बीएनएस धारा 79 क्या है (BNS Section 79 in Hindi) - सजा और जमानत


बीएनएस की धारा BNS Section 79 in Hindi

हमारे देश में महिलाओं को लगातार बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें से एक सबसे बड़ी चुनौती है उनके साथ होने वाले अपराध। कुछ ऐसे अपराध जो न केवल महिलाओं की जिंदगी को बर्बाद करते हैं बल्कि उन्हें डर कर रहने के लिए मजबूर कर देते है। किसी भी महिला के लिए उनका सम्मान व सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण होती है। लेकिन आजकल चाहे घर हो, ऑफिस हो या फिर सड़क, महिलाएं हर जगह असुरक्षित महसूस करती हैं। इसलिए आज हम महिलाओं के सम्मान से जुड़ी एक भारतीय न्याय संहिता की धारा के बारे में जानेंगे, की बीएनएस की धारा 79 क्या है (BNS Section 79 in Hindi)? इस धारा में सजा और जमानत का क्या प्रावधान है?

महिलाओं की सुरक्षा व सम्मान के लिए बहुत सारे नियम व कानून बनाए गए है, जिनमें से एक कानून है, महिलाओं की लज्जा की रक्षा करना। जिसके उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों पर अभी कुछ महीनों पहले तक भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 509 लागू कर कार्यवाही की जाती थी। लेकिन BNS के लागू होते ही इस धारा को भारतीय दंड संहिता की धारा 79 से बदल कर आरोपी व्यक्तियों पर लागू किया जाने लगा है। जिसके बारे में आम नागरिकों से लेकर देश के प्रत्येक इंसान को संपूर्ण जानकारी होना बेहद जरुर है।


बीएनएस की धारा 79 क्या है - BNS Section 79 in Hindi

भारतीय न्याय संहिता की धारा 79 महिलाओं के सम्मान और गरिमा (Honor Or Dignity) की रक्षा के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कानूनी प्रावधान (Legal Provision) है। यह धारा किसी महिला की मर्यादा को ठेस पहुंचाने के इरादे से बोले गए किसी भी शब्द, इशारे या कार्य को अपराध घोषित करती है। यह धारा महिलाओं को यौन उत्पीड़न और अपमान से बचाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

बीएनएस धारा 79 तब किसी व्यक्ति पर तब लागू होती है, जब कोई व्यक्ति जानबूझकर (Intentionally) किसी महिला की मर्यादा को ठेस पहुंचाने का प्रयास करता है। ऐसे व्यक्ति जो किसी महिला को शर्मिंदा करने, अपमानित करने या डराने के लिए शब्दों या कार्यों का उपयोग करता है। इस अपराध के लागू किए जाने के लिए शारीरिक संपर्क (यानी छूना) आवश्यक नहीं है, केवल बोल कर किसी महिला का अपमान करना ही अपराध माना जा सकता है।


धारा 79 लागू होने के मुख्य तत्व

  • इस अपराध के लागू किए जाने के लिए आवश्यक है कि आरोपी (Accused) ने कोई ऐसा शब्द बोला हो, कोई ऐसा इशारा किया हो या कोई ऐसा कार्य किया हो जिससे किसी महिला की मर्यादा को ठेस पहुंची हो।
  • यह महत्वपूर्ण है कि आरोपी द्वारा किया गया कार्य किसी महिला के खिलाफ उसका अपमान या लज्जा भंग करने के लिए किया गया हो।
  • आरोपी का इरादा यह होना चाहिए कि वह अपने कार्यों से महिला की मर्यादा को ठेस पहुंचाए।
  • आरोपी के द्वारा की गई हरकतों या कार्यों द्वारा किसी महिला की मर्यादा को वास्तव में ठेस पहुंची हो।

धारा 79 के तहत कुछ ऐसे कार्य जिनको करना कानूनी रुप से अपराध माना जा सकता है

  • सार्वजनिक स्थान यानी लोगों के आने जाने वाले स्थानों पर किसी भी महिला से अश्लील बातें करना व उनके लिए गंदे शब्दों का प्रयोग करना।
  • किसी महिला की अनुमति के बिना उसकी फोटो वीड़ियो बनाना व बाद में उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करना।
  • किसी महिला को बार-बार फोन करना, मैसेज करना, या उनके घर के बाहर खड़े रहना।
  • किसी भी लड़की को देखकर सीटी बजाना, गंदे गाने गाना।
  • किसी भी महिला के बारे में झूठी अफवाहें फैलाकर उसके सम्मान को नुकसान पहुँचाना।
  • लगातार ज्यादा देर तक किसी महिला को घूरना व उसको गलत नजर से देखना। किसी महिला को उसके धर्म, जाति या लिंग के आधार पर अपमानित करना।

बीएनएस की सेक्शन 79 के जुर्म का उदाहरण

सुमन एक बहुत बड़ी कंपनी में काम करने वाली बहुत ही समझदार महिला होती है। जब भी सुमन अपने दफ्तर जाती है तो उसका बॉस साहिल अक्सर उसके बारे में कुछ-कुछ टिप्पणियां करते हैं, जैसे कि "आप बहुत अच्छी लग रही हैं या "आपको यह स्कर्ट बहुत अच्छी लग रही है"। इसके साथ ही साहिल अक्सर सुमन के पास आकर खड़े हो जाते हैं और उसे देर तक घूरते रहते है, जिससे सुमन को बहुत परेशानी होती है।

सुमन ने साहिल को कई बार ऐसा न करने के लिए कहा, लेकिन साहिल नहीं माना। आखिरी में सुमन ने परेशान होकर साहिल की शिकायत पुलिस में कर दी। जिसके बाद पुलिस द्वारा साहिल के खिलाफ BNS 79 के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्यवाही की गई।


बीएनएस की धारा 79 की सजा - Punishment Of BNS 79 in Hindi

बीएनएस सेक्शन 79 के प्रावधान (Provision) अनुसार यदि कोई व्यक्ति किसी महिला की लज्जा भंग करने या उसके सम्मान को ठेस पहुँचाने के अपराध का दोषी (Guilty) पाया जाएगा। उसे इस अपराध की सजा (Punishment) के तौर पर तीन साल तक की कारावास व जुर्माने (Imprisonment or Fine) से दंडित किया जा सकता है।


भारतीय न्याय संहिता की धारा 79 में जमानत कब व कैसे मिलती है

बीएनएस की धारा 79 के अनुसार किसी महिला का अपमान करना एक संज्ञेय (Cognizable) यानी गंभीर अपराध होता है। जिसे महिलाओं के साथ होने वाले उत्पीड़न (Harassment) को रोकने के लिए गंभीर अपराधों की श्रेणी में रखा गया है। परन्तु यह अपराध जमानती (Bailable) होता है, जिसमें आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तारी के बाद अधिकार के तौर पर जमानत (Bail) पर रिहा कर दिया जाता है। यह अपराध किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय होता है।

संबधित धाराएं:

निष्कर्ष:- BNS Section 79 एक ऐसा कानून है जो महिलाओं की गरिमा और सम्मान की रक्षा के लिए बनाया गया है। यह कानून किसी भी व्यक्ति के लिए एक स्पष्ट संदेश देता है कि महिलाओं के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।




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बीएनएस धारा 79 पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल


बीएनएस की धारा 79 क्या है?

भारतीय न्याय संहिता की धारा 79 एक ऐसा कानून है जो किसी महिला की गरिमा का अपमान करने के इरादे से किसी भी शब्द, इशारे या कार्य को अपराध मानता है। इसे महिलाओं की गरिमा की रक्षा करने और उत्पीड़न को रोकने के लिए बनाया गया है।



किसी महिला की लज्जा भंग करने का अपराध कब लागू होता है?

जिस भी व्यक्ति का इरादा किसी महिला को अपमानित करना या शर्मिंदा करने का होता है। जिससे उस महिला के आत्मसम्मान पर हमला होता है, उस व्यक्ति पर BNS की धारा 79 को लागू कर कार्यवाही की जाती है। उदाहरणों में अश्लील टिप्पणी करना, शारीरिक उत्पीड़न या पीछा करना शामिल है।



भारतीय न्याय संहिता की धारा 79 में जमानती है या नहीं?

बीएनएस की धारा 79 एक जमानती धारा है, जिसमें आरोपी व्यक्ति को अदालत की कार्यवाही के दौरान जमानत पर रिहा किया जा सकता है।  


बीएनएस सेक्शन 79 का अपराध संज्ञेय है या गैर-संज्ञेय?

BNS 79 के अनुसार किसी महिला को अपमानित करना व उसके सम्मान को ठेस पहुंचाना एक गंभीर व संज्ञेय अपराध होता है। जिसमें आरोपी व्यक्ति पर शिकायत दर्ज होते ही जल्द से जल्द गिरफ्तारी की कार्यवाही की जा सकती है।  



बीएनएस की धारा 79 के अपराध के उल्लंघन की सजा क्या है?

यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी महिला का अपमान करता है या उसके सम्मान को ठोस पहुंचाने के अपराध का दोषी पाया जाता है। तो उस व्यक्ति को BNS Section 79 के दंड के प्रावधान अनुसार 3 साल तक की कैद व जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।