बीएनएस धारा 316 क्या है | BNS Section 316 in Hindi - सजा व जमानत


बीएनएस की धारा BNS Section 316 in Hindi

आज के समय में विश्वासघात जैसे अपराधों के मामले बहुत ही तेजी से बढ़ रहे हैं। जब भी किसी व्यक्ति को अपना मानकर उसे कोई वस्तु या संपत्ति संभालने दी जाती है। लेकिन वो व्यक्ति उस संपत्ति का जब दुरुपयोग करता है, या बेईमानी करता है तो ऐसा करना एक अपराध माना जा सकता है। ऐसे अपराधों के बारे में जागरुक होना बहुत ही आवश्यक है ताकि हम अपने आप को और अपने प्रियजनों को इस तरह के अपराधों से बचा सकें। इसलिए इस आर्टिकल के द्वारा हम भारतीय न्याय संहिता की धारा 316 को समझेंगे कि, बीएनएस की धारा 316 में आपराधिक विश्वासघात क्या है (BNS Section 316 in Hindi)? इस बीएनएस सेक्शन में सजा और जमानत का क्या प्रावधान हैं?

भारत में बहुत पहले से ही विश्वासघात के मामलों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 405 और 409 के तहत दर्ज किया जाता था। हालांकि, जब से Bhartiya Nyaya Sanhita (BNS) लागू हुई है ऐसे मामलों को अब बीएनएस की धारा 316 के तहत दर्ज किया जाता है। बीएनएस एक नई संहिता है जो आईपीसी की जगह लेती है। इसलिए इस अपराध से जुड़ी संपूर्ण जानकारी आपको इसी लेख में मिल जाएगी।


बीएनएस की धारा 316 क्या है - BNS Section 316 in Hindi

भारतीय न्याय संहिता की धारा 316, आपराधिक विश्वासघात (Criminal Breach of Trust) के अपराध से संबंधित है। यह धारा किसी व्यक्ति द्वारा संपत्ति के दुरुपयोग (Misuse) या बेईमानी (Dishonesty) से उसका उपयोग करने पर लागू होती है, जब उस व्यक्ति को उस संपत्ति पर विश्वास किया गया हो।

आसान भाषा में कहे तो, यह धारा ऐसी स्थितियों में लागू होती है:-

  • जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति पर भरोसा करके अपनी किसी संपत्ति को संभालने के लिए देता है, लेकिन वो व्यक्ति उस संपत्ति का किसी भी तरीके से गलत उपयोग करता है।
  • जब कोई व्यक्ति किसी संपत्ति का बेईमानी से अपने लाभ के लिए उपयोग करता है।

BNS की धारा 316 के अपराध व उनकी सजा को विस्तार से इसकी 5 उपधाराओं (Sub-Sections) के द्वारा बताया है, जो इस प्रकार से है:-

BNS 316 की उपधारा (1):- इसमें केवल आपराधिक विश्वासघात के अपराध की परिभाषा (Definition) के बारे में बताया गया है। आपराधिक विश्वासघात का सीधा सा मतलब है कि जब किसी व्यक्ति को कोई चीज़ संभालने के लिए दी जाती है और वह उस चीज़ को अपने फायदे के लिए गलत तरीके से इस्तेमाल करता है, तो उस पर धारा 316 (1) के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है।

BNS 316 की उपधारा (2): इसमें धारा 316(1) के अंदर बताए गए अपराध को करने के दोषी (Guilty) पाये जाने वाले व्यक्ति को जेल की कैद व जुर्माने की सजा के बारे में बताया गया है।

BNS 316 की उपधारा (3): अगर कोई व्यक्ति, जो सामान को एक जगह से दूसरी जगह ले जाता है (वाहक), दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करने वाला व्यक्ति (वार फिंगर), या गोदाम का प्रबंधक (जो सामान को संभालता है) आपराधिक विश्वासघात करता है। तो उसे धारा 316(2) में दी गई सजा से ज्यादा दंड दिया जा सकता है।
उदाहरण: एक गोदाम के प्रबंधक (Ware House Manager) ने अपने अधिकार का गलत उपयोग करके गोदाम में रखे महंगे सामान को चुपके से चुरा लिया और बेच दिया।

BNS 316 की उपधारा (4):- अगर कोई क्लर्क (जो कार्यालय में काम करता है) या संपत्ति की देखरेख करने वाला नौकर आपराधिक विश्वासघात करता है, तो उस पर धारा 316(4) के तहत कार्यवाही की जाती है।
उदाहरण: एक क्लर्क ने कंपनी की फाइलों में जालसाजी (Forgery) की और कंपनी की संपत्ति के कुछ हिस्से को अपनी निजी संपत्ति (Private Property) के रूप में दर्ज कर लिया।

BNS 316 की उपधारा (5):- जब कोई सरकारी कर्मचारी, बैंक में काम करने वाला व्यक्ति या इसी तरह के पेशेवर (Professional) लोग आपराधिक विश्वासघात करते हैं, तो उन पर धारा 316(5) के तहत कार्यवाही कर सजा (Punishment) दी जाती है।
उदाहरण: एक बैंकर ने बैंक के धन को अपने व्यक्तिगत उपयोग (Personal Use) के लिए गबन किया, या किसी सरकारी कर्मचारी ने अपनी जिम्मेदारी का दुरुपयोग करके सरकारी फंड को अपने निजी लाभ के लिए इस्तेमाल किया।


कुछ कार्य जिनको करना धारा 316 का अपराधी बना सकता है

  • यदि कोई व्यक्ति किराए पर लिया गए घर को धोखे से बेच देता है।
  • किसी ट्रस्ट के धन का अपने फायदे के लिए उपयोग करना।
  • किसी कंपनी के कर्मचारी द्वारा कंपनी के पैसो को धोखे से अपने पास रख लेना।
  • बैंक कर्मचारी द्वारा किसी अन्य व्यक्ति के खाते से पैसे निकालकर अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करना।
  • किसी दुकानदार या व्यापारी द्वारा किसी ग्राहक से लिए गए पैसे को वापस नहीं करना।
  • यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर संपत्ति का दस्तावेज (Documents) तैयार करता है और उस संपत्ति को अपने नाम पर कर लेता है, तो उस पर भी धारा 316 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है।
  • यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर संपत्ति बेचता है और उसका पैसा अपने पास रख लेता है, तो उस पर धारा 316 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है।

बीएनएस सेक्शन 316 के अपराध का उदाहरण

राहुल एक बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी में एक सीनियर प्रोग्रामर के पद पर काम करता था। कंपनी ने राहुल को एक नए व बहुत ही महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी सौंपी। यह प्रोजेक्ट कंपनी के लिए बहुत जरुरी था। उस प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कंपनी ने राहुल को बहुत सारे पैसे दिए। लेकिन, राहुल ने उन पैसो का उपयोग प्रोजेक्ट के लिए नहीं किया। बल्कि उसने इन पैसे को अपने निजी स्वार्थों के लिए खर्च कर दिया।

उसने इस पैसे से एक नई कार खरीदी, महंगे गजेट्स खरीदे, और कई तरह की चीजों में खर्च किए। कुछ समय बाद जब प्रोजेक्ट पूरा होने में देरी हुई और कंपनी को पता चला कि राहुल ने प्रोजेक्ट के लिए दिए गए पैसों का दुरुपयोग (Misuse) किया है, तो कंपनी ने इस मामले की जांच शुरू की। जिसमें राहुल द्वारा किए गए विश्वासघात का पता चला। जिसके बाद कंपनी के अधिकारियों की शिकायत के आधार पर पुलिस द्वारा राहुल के खिलाफ आपराधिक विश्वासघात की धारा 316 व उसकी उपधाराओं के तहत शिकायत दर्ज (Complaint Register) कर कार्यवाही की गई।


भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 316 के अपराध की सजा

बीएनएस की धारा 316 के अपराध में सजा (Punishment) को अलग-अलग उपधाराओं (Sub-Sections) के द्वारा अपराध की गंभीरता के अनुसार बताया गया है। जो कि इस तरह से है:-

  • धारा 316 (2) की सजा:- यदि कोई व्यक्ति धारा 316(1) में बताए गए आपराधिक विश्वासघात के अपराध का दोषी (Guilty) पाये जाता है तो उसे धारा 316(2) के तहत 5 साल तक की जेल व जुर्माना (Imprisonment Or fine) लगाकर दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 316(3) की सजा:- किसी सामान को लाने ले जाने वाले व्यक्ति या किसी गोदाम का प्रबंधक (Warehouse Manager) धारा 316(3) के तहत दोषी पाया जाएगा। तो उसको सात साल की जेल व जुर्माने का दंड लगाकर सजा दी जाएगी।
  • धारा 316(4) की सजा:-यदि कोई कलर्क या नौकर आपराधिक विश्वासघात करेगा तो उसे धारा 316(4) के उल्लंघन (Violation) की सजा के तौर पर 7 साल की जेल व जुर्माने की सजा दी जाएगी।
  • धारा 316(5) की सजा:- यदि कोई सरकारी कर्मचारी या बैंक का कर्मचारी आपराधिक विश्वासघात करने का अपराध करेगा तो उसे धारा 316(5) के तहत 7 वर्ष की कैद व जुर्माने की सजा दी जाएगी।

बीएनएस​ की धारा 316 में जमानत कब और कैसे मिलती है

बीएनएस की धारा 316 के अनुसार किसी व्यक्ति के साथ आपराधिक विश्वासघात करने का यह अपराध एक संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध (Cognizable Or Non- Bailable Offence) होता है। जिसमें पीड़ित व्यक्ति (Victim) के द्वारा पुलिस में शिकायत दर्ज करवाते ही आरोपी को गिरफ्तार किया जा सकता है।

गैर-जमानती होने के कारण इस अपराध के आरोपी व्यक्ति को जमानत (Bail) के लिए भी बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही यह मामला प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय (Triable) होता है व इसमें किसी भी प्रकार का समझौता (Compromise) नहीं किया जा सकता है।

आपराधिक विश्वासघात के अपराध से संबधित अन्य धाराएं:

निष्कर्ष:- BNS Section 316 एक महत्वपूर्ण कानूनी धारा है जो संपत्ति के दुरुपयोग से संबंधित अपराधों से निपटती है। यदि आप इस धारा के तहत किसी मामले में शामिल हैं, तो आपको एक अनुभवी वकील से सलाह लेनी चाहिए। जिसके लिए अभी आप हमारे अनुभवी वकीलों से बात कर घर बैठे बात कर सकते है।


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बीएनएस धारा 316 पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल


बीएनएस धारा 316 क्या है और कब लगती है?

भारतीय न्याय संहिता की धारा 316 किसी व्यक्ति द्वारा विश्वासघात करके संपत्ति के दुरुपयोग या बेईमानी से उसका उपयोग करने पर लागू होती है। जब किसी व्यक्ति को कोई चीज़ संभालने के लिए दी जाती है। और वह उस चीज़ को अपने फायदे के लिए गलत तरीके से इस्तेमाल करता है, तो उस पर इस धारा के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है।



क्या धारा 316 गैर-जमानती है?

हाँ, भारतीय न्याय संहिता की धारा 316 गैर-जमानती है, जिसमें आरोपी व्यक्ति को जमानत नहीं दी जाती है।  



क्या भारतीय न्याय संहिता की धारा 316 का अपराध संज्ञेय है?

हाँ, बीएनएस की धारा 316 के अनुसार किसी व्यक्ति के साथ विश्वासघात करना एक  संज्ञेय अपराध है। इसका मतलब है कि पुलिस इस मामले में आरोपी के खिलाफ बिना किसी वारंट के कार्रवाई कर सकती है।



BNS 316 के अनुसार विश्वासघात के अपराध की सजा क्या है?

भारतीय न्याय संहिता की धारा 316 के तहत दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को इसकी अलग-अलग उपधाराओं में बताई गई सजा के अनुसार 5 वर्ष से लेकर 7 वर्ष तक की कैद व जुर्माने का दंड लगाया जा सकता है।  


क्या BNS Section 316 के अपराध में समझौता किया जा सकता है?

नहीं, बीएनएस की धारा 316 के तहत किसी व्यक्ति के साथ विश्वासघात करने का यह अपराध किसी भी प्रकार के समझौते के योग्य नहीं होता है।