उच्च न्यायालय ने यूपी सरकारी कर्मचारी को काम पर तंबाकू चबाने के लिए मिली सजा को किया रद्द
November 20, 2018मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 2017 में काम की जगह पर तंबाकू चबाने पर प्रतिबंध लगाने के बाद एक सरकारी कर्मचारी को कार्यालय में तंबाकू उपभोग करने पर दो वार्षिक वृद्धि के स्थायी रोकथाम के साथ दंडित किया गया था।
कर्मचारी ने दंड से राहत मांगने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका डाली थी। अदालत ने सजा अत्यधिक होने के कारण इसे लागू करने वाले आदेशों को रद्द कर दिया है। सरकार की तरफ से आये वकील ने कहा था की कर्मचारी को पान मसाला की अत्यधिक मात्रा के साथ पाया गया था।
याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी है कि उसे सुनवाई का मौका दिए बिना दंडित किया गया था और उसके ऊपर लगाए गए आरोप अस्पष्ट और मनमानी हैं। उन्होंने आगे कहा है कि सजा उत्तर प्रदेश सरकार के कर्मचारी (अनुशासन और अपील) नियम, 1999 के अनुसार एक प्रमुख जुर्माना है जिसे विस्तृत अनुशासनात्मक जांच किए बिना नहीं दिया जा सकता है।
अदालत के अनुसार यह दिखाने के लिए रिकॉर्ड पर कोई सबूत नहीं था कि याचिकाकर्ता को अपनी बात पेश करने के लिए सुनवाई दी गई थी। कोर्ट ने यह भी कहा है कि एक बड़ी सजा लगाने से पहले उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था, न ही याचिकाकर्ता को चार्जशीट दिया गया था और न ही कोई गवाहों की जांच की गई थी।