विषयसूची
- बीएनएस की धारा 87 क्या है व यह कब लगती है - BNS Section 87 in Hindi
- आइये विस्तार से जानते है कि बीएनएस धारा 87 कब लागू होती है:-
- धारा 87 के अपराध को लागू करने वाली कुछ आवश्यक बातें
- बीएनएस धारा 87 के तहत कुछ कार्य जो अपराध माने जा सकते है
- इस धारा के तहत अपराध का सरल उदाहरण
- भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 87 के अपराध के लिए सजा
- बीएनएस की धारा 87 में जमानत का प्रावधान
- BNS 87 के जुर्म के आरोप झेल रहे आरोपी के लिए बचाव उपाय
- बीएनएस धारा 87 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
हमारे देश में अकसर महिला सशक्तिकरण और उनके समान अधिकारों की बात की जाती है, लेकिन आज भी समाज में ऐसी घटनाएं होती रहती हैं जो हमें झकझोर कर रख देती हैं। इनमें से एक अपराध है महिलाओं का अपहरण करके जबरदस्ती शादी करना। जी हाँ आज भी कुछ महिलाओं को जबरन या धोखे से किसी भी अंजान व्यक्ति के साथ शादी करने के लिए बेच दिया जाता है। यह न केवल महिलाओं की सुरक्षा के लिए बल्कि समाज के लिए भी एक गंभीर चुनौती है। इसलिए ऐसे अपराधों से निपटने व नकारी होना बहुत ही आवश्यक है। इसलिए इस लेख में आज हम भारतीय न्याय संहिता की धारा 87 के बारे में जानकारी देंगे, कि बीएनएस की धारा 87 क्या है (BNS Section 87 in Hindi)? यह कब लगती है और इस धारा में जमानत, सजा और बचाव के उपाय?
जबरदस्ती किसी महिला को शादी के लिए मजबूर करना एक गंभीर अपराध है जिसके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा (IPC Section) 366 के तहत कार्यवाही की जाती थी। लेकिन आपराधिक कानून में हुए बदलावों के चलते BNS के लागू होते ही इस अपराध के सभी मामलों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 87 के तहत कार्यवाही की जाने लगी है। इसलिए इस अपराध से जुड़ी हर उपयोगी जानने व समझने के लिए इस लेख को अंत तक जरुर पढ़े।
बीएनएस की धारा 87 क्या है व यह कब लगती है - BNS Section 87 in Hindi
भारतीय न्याय संहिता की धारा 87 एक विशेष प्रावधान (Provision) है, जो किसी व्यक्ति द्वारा किसी महिला का अपहरण (Kidnap) करके या उसे धोखे से कहीं ले जाने पर लागू होता है। इस धारा के तहत अगर कोई व्यक्ति किसी महिला का अपहरण करता है या उसे उसके घर से बाहर ले जाता है। जिसके पीछे उस व्यक्ति का उद्देश्य उस महिला को जबरदस्ती किसी के साथ विवाह करने या किसी अनैतिक कार्य के लिए मजबूर करने का होता है।
आसान भाषा में समझे तो यह धारा उन व्यक्तियों पर लागू होती है, जो किसी महिला का अपहरण करके जबरदस्ती या धोखे से किसी और व्यक्ति से शादी करवाने या वेश्यावृत्ति जैसे कार्यों के लिए बेच देते है।
आइये विस्तार से जानते है कि बीएनएस धारा 87 कब लागू होती है:-
- जब किसी महिला को विवाह के लिए जबरदस्ती या धोखे से ले जाया जाता है।
- जब किसी महिला को अवैध यौन संबंध के लिए जबरदस्ती या धोखे से ले जाया जाता है।
- जब किसी महिला को वेश्यावृत्ति (Prostitution) में धकेलने के लिए जबरन या धोखे से लेकर जाया जाता है।
- जब किसी महिला को डराने-धमका कर या अधिकार का दुरुपयोग करके किसी स्थान से ले जाया जाता है और उसके साथ अवैध यौन संबंध बनाए जाते है।
धारा 87 के अपराध को लागू करने वाली कुछ आवश्यक बातें
- अपहरण करना: यह धारा तब लागू होती है जब कोई व्यक्ति किसी महिला का अपहरण करता है।
- इरादा: आरोपी का किसी महिला को उसकी इच्छा के विरुद्ध विवाह करने के लिए मजबूर करना, उसे अवैध संभोग करने के लिए मजबूर करना या बहकाना (Mislead) का इरादा (Intention) होना चाहिए।
- दंड: धारा 87 के तहत दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को कठोर कारावास व जुर्माने की सजा से दंडित किया जा सकता है।
बीएनएस धारा 87 के तहत कुछ कार्य जो अपराध माने जा सकते है
- किसी महिला के साथ जबरदस्ती करके उसे उसके माता-पिता व घर से कही दूर ले जाना।
- किसी लड़की को किसी ऐसे व्यक्ति से विवाह करने के लिए मजबूर करना, जिससे वह विवाह नहीं करना चाहती।
- किसी महिला को धोखे से किसी अज्ञात स्थान पर ले जाकर कैद करना।
- महिला को जबरन किसी अनैतिक कार्य, जैसे वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर करना।
- नौकरी या अन्य चीजों का लालच देकर किसी महिला को अंजान जगह ले जाकर उसके साथ संभोग करना।
- किसी महिला को बहला-फुसलाकर किसी दूसरे देश में ले जाना और वहाँ ले जाकर उसे बेच देना।
इस धारा के तहत अपराध का सरल उदाहरण
प्रीति एक छोटे से शहर में अपने माता-पिता के साथ बहुत ही खुशहाल जीवन रही थी। एक दिन सोशल मीडिया के माध्यम से उसकी मुलाकात राहुल नाम के एक व्यक्ति से होती है। राहुल खुद को एक बहुत ही बड़ा व्यवसायी बताता है और धीरे-धीरे दोनों में दोस्ती हो जाती है। एक दिन राहुल प्रीति से कहता है कि वह उससे शादी करना चाहता है, और उसके सभी सपनों को पूरा करने में भी उसकी मदद करेगा।
जिसके बाद वो प्रीति को अपने साथ शहर चलने के लिए बोलता है। प्रीति राहुल की बात पर भरोसा कर लेती है और शहर चली जाती है। शहर पहुंचने के बाद राहुल प्रीति को एक सुनसान जगह पर ले जाकर बंद कर लेता है और किसी अन्य व्यक्ति से पैसे लेकर बेच देता है। लेकिन प्रीति किसी तरह से वहां से भाग जाती है और पुलिस स्टेशन जाकर राहुल की खिलाफ BNS Section 87 के तहत शिकायत दर्ज करवा देती है।
भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 87 के अपराध के लिए सजा
BNS की धारा 87 में सजा के प्रावधान के लिए बताया गया है कि यदि कोई व्यक्ति जबरदस्ती किसी महिला को अपने साथ ले जाने या किसी को गलत कार्य के लिए बेचने का दोषी (Guilty) पाया जाएगा। उस व्यक्ति को दस साल के लिए जेल की कैद व जुर्माने के दंड से दंडित (Punished) किया जाएगा।
बीएनएस की धारा 87 में जमानत का प्रावधान
बीएनएस सेक्शन 87 का यह अपराध गैर-जमानती (Non-Bailable) होता है। इसका मतलब है कि आरोपी को पुलिस द्वारा पीड़ित की शिकायत के बाद गिरफ्तार किया जा सकता है और उसे अदालत की अनुमति के बिना जमानत (Bail) नहीं मिल सकती है। इसके अलावा, यह अपराध संज्ञेय (Cognizable) होता है, यानी पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है और जांच कर सकती है।
BNS 87 के जुर्म के आरोप झेल रहे आरोपी के लिए बचाव उपाय
- इस प्रकार के अपराध के आरोप (Blame) लगने पर तुरन्त किसी अनुभवी वकील की सहायता ले।
- एक अनुभवी वकील (Experienced Lawyer) की सहायता से कानूनी खामियों (Legal Loopholes) और अभियोजन पक्ष (Prosecutors) की कमजोरियों का पता करके बचाव किया जा सकता है।
- इसके अलावा यदि आरोपी यह साबित कर सके कि महिला ने अपनी मर्जी से उसके साथ जाने का निर्णय लिया था, तो यह एक महत्वपूर्ण बचाव हो सकता है।
- यदि आरोपी यह साबित कर सके कि उसका इरादा महिला का अपहरण या उसे जबरन विवाह या कोई गलत कार्य के लिए मजबूर करने का नहीं था, तो यह बात भी बचाव में काम आ सकती है।
- अगर आरोपी यह साबित कर सके कि महिला या उसके परिवार द्वारा झूठे आरोप (False Blame) लगाए गए हैं, तो इसे बचाव के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
- यदि आरोपी के पक्ष में कोई गवाह (Witness) मौजूद हो जो उसके निर्दोष (innocent) होने की गवाही दे सके, तो इससे भी बहुत सहायता हो सकती है।
- यदि अभियोजन पक्ष के पास आरोपी व्यक्ति के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं, तो आरोपी इस आधार पर बचाव किया जा सकता है।
निष्कर्ष:- BNS Section 87 को लागू करने का उद्देश्य देश की महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों को कम करना व पीड़ित महिलाओं को जल्द से जल्द न्याय दिलाना है। ऐसे अपराधों से जुड़ी किसी भी कानूनी समस्या के समाधान के लिए अनुभवी वकीलों की सहायता प्राप्त करने के लिए आप अभी हमसे संपर्क कर सकते है।
बीएनएस धारा 87 पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
बीएनएस की धारा 87 क्या है और यह किस अपराध के करने पर कब लागू होती है?
भारतीय न्याय संहिता की धारा 87 एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रावधान है जो किसी महिला के अपहरण या बहला-फुसलाकर उसे जबरन विवाह करने या अनैतिक कार्यों के लिए मजबूर करने से संबंधित है।
BNS Section 87 के तहत कौन से अपराध आते हैं?
इस धारा के तहत किसी महिला का अपहरण करके उसे धोखे से कहीं और ले जाना, जबरन विवाह के लिए मजबूर करना, या उसे अनैतिक कार्यों में धकेलना अपराध माना जाता है।
बीएनएस सेक्शन 87 के तहत सजा क्या है?
भारतीय न्याय संहिता की धारा 87 के अपराध के दोषी पाये जाने वाले व्यक्ति को 10 साल तक की कठोर कारावास और जुर्माने से दंडित किए जाने का प्रावधान है।
क्या धारा 87 के तहत अपराध संज्ञेय है?
भारतीय न्याय संहिता की धारा 87 का अपराध एक संज्ञेय (Cognizable) और गैर-जमानती (Non-Bailable) अपराध होता है। जिसमें आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तारी के बाद अधिकार के तौर पर जमानत नहीं दी जा सकती है।