ग्रीन पटाखों को छोड़कर सुप्रीम कोर्ट ने सभी पाठकों की बिक्री पर रोक लगाया
November 01, 2018सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली और सभी त्योहारों पर दिल्ली एनसीआर क्षेत्र मे ग्रीन पटाखों के इलावा किसी और प्रकार के पटाखों की बिक्री पर रोक लगाया है|अदालत ने यह भी कहा है की जिन पटाखों को पहले से ही उत्पाद किया जा चुके हैं वह पटाखे दिल्ली एनसीआर क्षेत्र के इलावा कहीं भी बेचे जा सकते हैं|
23 अक्टूबर 2018 मे दिए गए आदेश मे सुप्रीम कोर्ट ने पटाखे फोड़ने का समय दिवाली और सभी अन्य त्योहारों पर शाम 8:00 बजे से 10:00 बजे तक सीमित कर दिया है| देशभर मे पटाखे फोड़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने विशेष रूप से 2 घंटे का समय ही दिया है| हालांकि, तमिल नाडु, पुडुचेरी और अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों में सुबह 4:00 बजे से 5:00 बजे तक और श्याम 9:00 बजे से 10:00 बजे तक होगा|
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है की, ई कॉमर्स वेबसाइट पर भी पटाखों की बिक्री नहीं की जाएगी और अगर वे यह आदेश पालन नहीं करेंगे तो उन्हें अदालत की मानना के लिए तैयार रहना होगा| सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस के स्टेशन हाउस अधिकारियों के जिम्मेदारी दी है की उनके चित्र में किसी प्रकार के प्रबंधित पटाखे ना फोड़े जाएं|
फायरक्रैकर्स निर्माताओं के लिए उपस्थित वकील ने पिछली सुनवाई मे न्यायालय को यह कहा था की अदालत को कभी भी पटाखों पर पूर्ण प्रबंध लगाने का इरादा नहीं था| हालांकि निर्माताओं के लिए यह असंभव था की उपलब्ध समय सीमा के भीतर वह पटाखों की गुणवत्ता बदल सके तथा ग्रीन पटाखे बनाए जा सके तथा उन्हें बनाने का संचार भी उपलब्ध नहीं था|
पिछले साल, सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली से एक दो दिन पहले पटाखों को बेचने की याचिका जो निर्माताओ ने दर्ज करी थी उस याचिका को अस्वीकार कर दिया था| अदालत ने यह कहा है कि पिछले साल पटाखों पर प्रतिबंध दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण के प्रभाव का विश्लेषण के लिए लगाया था|
23 अक्टूबर 2018 मे दिए गए आदेश मे सुप्रीम कोर्ट ने पटाखे फोड़ने का समय दिवाली और सभी अन्य त्योहारों पर शाम 8:00 बजे से 10:00 बजे तक सीमित कर दिया है| देशभर मे पटाखे फोड़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने विशेष रूप से 2 घंटे का समय ही दिया है| हालांकि, तमिल नाडु, पुडुचेरी और अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों में सुबह 4:00 बजे से 5:00 बजे तक और श्याम 9:00 बजे से 10:00 बजे तक होगा|
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है की, ई कॉमर्स वेबसाइट पर भी पटाखों की बिक्री नहीं की जाएगी और अगर वे यह आदेश पालन नहीं करेंगे तो उन्हें अदालत की मानना के लिए तैयार रहना होगा| सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस के स्टेशन हाउस अधिकारियों के जिम्मेदारी दी है की उनके चित्र में किसी प्रकार के प्रबंधित पटाखे ना फोड़े जाएं|
फायरक्रैकर्स निर्माताओं के लिए उपस्थित वकील ने पिछली सुनवाई मे न्यायालय को यह कहा था की अदालत को कभी भी पटाखों पर पूर्ण प्रबंध लगाने का इरादा नहीं था| हालांकि निर्माताओं के लिए यह असंभव था की उपलब्ध समय सीमा के भीतर वह पटाखों की गुणवत्ता बदल सके तथा ग्रीन पटाखे बनाए जा सके तथा उन्हें बनाने का संचार भी उपलब्ध नहीं था|
पिछले साल, सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली से एक दो दिन पहले पटाखों को बेचने की याचिका जो निर्माताओ ने दर्ज करी थी उस याचिका को अस्वीकार कर दिया था| अदालत ने यह कहा है कि पिछले साल पटाखों पर प्रतिबंध दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण के प्रभाव का विश्लेषण के लिए लगाया था|
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