोई ऐसा अपराध किया गया है जो जमानती है तो आरोपी व्यक्तियों को जमानत मिल सकती है। लेकिन अगर कोई गंभीर अपराध किया गया है जो गैर-जमानती (Non-Bailable) हो तो जमानत मिलना मुश्किल हो जाता है, जैसे:- हत्या का अपराध गैर-जमानती है


BNS 190 के आरोपी के लिए उपयोगी बचाव उपाय

  • ऐसे अपराध के किसी भी मामलों में यदि आप पर कार्यवाही की जाती है तो सबसे पहले किसी वकील (Lawyer) के पास जाकर कानूनी सलाह जरुर ले।
  • बचाव उपायों में आरोपी यह साबित कर सकता है कि वह अपराध होने के समय किसी भी गैरकानूनी सभा में उपस्थित नहीं था।
  • इसके लिए यदि आपके पास कोई गवाह, सीसीटीवी फुटेज या अन्य सबूत है तो ये सभी आपके बचाव (Defence) में काम आ सकते है।
  • आरोपी यह दलील (Plea) दे सकता है कि उसे सभा के असली उद्देश्य के बारे में पता नहीं था। यानी उसे नहीं पता था कि वहाँ सभी लोग क्यों इकट्ठा हुए है।
  • आरोपी व्यक्ति को अपने बचाव के लिए यह साबित करना होगा कि वह केवल एक दर्शक था या उसे जबरदस्ती वहाँ ले जाया गया था।
  • इसके अलावा आरोपी यह भी साबित सकता है कि पुलिस ने उसे किसी अन्य व्यक्ति के रुप में पहचान कर गिरफ्तार कर लिया। जिसके लिए आपको गवाहों (Witnesses) की जरुरत पढ़ सकती है।
  • यदि आप निर्दोष (Innocent) है और आपने कोई गुनाह नहीं किया है तो वकील की सहायता से आप ऐसे मामलों से बच सकते है।
निष्कर्ष :- BNS Section 190 समाज के लोगों के हितों के लिए बहुत ही आवश्यक है, क्योंकि यह समाज में कानून और व्यवस्था बनाए रखने में मदद करती है। यह धारा हमें याद दिलाती है कि हमारे द्वारा किए गए कार्यों के कारण हमें कानूनी रुप से दंडित किया जा सकता है। यदि आप इस प्रकार की किसी भी कानूनी समस्या का सामना कर रहे है तो कानूनी सलाह प्राप्त करने के लिए हमारे अनुभवी वकीलों से बात कर सकते है।




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बीएनएस धारा 190 पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल


बीएनएस 190 के तहत गैरकानूनी सभा क्या है?

बीएनएस की धारा 190 के तहत गैरकानूनी सभा को परिभाषित किया गया है। यह पाँच या अधिक व्यक्तियों की सभा है, जिनका एक ही उद्देश्य होता है कि वे कोई गैरकानूनी कार्य करें या जनता को डराने या सार्वजनिक शांति भंग करने के लिए आपराधिक बल का प्रयोग करें।



यदि मैं वास्तविक अपराध में शामिल नहीं था, तो क्या मुझ पर BNS 190 लग सकती है?

हाँ, यदि आप उस समय गैरकानूनी सभा के सदस्य हैं। जब सभा के सामान्य उद्देश्य की प्राप्ति के लिए कोई अपराध किया जाता है, तो आपको उस अपराध के लिए उत्तरदायी ठहराया जा सकता है। भले ही आपने खुद से उस जुर्म को करने में भाग न लिया हो।



बीएनएस की धारा 190 क्या है व यह कब लगती है?

भारतीय न्याय संहिता की धारा 190 में बताया गया है कि गैरकानूनी सभा में इकट्ठा हुए लोगों में से यदि कोई एक व्यक्ति भी किसी अपराध को कर देता है, तो वहाँ उपस्थित सभी लोगों को दोषी मानकर ही कार्यवाही की जाएगी। 



क्या भारतीय न्याय संहिता की धारा 190 जमानती है?

इस धारा में जमानत का फैसला भी किए गए अपराध के तहत ही लिया जाता है। जैसे मान लीजिए, कोई गैर-कानूनी रुप से इकट्ठा हुई भीड़ में किसी व्यक्ति की हत्या कर देता है तो हत्या की धारा 103 जो कि गैर-जमानती है। उसी के अनुसार जमानत पर फैसला लिया जाएगा। 



BNS Section 190 के अपराध की सजा क्या है?

बीएनएस सेक्शन 190 के तहत सजा उसी अपराध के लिए दी जाएगी जो उस सभा के दौरान आरोपी व्यक्तियों के द्वारा किया गया होगा। जैसे किसी ने दंगा किया  होगा तो सभी सदस्यों को दंगे के दंड से दंडित किया जा सकता है।