बीएनएस धारा 106 क्या है | BNS Section 106 in Hindi - सजा और जमानत


लापरवाही से मौत की बीएनएस धारा मे सजा जमानत bns 106 in hindi

विषयसूची

  1. भारतीय न्याय संहिता धारा 106 - BNS Section 106 in Hindi
  2. BNS Section 106 (1) क्या है - यह धारा कब लगती है?
  3. BNS Section 106 (2) क्या है - यह धारा कब लगती है
  4. डाक्टर की लापरवाही से किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर विशेष कानून
  5. बीएनएस सेक्शन 106 (1) अपराधिक उदाहरण
  6. धारा 106 (1) में सजा ? BNS 106 (1) Punishment in Hindi
  7. बीएनएस सेक्शन 106 (2 ) अपराधिक उदाहरण
  8. धारा 106 (2) में सजा - BNS 106 (2) Punishment in Hindi
  9. BNS 106 (1) & (2) में जमानत कब और कैसे मिलती है
  10. लापरवाही से मौत की बीएनएस धारा 106 लगने के कुछ अन्य मामले
  11. बीएनएस धारा 106 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

दोस्तों जैसा की आप सभी जानते है, हमारे देश में कुछ समय पहले ही 3 बड़े कानूनों को बनाया गया है। जिन्हें 1 जुलाई 2024 से संपूर्ण भारत देश में लागू कर दिया गया है। हमारे देश में अभी तक भारतीय दंड संहिता (IPC) लागू था, जिसके तहत आपराधिक मामलों को दर्ज किया जाता था और दोषी पाये जाने वाले व्यक्ति को दंडित किया जाता था। लेकिन अब भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) को भारतीय न्याय संहिता (Bhartiya Nyaya Sanhita) से बदल दिया गया है। आज हम आपको भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 106 के बारे में बताएंगे कि धारा 106 (1) और (2) क्या है? (BNS Section 106 in Hindi), बीएनएस 106 कब लगती है? इस धारा में सजा और जमानत कैसे मिलती है?

किसी भी प्रकार की लापरवाही (Negligence) से होने वाली मौतों को भारत में बहुत ही गंभीरता से लिया जाता है, अक्सर देखा जाता है कि कई बार किसी व्यक्ति के द्वारा की गई लापरवाही या जल्दबाजी किसी मासूम व्यक्ति की मृत्यु का कारण बन जाती है। ऐसे ही अपराधों का जल्द से जल्द निपटान करने व दोषी व्यक्ति को सख्त से सख्त सजा (Punishment) देने के प्रावधान बीएनएस 106 के अंदर बताया गया है।


भारतीय न्याय संहिता धारा 106 - BNS Section 106 in Hindi

हाल ही में हुए कानूनी बदलाव से पहले लापरवाही के कारण होने वाली मौत के अपराध के लिए आईपीसी की धारा 304ए के तहत कार्यवाही की जाती थी। परन्तु अब इस आपराधिक मामले को BNS Section 106 के तहत दर्ज कर कार्यवाही की जाएगी। बीएनएस सेक्शन 106 को दो उपधारा (Sub Sections) में बाँटा गया है BNS 106 (1) और BNS 106 (2)।

नए कानून लागू होने की वजह से आप और हम जैसे बहुत से लोगों को नए कानूनों की जानकारी खोजने के लिए बहुत परेशान होना पड़ता है। इसलिए आज हम आप सभी की इस समस्या का समाधान करते हुए भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 व इसकी उपधाराओं को विस्तार से जानते हुए संपूर्ण जानकारी बहुत ही सरल भाषा में आपको देंगे।


BNS Section 106 (1) क्या है - यह धारा कब लगती है?

भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (1) में बताया गया है यदि किसी व्यक्ति के द्वारा की गई लापरवाही या जल्दबाजी से किसी व्यक्ति की मृत्यु (Causing Death by Negligence) हो जाती है तो उस व्यक्ति पर BNS Section 106 (1) के तहत कार्यवाही की जाएगी। जिसका अर्थ यह है कि यदि कोई व्यक्ति लापरवाही से कोई भी ऐसा कार्य करता है जिससे किसी अन्य व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उस पर BNS 106 (1) लागू कर आगे की कानूनी कार्यवाही (Legal Proceedings) की जाती है।

भारतीय न्याय संहिता के लागू होने से पहले लापरवाही के कारण होने वाली मृत्यु के अपराधों में IPC Section 304a के तहत कार्यवाही की जाती थी। परन्तु भविष्य में लापरवाही (Negligence) के कारण होने वाली मौत के सभी मामलों को BNS 106 (1) के तहत दर्ज कर दंड देने की कार्यवाही की जाएगी।


डाक्टर की लापरवाही से किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर विशेष कानून

भारतीय दंड संहिता (पुराने कानून) की धारा 304a में लापरवाही से होने वाली मृत्यु के अपराध के बारे में तो बताया गया था। लेकिन उसमें डाक्टरों के लिए अलग से किसी प्रकार के नियमों या कानूनों की सजा का प्रावधान (Provision Of Punishment) देखने को नहीं मिलता था।

भारतीय न्याय संहिता सेक्शन 106 (1) में डाक्टरों के लिए भी इस कानून को विशेष रुप से लागू किया गया है। जिसमें बताया गया है कि अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु किसी डाक्टर के द्वारा किए जाने वाले इलाज (Medical Negligence) के दौरान की गई लापरवाही के दौरान हो जाती है तो ऐसे में उस डाक्टर पर भी बीएनएस की धारा 106 के तहत कार्यवाही की जाएगी।


बीएनएस सेक्शन 106 (1) अपराधिक उदाहरण

एक दिन अमित अपने दोस्तों के साथ पिकनिक पर गया। वहाँ सब लोग नदी के किनारे मस्ती कर रहे थे। नदी का पानी ज्यादा गहरा था और पानी का बहाव भी बहुत तेज था। अमित ने अपने दोस्त राहुल से कहा की चल नदी में नहाते है और वो अपने साथ राहुल को लेकर नदी में कूद गया। उसके दोस्त उसे मना करते रहे, लेकिन उसने उनकी बात नहीं सुनी। पानी का बहाव बहुत तेज था। जिस कारण राहुल अपना नियंत्रण खो बैठा और पानी में डूब गया और अमित के द्वारा की गई लापरवाही के कारण उसकी मौत हो गई। इसलिए लापरवाही के चलते हुए मौत के अपराध में अमित पर बीएनएस 106 लगती है।

चिकित्सा लापरवाही: कई बार डॉक्टरों या चिकित्सा कर्मियों (Medical Personnel) की लापरवाही से मरीज (Patient) को गलत इलाज (Wrong Treatment) दिया जाता है जिससे उसकी स्थिति बिगड़ सकती है और यह भी उसकी मौत का कारण बन सकता है। चिकित्सा लापरवाही के मामले में भी BNS 106 (1) लग सकती है।

धारा 106 (1) में सजा – BNS 106 (1) Punishment in Hindi

भारतीय न्याय संहिता की धारा 106(1) में सजा (Punishment) के बारे में बताया गया है कि यदि कोई व्यक्ति लापरवाही द्वारा या जल्दबाजी के कारण किसी व्यक्ति की मौत का कारण बनता है। तो उस व्यक्ति को दोषी (Guilty) पाए जाने पर 5 वर्ष की सजा से दंडित किया जाएगा।

इससे पहले जब IPC 304a के तहत लापरवाही के मामलों में कार्यवाही की जाती थी तो दोषी व्यक्ति को केवल 2 साल की सजा व जुर्माने का दंड लगाया जाता था। भारतीय न्याय संहिता की सैक्शन 106 लागू होने के बाद इस अपराध की सजा को 2 साल से बढ़ा कर 5 साल कर दिया गया है, और इसे पहले से ज्यादा गंभीरता से लिया जाने लगा है।

डाक्टर द्वारा इलाज के दौरान की गई लापरवाही के कारण हुई मृत्यु के लिए सजा

BNS Section 106 (1) में किसी भी डाक्टर के द्वारा की गई लापरवाही के लिए सजा को अलग से बताया गया है, अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु डॉक्टरके द्वारा किए जाने वाले इलाज में की गई लापरवाही के दौरान हो जाती है तो ऐसे में उस डाक्टर को 2 साल की सजा व जुर्माने (Fine) से दंडित किया जा सकता है।


BNS Section 106 (2) क्या है - यह धारा कब लगती है

Bhartiya Nyaya Sanhita की धारा 106(2) में बताया गया है कि अगर कोई व्यक्ति गलत तरीके से या लापरवाही से गाड़ी या कोई अन्य वाहन (Vehicle) चलाता है जिसके कारण किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। जिसके बाद वो व्यक्ति या ड्राइवर बिना पुलिस या मजिस्ट्रेट को इस घटना की जानकारी दिए घटना स्थल से भाग जाता है, तो पकड़े जाने पर उस व्यक्ति के खिलाफ BNS 106 (2) के तहत मुकदमा दर्ज (Case Filled) कर जल्द से जल्द सजा देने के लिए कार्यवाही की जाती है।


बीएनएस सेक्शन 106 (2 ) अपराधिक उदाहरण

रमेश नाम का व्यक्ति एक दिन अपने आफिस जाने के लिए बहुत देर हो गया था। जिस कारण वो जल्द से जल्द आफिस पहुंचने के लिए अपनी कार को बहुत ही तेजी से चलाने लगा। रमेश अपनी गाड़ी को इतनी तेजी से चला रहा था कि उसे सामने से आ रहे एक बच्चे को अचानक टक्कर मार दी। जिसके बाद रमेश बहुत घबरा गया और लोगों से व पुलिस से बचने के लिए उसी समय वहाँ से भाग गया।

इस घटना के बाद पुलिस सीसीटीवी कैमरे से जाँच करती है और लापरवाही से वाहन चलाकर (Driving Recklessly) बच्चे को टक्कर मारने व बिना पुलिस को इस घटना की सूचना दिए भाग जाने के जुर्म में सैक्शन 106(2) के तहत गिरफ्तार कर कार्यवाही करती है।


धारा 106 (2) में सजा - BNS 106 (2) Punishment in Hindi

यदि कोई व्यक्ति जल्दबाजी में या वाहन चलाते समय किसी भी प्रकार की लापरवाही करता है। जिसके कारण किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है और वो व्यक्ति बिना उस घटना (Accident) की सूचना पुलिस या मजिस्ट्रेट को दर्ज कराए घटना स्थल से भाग जाता है तो उस व्यक्ति को न्यायालय द्वारा दोषी पाये जाने पर 10 वर्ष तक की सजा व जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।


BNS 106 (1) & (2) में जमानत कब और कैसे मिलती है

भारतीय न्याय संहिता की धारा 106(1) & (2) दोनों संज्ञेय अपराध (Cognizable offence) की श्रेणी में आती है, यानी वे अपराध जो गंभीर मामलों में लागू होते है। इसीलिए BNS Section 106(1) &106 (2) दोनों ही गैर-जमानती (Non Bailable) है, ऐसे मामलों में आरोपी व्यक्ति को जमानत मिलने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।

ऐसे गंभीर मामलों में जमानत (Bail) के लिए आपको एक अनुभवी वकील की सहायता की जरुरत पड़ सकती है। जो पहले आरोपी व्यक्ति के केस को समझेगा और किसी भी प्रकार की कानूनी प्रक्रिया का इस्तेमाल कर जमानत दिलाने में आपकी मदद करेगा।

इस अपराध से संबधित अन्य धाराएँ


लापरवाही से मौत की बीएनएस धारा 106 लगने के कुछ अन्य मामले

  • तेज गति व शराब पीकर गाड़ी चलाना, मोबाइल फोन का उपयोग करते हुए ड्राइविंग करना।
  • किसी व्यक्ति को समय पर चिकित्सीय सहायता (Medical Aid) नहीं देना, या गलत दवाइयों दे देना जिससे सामने वाले व्यक्ति के जीवन पर खतरा बन जाए।
  • किसी ऐसी जगह जहाँ किसी घर का या बिल्डिंग का निर्माण हो रहा हो और अपने कारीगरों को बिना हेलमेट, सेफ्टी गियर के काम करवाने के लिए मजबूर कर उनकी जान को खतरे में डालना।
  • किसी व्यक्ति पर शारीरिक और मानसिक रुप से किसी भी भारी कार्य को करने के लिए दबाव डालना।
  • गंदा पानी और भोजन किसी इंसान को दे देना जो उसके स्वास्थ्य के लिए खतरा बन जाए।
  • सड़क नियमों व पैदल चलने वाले यात्रियों को वाहन चलाते समय अनदेखा करना।
ऐसे अन्य बहुत से कारण हो सकते है जो हमारे द्वारा की गई जल्दबाजी या लापरवाही के कारण किसी की मृत्यु का कारण बन सकते है। अगर आपको लापरवाही से होने वाली मौत की धारा से संबधित कोई मदद या सुझाव चाहिए तो हमारे अनुभवी वकील से बात कर सकते है।


धारा 106 बीएनएस




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बीएनएस धारा 106 पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल


भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 क्या है ?

बीएनएस सेक्शन 106 लापरवाही के द्वारा किसी व्यक्ति की मौत के अपराध से संबंधित है, जिसकी दो उपधाराएं है। 1.धारा 106(1) 2. धारा 106(2)


BNS Section 106 (1) कब लागू होता है?

यदि कोई व्यक्ति किसी कार्य को लापरवाही से करता है और उस लापरवाही के कारण किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उस व्यक्ति पर इस बीएनएस सेक्शन 106 का इस्तेमाल किया जाता है।



बीएनएस की धारा 106 (1) और 106 (2) में दोषी व्यक्ति को क्या सजा मिलती है?

भारतीय न्याय संहिता की धारा 106(1) के तहत दोषी पाए गए व्यक्ति को 5 साल तक की सजा व जुर्माने से दंडित किया जा सकता है। वही धारा106 (2) के तहत यदि कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो उसे 10 वर्ष तक की कैद व जुर्माने से दंड़ित किया जाता है।


डॉक्टर की लापरवाही के कारण किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर कौन सी धारा लागू होती है?

यदि कोई भी डाक्टर किसी मरीज के इलाज के दौरान लापरवाही या जल्दबाजी करता है। जिससे उस मरीज की मृत्यु हो जाती है तो ऐसी स्थिति में उस डाक्टर पर BNS Section 106 (1) के तहत कार्यवाही की जाती है।