विषयसूची
- बीएनएस की धारा 78 क्या है - BNS Section 78 in Hindi
- धारा 78 कब लगती है? अपराध साबित करने वाली मुख्य बातें:
- कौन से काम इस धारा के तहत अपराध माने जा सकते है हैं?
- यह धारा कब लागू नहीं होती?
- पीछा करने के प्रकार - Type of Stalking in Hindi
- बीएनएस सेक्शन 78 लगने का उदाहरण
- महिला का पीछा करने की बीएनएस धारा 78 में सजा कितनी होती है
- भारतीय न्याय संहिता (BNS की धारा 78 में जमानत कब व कैसे मिलती है
- बीएनएस धारा 78 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आजकल, हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं जहां तकनीक ने हमारे जीवन को आसान बना दिया है। लेकिन इसी तकनीक का कुछ लोगों द्वारा गलत इस्तेमाल भी किया जा रहा है। इनमें से एक सबसे गंभीर अपराध है "स्टॉकिंग" यानी किसी व्यक्ति को बार-बार परेशान करना। सोशल मीडिया, स्मार्टफोन और अन्य तकनीकों ने स्टॉकर्स के लिए अपने शिकार तक पहुंचना आसान बना दिया है। इसलिए इस अपराध की जानकारी हम सभी को होना बहुत जरुरी है। जिससे हम ऐसे अपराधों को करके आरोपी बनने या इस अपराध का शिकार होने से अपना बचाव कर सकते है। इसलिए इस लेख द्वारा हम भारतीय न्याय संहिता की धारा 78 के बारे में समझेंगे, कि बीएनएस की धारा 78 क्या है (BNS Section 78 in Hindi) यह कब लग सकती है? इस धारा में सजा, जमानत और बचाव की जानकारी।
"स्टॉकिंग" जैसे अपराधों से महिलाओं की सुरक्षा करने के लिए अभी कुछ समय पहले तक भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354d के तहत केस दर्ज किए जाते थे। जिसे BNS के लागू किए जाने के बाद से ही भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 78 से बदल दिया गया है। अब से भविष्य में होने वाले इस अपराध के सभी मामलों पर धारा 78 के तहत ही केस दर्ज किए जाएंगे। इसलिए चाहे आप एक छात्र हों, कोई कानूनी पेशेवर हों या एक घर पर रहने वाली महिला हर किसी के लिए इस अपराध से जुड़ी आवश्यक जानकारियों के बारे में जानना व समझना बहुत ही आवश्यक है।
बीएनएस की धारा 78 क्या है - BNS Section 78 in Hindi
भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 78 जिसे आमतौर पर "स्टॉकिंग" (पीछा करना) के रूप में जाना जाता है। यह कानून किसी महिला का पीछा करने व उसे बार-बार परेशान करने से बचाने के लिए बनाया गया है। यह धारा उन व्यक्तियों पर लागू होती है जो किसी महिला की इच्छा के विरुद्ध उसका पीछा करते हैं या उससे जबरदस्ती संपर्क (Forced Contact) करने की कोशिश करते हैं।
धारा 78 कब लगती है? अपराध साबित करने वाली मुख्य बातें:
इस धारा के तहत अपराध साबित करने के लिए नीचे दी गई निम्नलिखित बातों को साबित करना आवश्यक है:-
- आरोपी (Accused) द्वारा बार-बार किसी महिला का पीछा करने की गतिविधियां (Activities) की गई हों।
- आरोपी की हरकतों से पीड़ित महिला को डर या असुविधा (Fear Or Discomfort) महसूस हुई हो।
- आरोपी की हरकतों के पीछे एक विशेष इरादा हो कि वह महिला को डराना या असुविधा में डालना चाहता हो।
- महिला के बार-बार मना करने के बाद भी आरोपी उससे बात करने की कोशिश करता हो, या उस पर किसी तरीके से नजर रखता हो।
कौन से काम इस धारा के तहत अपराध माने जा सकते है हैं?
- किसी महिला को बार-बार फोन करके परेशान करना, भले ही उसने फोन करने से मना किया हो।
- किसी महिला को बार-बार मैसेज करना, चाहे वह टेक्स्ट, ईमेल, या सोशल मीडिया पर हो।
- किसी महिला को उसके घर, काम की जगह या अन्य स्थानों पर बार-बार पीछा करना।
- किसी महिला को सार्वजनिक स्थानों पर बार-बार परेशान करना, जैसे कि दुकानों, बस स्टॉप, या पार्कों में।
- किसी लड़की को उसकी सहमति के बिना फोटो या वीडियो भेजना।
- किसी लड़की को सार्वजनिक रूप से अपमानित (Insulted) करना या उसकी प्रतिष्ठा (Prestige) को नुकसान पहुंचाना।
- किसी महिला को शारीरिक या भावनात्मक (Physically or Emotionally) रूप से नुकसान पहुंचाने की धमकी (Threat) देना।
- झूठी अफवाहें (False Rumours) फैलाकर किसी महिला का अपमान करने की कोशिश करना।
यह धारा कब लागू नहीं होती?
- अगर कोई पुलिस वाला किसी अपराधी (Criminal) को पकड़ने के लिए किसी महिला का पीछा कर रहा है, तो यह अपराध नहीं है।
- अगर कोई ऐसी खास परिस्थिति है जिसमें किसी आदमी को किसी महिला का पीछा करना जरूरी हो, तो यह अपराध नहीं हो सकता। जैसे किसी महिला की सुरक्षा व बचाव के लिए पीछा करने पर।
पीछा करने के प्रकार - Type of Stalking in Hindi
- फिजिकल स्टॉकिंग (Physical Stalking): इसमें स्टॉकर पीड़ित (Victim) का शारीरिक रूप से पीछा करता है, जैसे जहाँ भी वो महिला जाए उसी जगह उसका पीछा करना, उसके घर के आस-पास मंडराना आदि।
- साइबर स्टॉकिंग (Cyber Stalking): इसमें स्टॉकर इंटरनेट, सोशल मीडिया, ईमेल, या अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके किसी व्यक्ति को परेशान करता है। यह मैसेज, ईमेल, या सोशल मीडिया पर लगातार संपर्क करने की कोशिश के रूप में हो सकता है।
- फोन स्टॉकिंग (Phone Stalking): इसमें स्टॉकर (Stalker) बार-बार फोन कॉल्स, टेक्स्ट मैसेज, या वॉयस मैसेज के जरिए पीड़ित को तंग करता है।
- गिफ्ट स्टॉकिंग (Gift Stalking): इसमें स्टॉकर बिना महिला की अनुमति (Permission) के लगातार उपहार (Gift) भेजता है, जिससे व महिला खुद को बहुत ही परेशान महसूस करने लगती है।
Note:- इसमें Stalker का मतलब ऐसे इंसान से है जो उपर बताए गए कार्यों द्वारा इस अपराध में करता है।
बीएनएस सेक्शन 78 लगने का उदाहरण
शिल्पा एक कॉलेज की छात्रा थी। वह रोजाना अपने घर से कॉलेज के लिए बस से जाती थी। एक दिन उस महसूस होता है कि कोई अजनबी व्यक्ति लगातार कई दिनों से उसका पीछा कर रहा है। शिल्पा जहाँ भी जाती वो व्यक्ति उसी जगह आ जाता और शिल्पा पर नजर रखता था। शुरू में उसने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया, लेकिन धीरे-धीरे जब उसे लगा कि वह व्यक्ति उसका ही पीछा कर रहा है।
उससे अगले दिन भी व व्यक्ति शिल्पा के कॉलेज के बाहर ही दिखाई देता है और उसकी तरह बहुत ही अजीब तरीके से देखता है। शिल्पा इस घटना से बहुत डर जाती है और उस अजनबी व्यक्ति के खिलाफ BNS की धारा 78 के तहत पुलिस में शिकायत दर्ज (Complaint Register) करवा देती है।
महिला का पीछा करने की बीएनएस धारा 78 में सजा कितनी होती है
बीएनएस की धारा 78 के तहत किसी महिला का पीछा करने के अपराध के दोषी (Guilty) पाए जाने वाले व्यक्ति को पहली बार अपराध के लिए 3 साल तक की कैद की सजा से दंडित (Punished) किया जाता है।
लेकिन अगर वही व्यक्ति दोबारा इस अपराध को करने का दोषी पाया जाता है, तो सजा 5 साल तक बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा दोषी व्यक्ति पर जुर्माना (Fine) भी लगाया जा सकता है। जो न्यायालय (Court) द्वारा अपराध की गंभीरता और स्थिति के आधार पर तय किया जाता है।
भारतीय न्याय संहिता (BNS की धारा 78 में जमानत कब व कैसे मिलती है
बीएनएस की धारा 78 के प्रावधान (Provision) के तहत किसी महिला को परेशान करना या पीछा करना एक गंभीर या संज्ञेय अपराध (Cognizable Offence) होता है। जिसमें पुलिस द्वारा बिना किसी वारंट के केवल पीड़ित महिला (Victim Woman) की शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया जा सकता है। इसके साथ ही यह एक जमानती अपराध (Bailable Offence) होता है।
जिसमें पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने के बाद आरोपी (Accused) व्यक्ति अपने वकील की सहायता से जमानत के लिए अदालत में आवेदन करके आसानी से जमानत (Bail) प्राप्त कर सकता है। यह अपराध किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय होता है।
निष्कर्ष:- BNS Section 78 एक ऐसी कानूनी व्यवस्था है जो किसी व्यक्ति की निजता और सुरक्षा को सुनिश्चित करती है। यह कानून उन लोगों को न्याय दिलाने में मदद करता है जो लगातार किसी के द्वारा परेशान किए जा रहे हैं। स्टॉकिंग यानी किसी व्यक्ति को बार-बार परेशान करना, एक गंभीर अपराध है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।
बीएनएस धारा 78 पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
बीएनएस की धारा 78 क्या है यह कब लगती है?
भारतीय न्याय संहिता की धारा 78 पीछा करने (Stalking) के अपराध को परिभाषित करती है। यह धारा ऐसे व्यक्तियों पर लागू होती है जो किसी की सहमति के बिना उसका बार-बार पीछा करते है, निगरानी करते है या उनसे जबरदस्ती संपर्क करने का अपराध करते है।
किसी महिला का पीछा करने के अपराध की सजा क्या है?
अगर कोई व्यक्ति किसी महिला का पीछा करने या परेशान करने का दोषी पाया जाता है तो उसे पहली बार इस अपराध के लिए 3 साल तक की कैद से दंडित किया जा सकता है। लेकिन अगर वो ही व्यक्ति दोबारा से इसी अपराध को करने का दोषी पाया जाता है तो उसे 5 साल तक की कैद व जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।
BNS Section 78 में जमानत का क्या प्रावधान है?
बीएनएस सेक्शन 78 के तहत "स्टॉकिंग" एक जमानती अपराध होता है। जिसमें गिरफ्तारी के बाद आरोपी व्यक्ति अदालत में आवेदन कर आसानी से जमानत प्राप्त कर सकता है।
क्या BNS की धारा 78 का अपराध संज्ञेय है?
भारतीय न्याय संहिता की धारा 78 के तहत किसी महिला पर चोरी छिपे नजर रखना व उसका पीछा करना एक संज्ञेय यानी गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा गया है। जिसमें शिकायत दर्ज होते ही पुलिस द्वारा आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार किया जा सकता है।