विषयसूची
- बीएनएस की धारा 110 क्या है यह कब लगती है - BNS Section 110 in Hindi
- इस धारा के लागू होने प्रमुख बिंदु
- BNS Section 110 के तहत अपराध माने जाने वाले कुछ कार्य
- बीएनएस की धारा 110 के जुर्म का सरल उदाहरण
- बीएनएस धारा 110 के तहत दोषी को सजा कितनी होती है?
- भारतीय न्याय संहिता की धारा 110 में जमानत के लिए कानूनी प्रावधान है
- बीएनएस धारा 110 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
तेजी से बदलते इस आधुनिक दौर में अपराधों के मामले भी बहुत ही तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। चाहे वह सड़क पर लापरवाही से गाड़ी चलाना हो, किसी झगड़े के दौरान हथियार का इस्तेमाल करना हो, हत्या के प्रयास से संबंधित मामले लगातार सामने आ रहे हैं। यह अपराध न केवल किसी व्यक्ति के जीवन को खतरे में डालते है बल्कि पूरे समाज की शांति और सुरक्षा को भी प्रभावित करते है। इसलिए आज हम भारतीय न्याय संहिता की धारा 110 के बारे में बताएंगे कि बीएनएस की धारा 110 में गैर-इरादतन हत्या का प्रयास क्या है (BNS Section 110 in Hindi)? इस धारा के उल्लंघन करने पर क्या दंड मिलता है और क्या धारा 110 जमानती है?
आज हम एक ऐसे कानूनी पहलू पर चर्चा करने जा रहे हैं जो हमारे समाज की सुरक्षा और शांति के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह है गैर-इरादतन हत्या का प्रयास। पहले इस तरह के आपराधिक मामलों के लिए भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 308 लगाई जाती थी। लेकिन कानून में किए गए बदलाव के बाद अब इन मामलों को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 110 के तहत दर्ज किया जाता है। इसलिए इस अपराध से जुड़े सभी कानूनी उपायों को जानने व समझने के लिए आपको इस लेख को पूरा पढ़े।
बीएनएस की धारा 110 क्या है यह कब लगती है - BNS Section 110 in Hindi
भारतीय न्याय संहिता की धारा 110 गैर-इरादतन हत्या के प्रयास (Attempt to commit culpable homicide) के अपराध से संबंधित है। यह धारा उस व्यक्ति को दंडित करती है जो जानबूझकर या जानते हुए ऐसे कार्य करता है जिसके परिणामस्वरूप किसी अन्य व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है। सरल भाषा में, गैर-इरादतन हत्या के प्रयास का अर्थ है जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की हत्या (Murder) करने का इरादा नहीं रखता है, लेकिन द्वारा किए गए कार्य ऐसे होते हैं कि वे किसी की मृत्यु (Death) का कारण बन सकते हैं।
इसलिए BNS धारा 110 के अनुसार गैर-इरादतन हत्या का प्रयास तब होता है। जब कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी की हत्या करने का इरादा नहीं रखता है, लेकिन वह जानता है, कि उसके द्वारा किए गए कार्य से किसी को चोट लग सकती है या उसकी जान जा सकती है। फिर भी उसने सावधानी बरतने में लापरवाही की और उसके कार्य के कारण ही किसी को नुकसान पहुंचा।
इस धारा के लागू होने प्रमुख बिंदु
- आरोपी (Accused) व्यक्ति ने कोई ऐसा कार्य किया होगा जो किसी अन्य व्यक्ति के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
- यह कार्य इतना खतरनाक होना चाहिए कि इससे किसी की जान जा सकती हो।
- आरोपी व्यक्ति को यह समझना चाहिए था कि उसके कार्य के परिणामस्वरूप किसी को चोट (Injury) लग सकती है या उसकी जान जा सकती है। भले ही उसका इरादा जानबूझकर हत्या करने का न हो, लेकिन उसे इस बात का अंदाजा होना चाहिए था कि उसके कार्य के परिणाम क्या हो सकते हैं।
- गैर-इरादतन हत्या के प्रयास के दोषी व्यक्ति को जेल व जुर्माने (Jail or fine) की सजा दी जा सकती है।
BNS Section 110 के तहत अपराध माने जाने वाले कुछ कार्य
- लापरवाही से तेज गाड़ी चलाकर किसी व्यक्ति को गलती से टक्कर मार देना।
- बंदूक या किसी अन्य खतरनाक हथियार (Dangerous Weapon) को लापरवाही से चलाकर किसी को चोट पहुंचा देना।
- जल्दबाजी में किसी व्यक्ति को जहरीला पदार्थ (Toxic Substance) लापरवाही से दे देना।
- ऊंचाई से किसी भारी वस्तु को फेंक देना जिससे किसी को चोट लग सकती है।
- कोई वाहन चलाने के दौरान मोबाइल फोन पर बात करने की वजह से ध्यान भटकने से दुर्घटना हो जाए तो यह गैर-इरादतन हत्या का प्रयास हो सकता है।
- किसी मशीन को खतरनाक तरीके से चलाने से किसी को चोट लग सकती है, इससे गैर-इरादतन हत्या का मामला बन सकता है।
बीएनएस की धारा 110 के जुर्म का सरल उदाहरण
एक दिन अजय नाम का एक व्यक्ति बहुत ही तेज रफ्तार से गाड़ी चला रहा था, और उसकी गाड़ी इतनी तेज थी की वो राहुल नाम के एक पैदल यात्री से टकरा जाता है। जिससे राहुल को बहुत ही गंभीर चोट लग जाती है, भले ही अजय का इरादा जानबूझकर राहुल को टक्कर मारना न हो, लेकिन उसे पता होना चाहिए था कि तेज गति से गाड़ी चलाना खतरनाक है और इससे दुर्घटना हो सकती है। इस मामले में अजय को BNS 110 के तहत दोषी ठहराया जा सकता है।
बीएनएस धारा 110 के तहत दोषी को सजा कितनी होती है?
भारतीय न्याय संहिता की धारा 110 में सजा के प्रावधान (Provision) अनुसार जो भी व्यक्ति गैर-इरादतन हत्या के प्रयास को करने का दोषी (Guilty) पाया जाएगा, उसे इस अपराध के लिए दो प्रकार से सजा दी जा सकती है। जो कि इस प्रकार है:-
- मृत्यु होने की स्थिति में: यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु (Death) होती है और यह साबित हो जाता है कि आरोपी का जानबूझकर हत्या (Intentionally Murder) करने का इरादा नहीं किया था, परंतु उसके कार्य के परिणामस्वरूप मृत्यु हुई है तो दोषी व्यक्ति को तीन साल तक की सजा व जुर्माने से दंडित (Punished) किया जा सकता है।
- चोट लगने की स्थिति में: यदि किसी व्यक्ति को आरोपी के द्वारा किए गए कार्यों द्वारा केवल चोटें (Injuries) आती हैं, मृत्यु नहीं होती तो उसे दोषी पाये जाने पर सात साल तक की जेल व जुर्माना लगाकर दंडित किया जा सकता है।
भारतीय न्याय संहिता की धारा 110 में जमानत के लिए कानूनी प्रावधान है
भारतीय न्याय संहिता की धारा 110 के तहत गैर-इरादतन हत्या का प्रयास एक संज्ञेय व गैर-जमानती अपराध (Cognizable or Non-Bailable Offence) है। जो एक गंभीर अपराध के रूप में माना जाता है, और इसमें पुलिस तुरन्त आरोपी के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। गैर-जमानती होने के कारण इस अपराध में आरोपी व्यक्ति को जमानत (Bail) नहीं मिलती है।
जमानत पाने के लिए आरोपी कुछ विशेष परिस्थितियों में न्यायालय (Court) में आवेदन कर सकता है , और जमानत देना या न देना न्यायालय के विवेक पर निर्भर करता है। लेकिन अधिकार के तौर पर इस अपराध में जमानत का मिलना मुश्किल हो सकता है।
बीएनएस धारा 110 पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
बीएनएस की धारा 110 क्या है और यह कब लगती है?
भारतीय न्याय संहिता की धारा 110 जो किसी व्यक्ति की गैर-इरादतन हत्या करने के प्रयास से संबंधित है। यह धारा उन सभी मामलों पर लागू होती है जहां कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी व्यक्ति की जान लेने की कोशिश नहीं करता, लेकिन उसके द्वारा किए गए कार्यों द्वारा किसी व्यक्ति की जान जाने की पूरी संभावना बन जाती है।
क्या भारतीय न्याय संहिता की धारा 110 में जमानत मिल सकती है?
BNS Section 110 का गैर-इरादतन हत्या के प्रयास का अपराध बहुत ही गंभीर व गैर-जमानती होता है। जिसमें आरोपी व्यक्ति को जमानत नहीं दी जा सकती है।
बीएनएस धारा 110 के तहत गैर-इरादतन हत्या के प्रयास की सजा क्या है?
भारतीय न्याय संहिता की धारा 110 के दोषी पाये जाने वाले व्यक्ति को अपराध की गंभीरता को देखते हुए तीन साल से लेकर 7 साल तक की सजा से दंडित किया जा सकता है। इसके अलावा उस व्यक्ति पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
क्या BNS110 को तब भी लागू किया जा सकता है जब हत्या करने का कोई इरादा न हो?
हां, बीएनएस सेक्शन 110 को तब भी लागू किया जा सकता है जब हत्या करने का कोई खास इरादा न हो। अगर आरोपी की हरकतों से मौत होने की संभावना थी, तो उन पर इस धारा के तहत आरोप लगाया जा सकता है।