विषयसूची
- बीएनएस की धारा 132 क्या है और यह कब लगती है - BNS Section 132 in Hindi
- BNS की धारा 132 के अपराध से जुड़े मुख्य तत्व
- बीएनएस सेक्शन 132 के अपराध का उदाहरण
- बीएनएस धारा 132 के अपराध के दोषी व्यक्तियों के लिए सजा
- BNS Section 132 में जमानत (Bail) के लिए क्या कानूनी प्रावधान है?
- भारतीय न्याय संहिता 132 के तहत अपराध माने जाने वाले कुछ कार्य
- बीएनएस धारा 132 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
कानून व्यवस्था के रखवालों को ही यदि कोई डराए या धमकाए तो क्या होगा? हम अक्सर खबरों में सुनते हैं कि आजकल ना सिर्फ आम व्यक्तियों बल्कि पुलिस अधिकारी, सरकारी कर्मचारी या अन्य लोक सेवकों पर हमले हो रहे हैं। यह एक गंभीर अपराध है, जिसे भारतीय कानून के तहत दंडनीय अपराध माना जाता है। आजकल ऐसे मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे समाज में असुरक्षा का माहौल बन रहा है। आज हम लोक सेवकों को अपने कार्य करने से रोकने व उन पर हमला करने के अपराध से जुड़ी भारतीय न्याय संहिता की धारा के बारे में जानेंगे कि, बीएनएस की धारा 132 क्या है (BNS Section 132 in Hindi)? यह सेक्शन कब व किन व्यक्तियों पर लागू होती है? BNS 132 के तहत दोषी की सजा क्या होती है और इस धारा में बेल मिलती है या नही?
पुलिसवालों पर या लोगों की सेवा में काम कर रहे सरकारी अधिकारियों को उनके काम को करने से रोकना व उन पर हमला करना न सिर्फ कानून व्यवस्था के लिए खतरा हैं बल्कि आम जनता की सुरक्षा के लिए भी चिंता का विषय हैं। पहले ऐसे मामलों में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 353 को लागू कर मामला दर्ज किया जाता था। लेकिन अब भारतीय न्याय संहिता (BNS) के नए कानून के रुप में लागू होते ही ऐसे मामलों में बीएनएस की धारा 132 के तहत कार्रवाई की जाने लगी है। ऐसे अपराधों में बचाव से लेकर कानूनी कार्यवाही तक विस्तार से जानने व समझने के लिए इस लेख को अंत तक जरुर पढ़े।
बीएनएस की धारा 132 क्या है और यह कब लगती है - BNS Section 132 in Hindi
भारतीय न्याय संहिता की धारा 132 किसी लोक सेवक (Public Servant) को उसके कर्तव्य का पालन करने से रोकने के लिए बल प्रयोग करने या आपराधिक बल (Criminal Force) प्रयोग करने के अपराध से संबंधित है। इस धारा का मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों (Government Employees) को उनके कर्तव्यों के दौरान सुरक्षित रखना है, ताकि वे बिना किसी डर के अपने काम कर सकें। यह धारा तब लागू होती है जब कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी सरकारी कर्मचारी पर हमला करता है या बल का उपयोग करता है, ताकि उसे उसके कर्तव्यों का पालन करने से रोका जा सके।
इसका सरल भाषा में मतलब है कि अगर कोई व्यक्ति किसी सरकारी अधिकारी, जैसे पुलिसकर्मी, डॉक्टर, या अन्य सरकारी कर्मचारी, को धमकाता है, धक्का देता है, या उसके खिलाफ हिंसा (Violence) का उपयोग करता है। ताकि वह अपना काम न कर सके तो यह धारा 132 के तहत अपराध माना जाता है।
BNS की धारा 132 के अपराध से जुड़े मुख्य तत्व
- इस धारा के तहत अपराध तब माना जाएगा जब हमला या बल (Attack or Force) का प्रयोग किसी ऐसे व्यक्ति के खिलाफ किया गया हो जो सरकारी कर्मचारी हो।
- धारा 132 तब लागू होती है जब सरकारी कर्मचारी अपने कर्तव्यों का पालन कर रहा हो और उस पर हमला किया जाए या उसे बलपूर्वक रोका जाए।
- अपराधी का इरादा सरकारी कर्मचारी को उसके कर्तव्यों (Duties) से रोकने का होना चाहिए।
- इस धारा के तहत दोषी (Guilty) पाए जाने पर जेल की कैद, जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं।
बीएनएस सेक्शन 132 के अपराध का उदाहरण
रवि एक ट्रैफिक पुलिस अधिकारी था जो सड़क पर ट्रैफिक कंट्रोल कर रहा था। उसी समय सुमित नाम का एक व्यक्ति रेड लाइट पर सिग्नल तोड़ देता है, और तेज रफ्तार से अपनी गाड़ी को भगाकर निकलने की कोशिश करता है। लेकिन तभी रवि उसकी गाड़ी को सामने से रोक लेता है और उससे पूछता है कि, "आपने रेड लाइट क्यों तोड़ी?" इस बात पर सुमित को गुस्सा आ जाता है। जिसके बाद वो रवि को धक्का देते हुए कहता है, "तुम मुझे रोकने वाले कौन हो?"
इस मामले में सुमित ने जानबूझकर रवि को उसकी ड्यूटी करने से रोका और उस पर हमला किया। इस स्थिति में सुमित पर BNS की धारा 132 के तहत मामला दर्ज हुआ। जिसमें उसे जेल, जुर्माना या दोनों की सजा मिल सकती है।
बीएनएस धारा 132 के अपराध के दोषी व्यक्तियों के लिए सजा
भारतीय न्याय संहिता के सेक्शन 132 में दोषी (Guilty) पाये जाने वाले व्यक्ति को जेल की कैद की सजा भुगतनी पड़ सकती है। अगर कोई व्यक्ति सरकारी कर्मचारी को उसके कर्तव्यों का पालन करने से रोकने के लिए हमला करता है या बल प्रयोग करता है, तो उसे अधिकतम दो साल तक की कैद हो सकती है। यह कैद साधारण या सख्त दोनों तरह की हो सकती है, जो अपराध की गंभीरता पर निर्भर करती है।
इसके साथ ही अपराधी पर जुर्माना ((Fine) भी लगाया जा सकता है। जुर्माने की राशि अदालत के विवेक पर निर्भर करती है, और यह अपराध की गंभीरता, परिस्थितियों और अन्य संबंधित तथ्यों को ध्यान में रखकर तय किया जाता है।
BNS Section 132 में जमानत (Bail) के लिए क्या कानूनी प्रावधान है?
भारतीय न्याय संहिता की धारा 132 के अनुसार किसी सरकारी कर्मचारी या लोक सेवक पर हमला करना एक संज्ञेय (Cognizable) यानी गंभीर अपराध है। जो गैर-जमानती अपराध (Non-Bailable Offence) की श्रेणी में भी आता है। इसका अर्थ है कि इस धारा के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को जमानत (Bail) लेना आसान नहीं होता। ऐसे मामलों में जमानत अदालत के विवेक पर निर्भर करती है।
गैर-जमानती अपराधों में न्यायालय (Court) स्थिति की गंभीरता और तथ्यों के आधार पर जमानत देने या न देने का निर्णय करता है। यह मामला किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय (Triable) होता है।
भारतीय न्याय संहिता 132 के तहत अपराध माने जाने वाले कुछ कार्य
- किसी पुलिस अधिकारी या अन्य सरकारी कर्मचारी पर हमला (Attack) करना जब वह अपनी ड्यूटी कर रहा हो।
- सरकारी अधिकारी को उसके कार्य में बाधा डालने के लिए धक्का देना या उसे जोर से हटाने की कोशिश करना।
- किसी सरकारी कर्मचारी को धमकाना ताकि वह अपना कर्तव्य न निभा सके।
- अगर कोई व्यक्ति सरकारी कर्मचारी को उसके काम के दौरान रास्ते में रोकता है और उसे काम करने से रोकता है।
- पुलिसकर्मी को किसी प्रकार से जबरदस्ती या हिंसा दिखाकर उसके कर्तव्यों का पालन करने से रोकना।
- ट्रैफिक नियमों का पालन न करते हुए ट्रैफिक पुलिस पर हमला करना, जब वह अपनी ड्यूटी कर रहा हो।
- सरकारी कर्मचारी के पास मौजूद महत्वपूर्ण दस्तावेजों (Important Documents) को छीनने या नुकसान पहुंचाने की कोशिश करना।
- सरकारी कर्मचारी को उसके कार्य से रोकने के लिए शारीरिक नुकसान पहुंचाने की धमकी देना।
- सरकारी कर्मचारी द्वारा उपयोग की जाने वाली सरकारी संपत्ति (Government Property) को नुकसान पहुंचाना ताकि वह अपनी ड्यूटी न निभा सके।
निष्कर्ष:- BNS Section 132 सरकारी कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है और उनके कर्तव्यों के पालन में हस्तक्षेप करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान करती है। यह धारा सरकार और आम जनता दोनों के हितों की रक्षा करती है, ताकि सरकारी कर्मचारी बिना किसी डर के अपनी ड्यूटी कर सकें और देश की सेवाओं को बेहतर ढंग से चला सकें।
बीएनएस धारा 132 पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
सरकारी कर्मचारियों पर हमला करने पर कौन सी कानूनी धारा लगती है?
भारतीय न्याय संहिता की धारा 132 किसी लोक सेवक या सरकारी कर्मचारी को उसकी नौकरी करने से रोकने के लिए बल प्रयोग करने या आपराधिक बल प्रयोग करने के अपराध से संबंधित है। सरल शब्दों में यदि कोई व्यक्ति किसी पुलिस अधिकारी, सरकारी कर्मचारी या किसी अन्य लोक सेवक को उसके काम करने से रोकने के लिए मारता है, धमकाता है या उसके साथ बदसलूकी करता है, तो वह BNS Section 132 के अपराध का दोषी होगा।
क्या भारतीय न्याय संहिता की धारा 132 में जमानत मिल सकती है?
नहीं, किसी भी सरकारी कर्मचारी पर हमला करना एक गैर-जमानती अपराध होता है इसलिए BNS 132 में आरोपी व्यक्ति को आसानी से जमानत नहीं मिलती है।
बीएनएस धारा 132 के तहत लोक सेवक पर हमला करने की सजा क्या है?
भारतीय न्याय संहिता की धारा 132 के तहत दोषी पाए जाने पर दो साल तक के कारावास या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
लोक सेवक किसे कहते हैं?
लोक सेवक में पुलिस अधिकारी, सरकारी कर्मचारी, न्यायाधीश और अन्य सभी व्यक्ति शामिल होते हैं जिन्हें सरकार द्वारा कोई सार्वजनिक कार्य करने के लिए अधिकृत किया गया हो।