बीएनएस धारा 351 क्या है? BNS 351 in Hindi - धमकी की धारा में सजा जमानत


धमकी देने की बीएनएस धारा BNS Section 351 in Hindi

किसी व्यक्ति को धमकियाँ (Threats) देना न केवल एक कानूनी अपराध हैं, बल्कि ऐसा करना किसी भी व्यक्ति की मानसिक शांति और सुरक्षा को भी गहरे रूप से प्रभावित करती हैं। जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के प्रियजन को जान से मारने, गंभीर चोट पहुँचाने, की धमकी देता है। तो यह केवल धमकी नहीं होती बल्कि उस इंसान के जीवन में डर और असुरक्षा का माहौल पैदा करती है। ऐसे अपराधों से निपटने के लिए भारतीय न्याय संहिता की एक बहुत ही अहम धारा के बारे में आज हम आपको बताएंगे, की बीएनएस की धारा 351 क्या है (BNS Section 351 in Hindi)? और यह कब लागू होती है? BNS 351 में सजा क्या है और जमानत कैसे मिलती है?

किसी व्यक्ति को डरा-धमका कर किसी कार्य को करने से रोकना, या धमकी देकर डराने जैसे अपराधों को हमारे देश के कानून के अंदर हमेशा से ही गंभीरता से लिया जाता है। इसलिए बदलते समय के साथ ही देश के कानून में भी बदलाव देखने को मिला है। जैसे पहले धमकी देने जैसे मामलों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 503, 506 व 507 के तहत कार्यवाही की जाती थी। परन्तु कुछ समय पहले ही भारतीय न्याय संहिता को नए कानून के रुप में लागू किया गया है।

अब ऐसे मामलों को बीएनएस की धारा 351 व इसकी उपधाराओं (Sub Sections) के अंदर बताया गया है। इसलिए हम इस सेक्शन के सभी कानूनी प्रावधानों और उनके महत्व के बारे में आपको जानकारी देंगे। जिससे आप अपनी व अपने प्रियजनों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।


बीएनएस की धारा 351 क्या है व यह कब लागू होती है- BNS Section 351 in Hindi

भारतीय न्याय संहिता की धारा 351 "आपराधिक धमकी" (Criminal Intimidation) के अपराध से संबंधित है। आसान भाषा में कहे तो, किसी व्यक्ति द्वारा आपको डराने या धमकाने के लिए धमकी देने या आपको ऐसा कार्य करने के लिए मजबूर करना जो आप नहीं करना चाहते। या धमकी देकर आपको ऐसा कुछ करने से रोकने की कोशिश करना है जिसे करने का आपको अधिकार है। ऐसे कार्यों को सेक्शन 351 में अपराध के रुप में बताया गया है।


बीएनएस धारा 351 में चार उप-धाराएँ - BNS Section (1), (2), (3), (4)

  • बीएनएस धारा 351 की उपधारा (1): इसमें बताया गया है कि यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को उसके सम्मान या प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की धमकी देता है। उस व्यक्ति से संबंधित कुछ ऐसी बातें सार्वजनिक करने की धमकी देता है, जिससे उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा (Social Standing) को नुकसान पहुँच सकता है। ऐसे अपराध करने वाले व्यक्ति पर 351 की उपधारा(1) के तहत कार्यवाही की जाएगी।
  • बीएनएस धारा 351 की उपधारा (2): इसके अंदर केवल BNS Section 35 (1) के अपराध की सजा (Punishment) के बारे में बताया गया है।
  • बीएनएस सेक्शन 351 की उपधारा (3): इसमें किसी व्यक्ति को दी जाने वाली गंभीर धमकियों (Serious Threats) के बारे में बताया गया है। यदि कोई व्यक्ति आपके किसी प्रियजन को जान से मारने या गंभीर चोट पहुँचाने की धमकी देता है या आपकी किसी संपत्ति (Property) को आग लगाने की धमकी देता है। इसके साथ ही किसी महिला के साथ गलत व्यवहार करने की धमकी देता है तो उस व्यक्ति पर BNS Section 351(3) के तहत कार्यवाही की जाती है।
  • बीएनएस की धारा 351(4) इसमें बताया गया है कि यदि धमकी देने वाला व्यक्ति अपना नाम या अपने रहने वाली जगह का पता छिपाकर आपको धमकाता है। तो ऐसे अंजान व्यक्तियों के खिलाफ 351(4) के तहत कार्यवाही की जाती है।

भारतीय न्याय संहिता की धारा 351 की मुख्य बातें:-

  • किसी व्यक्ति को शारीरिक नुकसान (Physical Damage) पहुंचाने के लिए डराना।
  • धमकी भरे इशारे करना, किसी के पास धमकी भरे अंदाज में जाना, या कोई भी ऐसा काम जिससे सामने वाले व्यक्ति को लगे कि आप उसके साथ मारपीट करने वाले हो।
  • बेल्ट खोलना, हथियार उठाना, या कोई भी ऐसा काम जिससे दूसरे व्यक्ति को लगे कि लड़ाई होने वाली है।
  • ऐसा अपराध करने वाले व्यक्ति का या तो डर (Fear) पैदा करने का इरादा होना चाहिए या उसे पता होना चाहिए कि उसके कामों से डर पैदा होने की संभावना है।
  • आपके घर या किसी संपत्ति को जलाने (Burning) की बात कहकर डराने की कोशिश करना।
  • अंजान मोबाइल न0 से किसी अंजान व्यक्ति द्वारा Threat देना।
  • किसी महिला के साथ गलत व्यवहार करने या उसकी पवित्रता भंग करने की बात कहकर परेशान करना।
  • आपकी किसी ऐसी जानकारी को सार्वजनिक करने की धमकी देना जिससे समाज (Society) में आपके सम्मान को नुकसान हो।

बीएनएस सेक्शन 351 का उदाहरण

उदाहरण 1:
रवि और मोहन एक ही कंपनी में काम करते हैं। एक दिन रवि को मोहन की कुछ ऐसी गुप्त (Secret) बातों का पता चल जाता है, जिनके बारे में किसी को भी पता नहीं था। रवि इस बात का फायदा उठाकर मोहन को धमकी देता है कि अगर उसने उसे कंपनी में प्रमोशन दिलाने में मदद नहीं की, तो वह उन निजी बातों को सबके सामने बता देगा। इस धमकी से मोहन की सामाजिक प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान हो सकता है। इसलिए अगर मोहन रवि की शिकायत दर्ज (Complaint Register) करता है तो रवि पर BNS Section 351 (1) के तहत कार्यवाही की जाएगी।

उदाहरण 2:
अजय और विजय पड़ोसी हैं और एक दिन उनके बीच किसी बात को लेकर विवाद (Dispute) हो गया। विवाद बढ़ने पर विजय ने अजय को Threat दी कि अगर उसने यह मुद्दा नहीं छोड़ा तो वह अजय की पत्नी को गंभीर चोट पहुँचाएगा। विजय ने यह भी कहा कि अगर अजय ने पुलिस में शिकायत की तो वह उनके घर को भी आग लगा देगा। इस तरह की गंभीर धमकी से अजय और उसका परिवार बहुत डर गए। इस मामले में विजय पर BNS Section 351(3) के तहत कार्यवाही की जा सकती है।

उदाहरण 3:
एक बार सुमित नाम के एक व्यक्ति को लगातार अज्ञात नंबर (Unknown Number) से फोन आ रहे थे। जिसमें उसे बार-बार धमकी दी जा रही थी कि अगर उसने अपनी कंपनी का महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट नहीं छोड़ा, तो उसे और उसके परिवार को नुकसान पहुंचाया जाएगा। धमकी देने वाला व्यक्ति अपनी पहचान नहीं बता रहा है और लगातार अलग-अलग नंबरों से कॉल कर रहा है। सुमित को डर है कि यह व्यक्ति सच में कुछ गलत कर सकता है। इस स्थिति में धमकी देने वाले अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ BNS Section 351(4) के तहत शिकायत दर्ज कर कार्यवाही की जा सकती है।


भारतीय न्याय संहिता की धारा 351 की सजा (Punishment)

बीएनएस की धारा 351 के अपराध में सजा (Punishment) को भी अलग-अलग प्रकार से बताया गया है। आइये एक-एक कर भारतीय न्याय संहिता की धारा 351 की सभी उपधाराओं (Sub Sections) की सजा को विस्तार से जानते है:-

BNS 351(2) की सजा:- धारा 351 की उपधारा (1) के तहत जो कोई भी किसी व्यक्ति के सम्मान को नुकसान पहुँचाने या कोई भी कार्य करने के लिए मजबूर करने की धमकी देने का दोषी (Guilty) पाया जाता है। उस व्यक्ति को बीएनएस की धारा 351(2) के तहत 2 वर्ष तक की कारावास (Imprisonment) की सजा व जुर्माने (Fine) से दंडित किया जा सकता है।

BNS 351(3) की सजा:- जो कोई भी व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को या उसके परिवार के किसी सदस्य (Member) को गंभीर चोट पहुँचाने या उसकी किसी संपत्ति को चोट पहुँचाने का दोषी पाया जाता है। उसे 7 वर्ष तक की कैद व जुर्माने की सजा से दंडित किया जा सकता है।

BNS 351(4) की सजा:- यदि कोई व्यक्ति बिना किसी व्यक्ति को अपना नाम व पता बताए, यानी अंजान बनकर धमकी देने का दोषी पाया जाता है। उस व्यक्ति को 351(1) की सजा यानी 2 वर्ष की सजा के साथ अलग से 2 वर्ष तक की कैद की सजा व जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।


इस अपराध से जुडी अन्य लगने वाली मुख्य धाराएं


बीएनएस​ धारा 351 में जमानत कब व कैसे मिलती है

बीएनएस की धारा 351 के तहत किसी व्यक्ति को धमकी देना एक गैर-संज्ञेय (Non-Cognizable) अपराध की श्रेणी में आता है। जिसका मतलब यह है कि यह अपराध अन्य मामलों जितना गंभीर नहीं माना जाता। इसके साथ ही धारा 351 जमानती (Bailable) है, जिसमें आरोपी व्यक्ति को जमानत (Bail) मिल जाती है। लेकिन कुछ परिस्थितियों (जैसे- जान से मारने की धमकी) में अपराध की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय आरोपी व्यक्ति की जमानत को खारिज (Dismissed) भी कर सकता है।

अगर आपको किसी ने धमकी दी है या मारने-पीटने की कोशिश की है, या आप पर धारा 351 लगी है, तो कानूनी मदद जरूरी है। सही सलाह के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके हमारे वकील से बात करें।


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बीएनएस धारा 351 पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल


बीएनएस की धारा 351 क्या है और यह कब लागू होती है?

भारतीय न्याय संहिता की धारा 351 आपराधिक धमकी के क्राइम से संबंधित है। इसका मतलब है कि जो कोई भी किसी अन्य व्यक्ति को उसके व्यक्तित्व, प्रतिष्ठा या संपत्ति को नुकसान पहुँचाने की धमकी देता है, या उसके किसी करीबी को धमकाता है।



BNS Section 351 जमानती है,या गैर-जमानती?

भारतीय न्याय संहिता की धारा 351 जमानती है, जिसमें आरोपी व्यक्ति को जमानत दी जा सकती है।  



धारा 351 के अंतर्गत किस प्रकार की धमकियाँ आती हैं?

धमकी किसी भी माध्यम से दी जा सकती है, मौखिक, लिखित या यहाँ तक इशारे के माध्यम से भी। 



बीएनएस सेक्शन 351 के तहत कौन शिकायत दर्ज करा सकता है?

कोई भी व्यक्ति जिसे ऊपर बताए गए तरीके से धमकाया गया हो, वह पुलिस में शिकायत दर्ज करा सकता है। 


BNS Section 351 के अंतर्गत आपराधिक धमकी के लिए दंड क्या हैं?

बीएनएस सेक्शन 351 में अपराध की गंभीरता के आधार पर सजा दो साल से लेकर 7 वर्ष तक की जेल हो सकती है व जुर्माना भी लगाया जा सकता है।



क्या गुमनाम धमकियों के लिए कोई कठोर सजा है?

हाँ, बीएनएस की धारा 351 (4) में  गुमनाम रूप से दी गई धमकियों या जहाँ धमकी देने वाले का नाम व पता जानबूझकर छिपाया गया हो ऐसे मामलों में आपराधिक धमकी में दी जाने वाली सजा से 2 साल की अतिरिक्त सजा दी जा सकती है। 


क्या व्हाट्सएप या कॉल पर धमकी देने पर भी केस हो सकता है?

हाँ, टेक्स्ट, कॉल, मैसेज, सोशल मीडिया पर दी गई धमकी देने पर भी धारा 351 लग सकती है। पर इसके लिए आपके पास पुख्ता सबूत होने जरुरी है।