IPC 144 in Hindi - जनसभा में हथियार की धारा 144 में सज़ा, जमानत

अपडेट किया गया: 01 Oct, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

दोस्तों आज के इस लेख द्वारा हम बात करेंगे भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत आने वाली IPC की धारा के बारे में की आईपीसी धारा 144 क्या है (IPC Section 144 in Hindi), ये धारा कब लगती है? इस अपराध के मामले में सजा और जमानत कैसे मिलती है। यदि आप इस धारा से जुड़े अपने सभी सवालों का जवाब आसान शब्दों में जानना चाहते है तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़े।

साथियों कई बार ऐसा होता है कि हम अपने किसी करीबी व्यक्ति के साथ ऐसी जगह चले जाते है। जहाँ लोगों की भीड़ किसी चीज का प्रदर्शन कर रही होती है, ऐसे ही बिना किसी जगह के बारे में जानकारी लिए जाना किस प्रकार हमें अपराधी बना सकता है। आज के लेख द्वारा हम आपको इसी प्रकार के अपराध के मामलों के बारे में बताएंगे।



IPC Section 144 in Hindi - आईपीसी धारा 144 क्या है

आईपीसी की धारा 144 के अनुसार बताया गया है कि यदि पाँच या पाँच से अधिक व्यक्तियों के गैर-कानूनी जनसमूह में कोई व्यक्ति ऐसा घातक हथियार (Danger weapon) लेकर आता है। जिस हथियार को किसी ऐसे अपराध के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जो किसी की मृत्यु का कारण बन सकता है। ऐसे व्यक्ति के साथ-साथ अन्य जो भी व्यक्ति उस गैर-कानूनी समूह (illegal group) का सदस्य होते है उन सब पर IPC Section 144 के तहत मुकदमा दर्ज (Court case) कर कार्यवाही की जा सकती है।


आईपीसी सेक्शन 144 के अपराध का उदाहरण

एक बार सौरभ नाम का एक लड़का होता है, एक दिन उसके कुछ दोस्त उसको अपने साथ किसी ऐसे आंदोलन में ले जाते है, जो सरकार की अनुमति के बिना किया गया होता है। वहाँ भीड़ के जमाव में एक व्यक्ति बहुत ही गंभीर हथियार को अपने साथ लाए हुए होता है। सौरभ इस बात से बिल्कुल अंजान होता है।

कुछ समय बाद अचानक वहाँ पुलिस आ जाती है, और सबको अपने साथ पकड़ कर ले जाती है। पुलिस को जाँच के दौरान वो व्यक्ति मिल जाता है जो घातक हथियार लेकर जमाव में आया हुआ था। इसलिए पुलिस सौरभ व अन्य लोगों पर भी धारा 144 के तहत कार्यवाही करती है।

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि धारा 144 में बताया गया है कि यदि कोई व्यक्ति किसी गैर-कानूनी भीड़ वाले जमाव में किसी घातक हथियार को लाता है तो उसके साथ अन्य उपस्थित लोगों पर भी IPC Section 144 के तहत कार्यवाही की जाएगी।

जाने - दंगे (Riot) की धारा 147 कब लगती है?


IPC की धारा 144 व CRPC की धारा 144 में अंतर

दोस्तों आप में से ज्यादातर लोगों ने धारा 144 के बारे में टी.वी या अखबारों में सुना होगा। इसलिए आप सब के लिए यह जाना बहुत जरुरी है कि भारतीय दंड संहिता की धारा (IPC) 144 व दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 144 में क्या अंतर होता है।


आईपीसी (Indian penal code) की धारा 144

इस धारा के तहत यदि कोई व्यक्ति किसी घातक हथियार को लेकर किसी गैर-कानूनी जनसमूह का सदस्य बनता है तो उस पर मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जाती है।


सीआरपीसी (Code of criminal procedure) धारा 144

इस धारा को जिलाधिकारी के द्वारा किसी भी शहर में लगाया जाता है। सीआरपीसी की धारा 144 लगने के बाद उस जगह पर चार से ज्यादा लोगों के इकट्ठे होने पर रोक लगा दी जाती है।

इस धारा का इस्तेमाल हिंसा, तनाव पूर्ण माहौल या किसी सरकारी नौकरी के पेपर के दौरान शांति बनाए रखने के लिए किया जाता है।

धारा 144 में सजा – Punishment in IPC Section 144

भारतीय दंड संहिता की धारा 144 में सजा के प्रावधान अनुसार जो भी व्यक्ति दोषी पाया जाता है। उसे न्यायालय द्वारा दोषी करार देकर एक अवधि के साधारण कारावास (Jail) जिसको 2 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है व आर्थिक दंड के जुर्माने (Fine) से भी दंडित किया जा सकता है।



धारा 144 में जमानत - IPC 144 bailable or not?

IPC Section 144 एक अपराध संज्ञेय जुर्म (Cognizable crime) होते हुए भी जमानती अपराध (Bailable offence) माना जाता है। जिसमें आरोपी को गिरफ्तार होते ही जमानत (Bail) आसानी से मिल जाती है। इस प्रकार के जुर्म के आरोपी व्यक्ति को अन्य अपराधों की तरह जमानत के लिए परेशान नहीं होना पड़ता। यह अपराध एक गैर-शमनीय अपराध (Non- Compoundable offence) होता है।

अकसर कुछ लोगों का सवाल होता है कि क्या इस अपराध में भी वकील की आवश्यकता पड़ती है, तो इसका जवाब हाँ है। इस अपराध में भी अन्य सब अपराधों की तरह आपको एक निपुण वकील की आवश्यकता पड़ती है। वकील (Lawyer) आपके को जमानत दिलाने से लेकर केस की आगे की कार्यवाही तक आपकी मदद करता है। इसलिए सदैव किसी अच्छे वकील को ही अपने मुकदमे (Court case) के लिए चुने।

जाने - जनसमूह में अपराध धारा 149 कब लगती है


IPC 144 से बचाव में ध्यान रखने योग्य बातें

किसी भी अपराध से बचाव करने के लिए यह जानना बहुत ही जरुरी होता है कि वह अपराध होता किन कारणों से है। हर कोई व्यक्ति अपराधी नहीं होता परन्तु कभी अंजाने में कुछ कार्य ऐसे हो जाते है, जिनके कारण कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ जाता है।

  • यदि कोई व्यक्ति आपको अपने साथ किसी ऐसी सभा में लेकर जाए जो गैर-कानूनी रुप से हो रही हो, तो उस जगह जाने से हमेशा अपना बचाव करें।
  • किसी भी भीड़-भाड़ वाली जगह पर कोई भी ऐसी वस्तु ना लेकर जाएं जो सरकार द्वारा प्रतिबंधित की गई हो। जैसे धार-धार हथियार, तेजाब, बंदूक, पैट्रोल आदि।
  • यदि किसी जनसभा में या भीड़-भाड़ वाली जगह में आपको कोई संदिग्ध व्यक्ति दिखता है तो उससे तुरन्त दूरी बना ले व जितना जल्दी हो सके इसकी सूचना पुलिस को दे
  • निर्दोष होते हुए भी यदि आप पर धारा 144 का मुकदमा हो जाता है, तो सबसे पहले किसी वकील की सलाह ले। उसके बाद किस कारण से आपके खिलाफ धारा 144 का इस्तेमाल किया गया है, उस वजह को जानने की कोशिश करें।
  • यदि आपके पास खुद को निर्दोष साबित करने का कोई सबूत है, तो उसे अपने वकील को जरुर दे।
  • खुद को निर्दोष साबित करवाने के लिए कोई भी झूठा गवाह या सबूत कोर्ट में ना पेश करें।

किसी भी अपराध से बचे रहने के लिए कानून की जानकारी होना बहुत ही जरुरी है। इसलिए हमेशा कानून की धाराओ से जुड़ी चीजों को पढ़ते रहे व अन्य लोगों के साथ भी उस जानकारी को शेयर करें। किसी भी अपराध व उसकी सजा के बारे में जागरुक होकर ही किसी अपराध को होने व करने से बचा जा सकता है।

Offence : किसी भी घातक हथियार से लैस गैरकानूनी सभा में शामिल होना


Punishment : 2 साल या जुर्माना या दोनों


Cognizance : संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट



आईपीसी धारा 144 को बीएनएस धारा 189 में बदल दिया गया है।



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IPC धारा 144 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 144 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 144 अपराध : किसी भी घातक हथियार से लैस गैरकानूनी सभा में शामिल होना



आई. पी. सी. की धारा 144 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 144 के मामले में 2 साल या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 144 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 144 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 144 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

आई. पी. सी. की धारा 144 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।



आई. पी. सी. की धारा 144 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 144 जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 144 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 144 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।