जानिये क्या है कोरोनोवायरस लॉकडाउन और इसमें आप क्या कर सकते हैं और क्या नहीं
March 25, 2020जैसा कि कोविड -19 ने आज की तारीख में पूरे विश्व के साथ - साथ भारत पर भी एक मजबूत पकड़ बना ली है, केंद्र और राज्य के अधिकारी इस महामारी के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं। नवीनतम सरकारी आंकड़ों के अनुसार, कोविड -19 ने देश के 579 से भी अधिक लोगों को प्रभावित किया है, जिसमें 11 लोग इस महामारी से अपनी जान गवां चुके हैं।
इंडियन सेंटर फॉर मेडिकल रिसर्च (आई. सी. एम. आर.) ने यह सुनिश्चित किया है, कि यह वायरस अभी भी संचरण के चरण 2 में है, जिसका अर्थ यह है, कि अभी स्थानीय प्रसारण का कोई सबूत नहीं है। जैसे - जैसे मामले बढ़ रहे हैं, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्पूर्ण देश में 21 दिनों के लिए पूर्ण रूप से तालाबंदी की घोषणा कर दी है, और भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है, कि राज्यों को अस्पतालों में कोरोनोवायरस रोगियों का विशेष रूप से इलाज करने की आवश्यकता होगी।
तो, लॉकडाउन का क्या अर्थ होता है? आइये एक नज़र डालते हैं
लॉकडाउन क्या है?
कोरोना वायरस महामारी के दौरान लॉकडाउन एक आम शब्द बन गया है। लॉकडाउन एक आपातकालीन प्रोटोकॉल है, जो लोगों को किसी दिए गए क्षेत्र को छोड़ने से रोकता है। इसका मतलब है, लोगों को घर छोड़ने से रोकने के लिए एक बड़ा कदम उठाना है। आपको घर छोड़ने या फिर सफर करने के लिए प्रमाण की ज़रूरत पड़ती है।
लॉकडाउन आपको एक ही जगह पर रहने के लिए मजबूर करता है, और आप एक जगह से बाहर या दूसरी जगह पर प्रवेश नहीं कर सकते। हालांकि, एक लॉकडाउन के दौरान खाने - पीने, दवाइयां या ऐसे ही ज़रूरत के सामान पर रोक नहीं लगती।
यह परिदृश्य आमतौर पर आवश्यक आपूर्ति, किराने की दुकानों, फार्मेसियों और बैंकों को लोगों की सेवा जारी रखने की अनुमति देता है। लॉकडाउन की अवधि तक सभी गैर - जरूरी गतिविधियां पूरी अवधि के लिए बंद रहती हैं।
आज की तारीख में भारत, पूर्ण लॉकडाउन के अधीन हो चुका है। जिसके चलते राज्यों पर यात्रा पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, और सार्वजनिक स्थानों को बंद कर दिया गया है। पूरे देश में रेल, इंटरसिटी बस सेवाओं को भी निलंबित कर दिया गया है।
लेकिन लॉकडाउन के समय आवश्यक गतिविधियों की पूर्ति के लिए अलग - अलग राज्य सरकार अपनी रुपरेखा बनती है, जिसका आम जनता के साथ - साथ उस राज्य के सभी नागरिक अनुसरण करते हैं।
आवश्यक गतिविधियाँ क्या होती हैं?
आवश्यक गतिविधियों में किराने का सामान और चिकित्सा आपूर्ति शामिल करना, डॉक्टर के पास जाना और डॉक्टर की सलाह से टहलना शामिल है, बशर्ते आप सामाजिक दूरी बना कर चल रहे हों। यदि आप एक आवश्यक सेवा के लिए काम करते हैं, जिसे करने के लिए आपके पास आपके राज्य की सरकार या किसी प्रशासनिक अधिकारी द्वारा लिखित में आदेश है, तो आपको इन प्रतिबंधों का पालन करने की आवश्यकता नहीं होगी।
लॉकडाउन का नियम तोड़ने पर क्या होता है?
नियमों को तोड़ने वाले किसी भी व्यक्ति को एक महीने के लिए साधारण कारावास की सजा दी जा सकती है, या जुर्माना भी लगाया जा सकता है, जो 200 रुपये तक हो सकता है, या दोनों को लगाया जा सकता है।
लॉकडाउन के समय क्या आप काम पर जा सकते हैं?
देश के अधिकांश प्रमुख शहरों ने निजी कंपनियों को आदेश दिया है, कि वे कर्मचारियों को घर से काम करने दें। सभी कार्यालय बंद रहेंगे या लॉकडाउन अवधि के अंत तक न्यूनतम कर्मचारियों के साथ काम करेंगे। केंद्र और कई राज्य सरकारों ने दैनिक वेतन भोगी और अन्य अस्थायी श्रमिकों के लिए राहत पैकेजों की घोषणा की है।
यदि देश में आपातकाल लागू हो जाता है, तो क्या होगा?
आपातकाल के समय अस्पतालों और फार्मेसियों की तरह आपातकालीन सेवाएं, हमेशा की तरह संचालित होती रहेंगी।
क्या आपको अपनी जरूरत की वस्तुओं का स्टॉक करना चाहिए?
किराने की दुकानों के साथ - साथ केवल कुछ स्टोर ही खुले रहते हैं। जिनमे स्टॉक कम भी हो सकता है, क्योंकि परिवहन सेवाएं भी भारी प्रतिबंधित होती हैं। तो बेहतर ये ही होगा की आप अपने दैनिक जरूरत की सभी वस्तुओं का पहले से ही स्टॉक बनाकर रख लें, जिससे आपको ऐसे समय में परेशान होने की आवश्यकता न पड़े।