बीएनएस धारा 319 क्या है - सजा और जमानत | BNS Section 319 in Hindi


प्रतिरूपण द्वारा धोखा की बीएनएस धारा BNS Section 319 in Hindi

आपने अखबारों में सोशल मीडिया पर या हो सकता है अपने आसपास भी ऐसे कई मामले सुने होंगे जहां लोग अपनी पहचान छिपाकर धोखाधड़ी करते हैं। जैसे कि किसी और के नाम से बैंक खाता खोलना, किसी और की डिग्री का उपयोग करके नौकरी पाना, या किसी और की संपत्ति हड़पने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाना। इस प्रकार के सभी कार्य कानून अपराध माने जाते है। ऐसे कार्यों के कारण लोगों का आत्मविश्वास टूटता है, आर्थिक नुकसान होता है और कई बार मानसिक तनाव भी होता है। आज हम पहचान के आधार पर धोखा-धड़ी के अपराध से जुड़ी भारतीय न्याय संहिता की धारा के बारे में समझेंगे कि बीएनएस की धारा 319 क्या है (BNS Section 319 in Hindi)? यह सेक्शन 319 (1) (2) कब लागू होती है और इस धारा के दोषी को सजा कितनी और जमानत कैसे मिलती है?

कुछ महीनों पहले तक जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे को पहचान के आधार पर धोखा देता था तो भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 416 और 419 के तहत मामला दर्ज किया जाता था। ये धाराएं अलग-अलग तरह के धोखे के लिए इस्तेमाल होती थीं, जिससे कानूनी प्रक्रिया थोड़ी जटिल हो जाती थी। लेकिन समय के साथ कानून में बदलाव हुए और अब भारतीय न्याय संहिता लागू हुई।

इस नए कानून के तहत धोखे के अधिकांश मामलों को एक ही धारा यानी BNS की धारा 319 के तहत लागू किया जाता है। यह बदलाव इसलिए किया गया ताकि कानूनी प्रक्रिया को सरल बनाया जा सके और धोखे के मामलों में न्याय मिलने की प्रक्रिया को तेज किया जा सके।


बीएनएस की धारा 319 क्या है - BNS Section 319 (1) (2) in Hindi

भारतीय न्याय संहिता की धारा 319 प्रतिरूपण द्वारा धोखा (Deception by impersonation) देने के अपराध के बारे में बताती है। यह एक ऐसा कानूनी प्रावधान है, जो किसी व्यक्ति द्वारा जानबूझकर किसी और का रूप धारण करके धोखा देने से संबंधित है। इस अपराध के तहत कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी दूसरे व्यक्ति की पहचान का गलत उपयोग करके उसके नाम से कोई कार्य करता है, तो ऐसे लोगों पर धारा 319 के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जाती है।

उदाहरण:- यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के नाम से सरकारी दस्तावेजों (Government Documents) का गलत उपयोग करता है, जैसे कि पहचान पत्र या पासपोर्ट, तो यह प्रतिरूपण द्वारा धोखा माना जाएगा।

किसी ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर किसी दूसरे की तस्वीर और नाम का इस्तेमाल करके लोगों को गुमराह करना भी इस धारा के तहत अपराध होता है।

  • BNS Section 319 (1):- सेक्शन 319(1) में केवल इस अपराध की परिभाषा के बारे में बताया गया है। जब कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी दूसरे व्यक्ति का रूप धारण (impersonate) करके, या किसी दूसरे व्यक्ति की पहचान का गलत तरीके से इस्तेमाल करके धोखा देता है, तो वह प्रतिरूपण द्वारा धोखे का अपराध करता है।
  • BNS Section 319 (2): इसमें सेक्शन 319 (1) के अंदर बताए गए अपराध के लिए दंड (Punishment) का प्रावधान किया गया है। यानि जो भी व्यक्ति किसी और की पहचान का इस्तेमाल करने का दोषी (Guilty) पाया जाएगा उसे धारा 319 (2) के तहत दंडित किया जाएगा।

धारा 319 के तहत अपराध साबित करने के मुख्य बिंदु

  • किसी अन्य व्यक्ति का रूप धारण करना, यानी जानबूझकर किसी और की पहचान (Identity) का उपयोग करना।
  • इसमें किसी अन्य व्यक्ति की पहचान या रुप का उपयोग किसी को धोखा देने के लिए किया जाता है।
  • इस प्रकार के धोखे से आरोपी को कोई लाभ होता है या किसी अन्य व्यक्ति को हानि होती है।
  • आरोपी जानबूझकर (Intentionally) व खुद की इच्छा से यह अपराध करता है।

बीएनएस की धारा 319 का उदाहरण

राहुल एक प्रतियोगी परीक्षा देना चाहता था, लेकिन उसे विषय के प्रश्नों के उत्तर अच्छी तरह से नहीं आते थे। इसलिए उसन अपने दोस्त रवि से कहा कि वह उसकी जगह परीक्षा दे दे। रवि राहुल के कहने पर ऐसा करने के लिए राजी हो गया। रवि ने राहुल की पहचान का उपयोग करके परीक्षा दी और राहुल के नाम से उत्तर पुस्तिका भर दी। इस मामले में रवि ने राहुल का रूप धारण किया और परीक्षा देने के लिए राहुल की पहचान का दुरुपयोग (Misuse) किया। जिसमें रवि ने इस धोखे से राहुल को लाभ पहुंचाया इसलिए ऐसे अपराध को करने के लिए रवि व राहुल दोनों पर BNS की धारा 319 के तहत कार्यवाही की जा सकती है।


BNS Section 319 के तहत आपराधिक कृत्य

  • किसी और व्यक्ति के नाम, पद या पहचान का उपयोग करना।
  • किसी और के दस्तावेजों (Documents) का उपयोग करना जैसे कि पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस या बैंक स्टेटमेंट।
  • पारिवारिक विवाद (Family Dispute) में किसी और का रूप धारण करना।
  • किसी मृत व्यक्ति (Dead Person) का रूप धारण करके उसकी संपत्ति हासिल करने का प्रयास करना।
  • किसी और के नाम से परीक्षा देना।
  • संगठन में घुसपैठ करने के लिए झूठी पहचान (Fake Identity) का उपयोग करना।
  • किसी बैंक से लोन लेने के लिए किसी अमीर व्यक्ति का रूप धारण करना।
  • सरकारी नौकरी (Government Job) पाने के लिए झूठी जानकारी देना।
  • किसी और के नाम से वोट देना।

भारतीय न्याय संहिता की धारा 319 में सजा का प्रावधान

बीएनएस की धारा 319(2) के अनुसार यदि कोई व्यक्ति धोखे से किसी और का रूप धारण करके धोखाधड़ी (Fraud) करता है और दोषी (Guilty) पाया जाता है, तो उसे अधिकतम पांच साल तक जेल हो सकती है। इसके साथ ही आरोपी व्यक्ति पर जुर्माना (Fine) भी लगाया जा सकता है। कुछ मामलों में तो अदालत कारावास और जुर्माना (Imprisonment Or Fine) दोनों की सजा एक साथ दे सकती है। इसका मतलब है कि व्यक्ति को जेल की सजा भुगतनी होगी और साथ ही जुर्माना भी अदा करना पड़ेगा।


बीएनएस की धारा 319 में जमानत कब व कैस मिलती है?

भारतीय न्याय संहिता की धारा 319 के तहत किए गए अपराध आमतौर पर संज्ञेय व जमानती (Cognizable Or Bailable) माने जाते है। जिसका मतलब है कि इस मामले में आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तारी के बाद जमानत (Bail) मिलने का अधिकार होता है। यदि किसी की पहचान का गलत इस्तेमाल करके धोखाधड़ी करने के अपराध से पीड़ित व्यक्ति (Victim) को कोई बड़ा नुकसान हुआ है या अपराध की गंभीरता ज्यादा है, तो अदालत जमानत देने में सख्ती भी दिखा सकती है। उदाहरण के लिए यदि किसी ने किसी अन्य व्यक्ति की पहचान चुराकर बहुत ज्यादा आर्थिक नुकसान पहुंचाया है, तो जमानत मिलना कठिन हो सकता है।

संबधित धाराएं:

निष्कर्ष:- BNS की धारा 319 उन लोगों पर लागू होती है जो किसी और की पहचान का इस्तेमाल करके धोखा देते हैं और इससे किसी को नुकसान पहुंचाते हैं। यह कानून लोगों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए बनाया गया है। अगर आपको इस विषय के बारे में और जानकारी चाहिए तो आप आज ही हमारे किसी अनुभवी वकील से संपर्क कर सकते हैं।




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बीएनएस धारा 319 पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल


बीएनएस की धारा 319 क्या है और कब लगती है?

भारतीय न्याय संहिता की धारा 319 जो किसी दूसरे व्यक्ति का रूप धारण करके धोखा देने के अपराध से संबंधित है। यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की पहचान का इस्तेमाल करके किसी को धोखा देता है तो उस पर इस धारा के तहत कार्यवाही की जा सकती है। 



पहचान के आधार पर धोखाधड़ी करने पर सजा कितनी होती है?

भारतीय न्याय संहिता सेक्शन 319 में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को 5 साल तक की कारावास, जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।



क्या BNS Section 319 में बेल मिल सकती है?

BNS 319 आमतौर पर जमानती होती है, लेकिन कई परिस्थितियों में जमानत मिलना या न मिलना अदालत के विवेक पर निर्भर करता है।



BNS 319 के तहत कौन से कार्य अपराध की श्रेणी में आते है?

धारा 319 के तहत कई तरह के अपराध आते हैं जैसे झूठी पहचान का इस्तेमाल, दस्तावेजों का दुरुपयोग, मृत व्यक्ति का रूप धारण करना, परीक्षा में धोखा देना, बैंक धोखाधड़ी आदि।