आईपीसी की धारा 457 क्या है सजा और जमानत - IPC 457 in Hindi

अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 457 क्या है - IPC Section 457 in Hindi
  2. धारा 457 में सजा - IPC 457 Punishment in Hindi
  3. धारा 457 में जमानत कैसे मिलती है - IPC 457 is Bailable or Not?
  4. IPC Section 457 में बचाव के लिए सावधानियां
  5. धारा 457 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

आज के आर्टिकल में हम भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत आने वाली एक महतवपूर्ण धारा के बारे में बात करेंगे कि आईपीसी की धारा 457 क्या है (What is IPC Section 457 in Hindi)। ये धारा कब और किस अपराध में लगती है? इस धारा में सज़ा और जमानत का क्या प्रावधान है? आज के आर्टिकल में हम इस कानून की धारा से संबधित सारी आवश्यक जानकारी आपको देंगे। अगर आप इस आईपीसी सेक्शन के बारे में संम्पूर्ण जानकारी जानना चाहते है तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़े।

अपने घर को सबसे सुरक्षित जगह माना जाता है जहाँ इंसान रात को चैन की नींद सो सकता है लेकिन आज के समय में अपराध इतनी तेजी से बढ़ते जा रहे है जिसके कारण लोग अपने घरों में भी सुरक्षित नहीं है क्योंकि आजकल बहुत से ऐसे अपराध देखने को मिलते है जो घरों में घुसकर हो रहे है तो चलिए ऐसे अपराध और उससे जुड़े कानून के बारें में आपको आसान भाषा में विस्तार से बताते है।


धारा 457 क्या है - IPC Section 457 in Hindi

भारतीय दंड संहिता के अनुसार यदि कोई व्यक्ति रात के समय में यानि सूरज डूबने के बाद और सूरज निकलने से पहले किसी के घर में गृह-अतिचार मतलब गुप्त तरीके से चोरी छिपे या गृह-भेदन (घर में लगे सुरक्षा के उपकरणो को तोड़कर या व दिवारों के नीचे से गड्ढा बनाकर) कोई अपराध करने की नियत से घुसता है और मारपीट करना, तोड-फोड़ करना जैसा कोई अपराध करता है तो उस व्यक्ति पर धारा 457 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है। अगर कोई व्यक्ति चोरी करने की नियत से घर में घुसा है तो ज्यादा सज़ा का प्रावधान है जिसके बारे में हमने आगे विस्तार से बताया है।

IPC Section 457 Example :- एक बार कपिल अपने घर में रात को सो रहा होता है तभी उसके घर में एक व्यक्ति सीढ़ी की सहायता से घर की दीवार पर चढ़कर सिक्योरिटी गार्ड की नजर से बचके गुप्त तरीके से उसके घर में घुस जाता है और घर के अंदर जाने के बाद वो व्यक्ति घर कि कीमती चीजों की चोरी करने लगता है

तभी कपिल को दूसरे कमरे से कुछ आवाज आती है और वो वहाँ देखने के लिए जाता है तो उसकी नजर चोर पर पड़ती है तो वह तुरन्त गार्ड को बुलाकर उसे पकड़ लेता है तो चोरी करने वाले व्यक्ति की शिकायत पुलिस में करने के बाद पुलिस उस व्यक्ति पर धारा 457 के तहत FIR दर्ज कर गिरफ्तार कर लेती है।


धारा 457 में सजा - IPC 457 Punishment in Hindi

  • तोड-फोड़ करने या मारपीट के इरादे से :- आई. पी. सी की धारा 457 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति किसी के घर में या किसी भी प्रोपर्टी में गुप्त तरीके से घुसकर मारपीट या तोड़फोड़ करता है तो ऐसा करने के लिए दोषी पाये जाने पर 5 वर्ष तक की सजा व जुर्माना लगाया जाता है
  • चोरी करने के इरादे से :- लेकिन अगर कोई व्यक्ति चोरी करने के इरादे से घर में रात को घुसता है तो गुप्त तरीके से या घर को तोड़कर घर में घुसकर चोरी करने के अपराध में सजा ज्यादा मिलती है जिसमें दोषी पाये जानें पर 14 वर्ष तक की सजा व जुर्माना से दंडित किया जा सकता है।

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धारा 457 में जमानत कैसे मिलती है - IPC 457 is Bailable or Not?

भारतीय दंड संहिता की धारा 457 का यह अपराध एक संज्ञेय (Cognizable) श्रेणी का अपराध माना जाता है जिसमें एक बार शिकायत होने पर आरोपी व्यक्ति को पुलिस कही से भी बिना किसी वारंट के गिरफ्तार कर सकती है और यह अपराध गैर-जमानतीय (Non-bailable) होता है जिसमें पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने के बाद आरोपी को जमानत मिलना मुश्किल हो जाता है

इस केस में जमानत का फैसला प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय होता है ऐसे मामलों में आरोपी को एक होनहार वकील की मदद लेनी चाहिए जो सभी कानूनी कार्यवाही के बारें में अच्छे से जानता व समझता हो वह आरोपी को जमानत दिलाने व निर्दोष साबित करने में मदद कर सकता है यह अपराध किसी भी प्रकार के समझौते (Compromise) के योग्य नहीं होता

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IPC Section 457 में बचाव के लिए सावधानियां

अकसर देखने को मिलता है कि रात के समय में घरों में घुसकर मारपीट करना या चोरी करना जैसे अपराध बहुत बढ़ रहे है लेकिन कुछ लोगों के साथ ऐसा भी होता है जिसमें वे बिना कोई अपराध किए जाने- अनजाने में ऐसे मामलों के शिकार हो जाते है। तो आइए ऐसे केसों से बचने के लिए कुछ सावधानियों के बारें में विस्तार से जानतें है।

  • कभी-भी रात के समय में किसी के घर में बिना उसके मालिक के अनुमति के ना जाएं।
  • अगर स्कूल, हॉस्पिटल, या किसी सरकारी कार्यालय के किसी हिस्से में जाना प्रतिंबधित है तो वहाँ गुप्त तरीके से या चोरी छिपे जाने की कोशिश ना करें।
  • यदि कोई अंजान व्यक्ति रात के समय आपको अपने घर बुलाता है तो ऐसी जगह पर बिल्कुल भी ना जाएं।
  • यदि कभी किसी कारण से किसी जरुरी कारण से आपको जाना भी पड़ जाए तो जिस व्यकित ने आपको बुलाया है उसकी काँल रिकार्ड जरुर कर ले।
  • यदि निर्दोष होते हुए भी किसी भी कारणवस आप ऐसे मुकदमों (court cases) में फंस जाते है तो तुरन्त किसी वकील से संपर्क करें। और उस समस्या के और गंभीर होने से पहले ही अपना बचाव करें।

तो दोस्तों ऐसी ही कुछ जरुरी बातों के बारें में जागरुक रहकर भविष्य में आने वाली सम्स्याओं से आप अपना बचाव कर सकते है इसलिए हमेशा सतर्क रहे। व अपने परिवार वालों व मित्रों को जागरुक करें।

Offence : गुप्त घर अतिचार या रात तक घर तोड़ने के क्रम में एक कारावास के साथ दंडनीय अपराध के आयोग के लिए


Punishment : 5 साल + जुर्माना


Cognizance : संज्ञेय


Bail : गैर जमानती


Triable : मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी



Offence : यदि अपराध चोरी है


Punishment : 14 साल + जुर्माना


Cognizance : संज्ञेय


Bail : गैर जमानती


Triable : मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी



आईपीसी धारा 457 को बीएनएस धारा 331 में बदल दिया गया है।



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IPC धारा 457 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 457 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 457 अपराध : गुप्त घर अतिचार या रात तक घर तोड़ने के क्रम में एक कारावास के साथ दंडनीय अपराध के आयोग के लिए



आई. पी. सी. की धारा 457 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 457 के मामले में 5 साल + जुर्माना का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 457 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 457 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 457 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

आई. पी. सी. की धारा 457 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।



आई. पी. सी. की धारा 457 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 457 गैर जमानती है।



आई. पी. सी. की धारा 457 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 457 के मामले को कोर्ट मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी में पेश किया जा सकता है।