IPC 395 in Hindi - डकैती की धारा 395 कब लगती है - सजा और जमानत

अपडेट किया गया: 01 Apr, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

नमस्कार दोस्तों अकसर यह सुनने में आता है कि कोई व्यक्ति अपने परिवार के साथ अपनी गाड़ी से घर जा रहा था और अचानक उनको कुछ लोगों ने रास्ते में डरा धमका कर (by threatening) रोक लिया व उनसे सारा सामान लूट लिया। आजकल ऐसी आपराधिक घटनाएँ बहुत दिखाई व सुनाई दे रही है। अगर कोई व्यक्ति इस तरह के अपराध का शिकार होता है या ऐसा अपराध करता है। तो उसके लिए भारतीय दंड संहिता के तहत कई कानून बनाए गए है। हम आज के आर्टिकल द्वारा ऐसे ही अपराध की धारा के बारे में आपको सरल भाषा में बताएंगे। और जानेंगे आईपीसी की धारा 395 क्या है (IPC Section 395 in Hindi), ये धारा कब और किस क्राइम में लगती है? IPC 395 के मामले में सजा और जमानत कैसे मिलती है।

यदि कोई व्यक्ति किसी को डरा धमका कर लूटता है या इस तरह का कोई भी अपराध करता है तो भारतीय कानून में ऐसे अपराधों के लिए बहुत ही कठोर दंड देखने को मिलते है। साथ ही ऐसे अपराधों के बारे में लोगों के बहुत से सवाल होते है। इसलिए आज के लेख द्वारा हम आपको आईपीसी सेक्शन 395 से जुड़े सभी सवालों का जवाब देंगे, इसलिए इस लेख को पूरा पढ़े।

धारा 395 क्या है – IPC Section 395 in Hindi

भारतीय दंड संहिता की धारा 395 के अधिनियम अनुसार पाँच या पाँच से अधिक व्यक्ति एक साथ मिलकर किसी व्यक्ति को डरा धमका कर उनसे उनका सामान लूटते है या लूटने का प्रयास करते है। ऐसे अपराध में या तो सभी एक साथ लूट की घटना को अंजाम देते है या लूट करने वाले मुख्य अपराधी की लूट में मदद करते है तो ऐसा अपराध करना डकैती कहलाता है। जिसे IPC 391 में परिभाषित किया गया है। डकैती जैसा गंभीर अपराध करने वाले सभी व्यक्तियों पर धारा 395 के तहत मुकदमा दर्ज (Court case) कर कार्यवाही की जाती है व दोषी पाये जाने पर दंडित भी किया जाता है।


आईपीसी धारा 395 कब लगती है - मुख्य बिंदु

धारा 395 के तहत डकैती का अपराध तब माना जाता है जब इनमें से निम्नलिखित बाते शामिल होती है। जोकि इस प्रकार है:-

  • डकैती करने के इरादे से डरा धमका कर किसी व्यक्ति को लूटा गया हो।
  • लूट के समय पाँच या उसे अधिक व्यक्ति शामिल होने चाहिए।
  • अगर कोई अकेला व्यक्ति लूटता है तो उसे डकैती नहीं माना जाएगा।

IPC 392 और IPC 395 में अंतर

  • धारा 392 :- जो कोई भी व्यक्ति किसी के घर में घुसकर या दिन-दहाड़े लूट-पाट करेगा वह धारा 392 के तहत लूट-पाट (Robbery) का दोषी होगा। जिसमें आरोपी अकेला होता है या 4 से कम होते है। यदि आप लूट-पाट की धारा 392 के बारे में विस्तार से जानना चाहते है तो हमारे धारा 392 के लेख को इस लिंक द्वारा पढ़ सकते है।
  • धारा 395 :- धारा 395 के तहत डकैती के अपराधियों को दंडित किया जाता है। डरा धमका कर किसी व्यक्ति से उसका सामान लूटने की घटना में यदि 4 या 5 से अधिक अपराधी शामिल होते है तो वह डकैती कहलाती है।

IPC Section 395 में अपराध का उदाहरण

एक बार अजय अपने परिवार के साथ गाड़ी से कही जा रहा था। थोड़ी देर बाद अचानक कुछ लोग उसकी गाड़ी को रुकवा लेते है। और अजय व उसके परिवार को डरा धमका कर उनसे उनकी सारी वस्तु छीन कर भाग जाते है। अजय यह सब देखकर बहुत घबरा जाता है। कुछ समय बाद वो पुलिस को फोन करता है और पुलिस के आने पर उन्हें बताता है कि पाँच से छह लोग आये और उनसे उनका सारा सामान लूट कर ले गये। तब पुलिस अजय व उसके परिवार की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ डकैती की शिकायत दर्ज कर कार्यवाही करती है।

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धारा 395 में सजा – IPC 395 Punishment in Hindi

IPC Section 395 के तहत जो कोई भी डकैती का अपराध करता है। ऐसे व्यक्तियों को पुलिस के द्वारा पकड़े जाने पर न्यायालय में पेश किया जाता है। न्यायालय के द्वारा दोषी पाये जाने पर अपराध की गंभीरता को देखते हुए दोषी व्यक्तियों को 10 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास व जुर्माने से दंडित ((Punishment for dacoity) किया जा सकता है।

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IPC Section 395 में जमानत (Bail) का प्रावधान

आई पी सी की धारा 395 के अंतर्गत आने वाला यह अपराध एक संज्ञेय श्रेणी का अपराध माना जाता है। ऐसे मामलों में पुलिस बिना किसी वारंट या परमिशन के आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकती है। बेहद ही गंभीर होने के कारण यह एक गैर- जमानतीय अपराध बन जाता है। जिसमें आरोपी व्यक्ति को जमानत लेने के लिए बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है।

इस तरह के मामलों में जमानत का फैसला सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय होता है। डकैती के अपराध किसी तरह से भी समझौते के लायक नहीं होता। अन्य आपराधिक धाराओं की तरह डकैती के अपराध में भी आपको एक कुशल वकील की आवश्यकता पड़ती है जो अपनी योग्यता व अनुभव के आधार पर पूरी कोशिश करेगा, आपको जमानत दिलाने के लिए।


IPC Section 395 में बचाव के लिए सावधानियां

डकैती जैसे अपराध में लूट-पाट की घटना का कोई भी शिकार हो सकता है। लेकिन कुछ मामलों में देखने को मिलता है कि कुछ लोग निर्दोष होते हुए भी डकैती जैसे गंभीर अपराध के आरोपी बन जाते है। क्योंकि उन्हें इस तरह के अपराध व इसके बचाव के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं होती। आइये जानते है IPC 395 में बचाव की कुछ बातों के बारे में।

  • कभी-भी किसी ऐसे व्यक्ति के साथ कही भी ना जाए जो डकैती या लूट-पाट जैसे अपराधों में पहले से ही शामिल रहता हो।
  • रात के समय किसी भी आशय से किसी दूसरे की गाड़ी को रोकने का प्रयास बिल्कुल भी ना करें। ऐसा करने पर वो व्यक्ति आपकी शिकायत पुलिस में कर सकता है।
  • पब्लिक मार्ग जहाँ से लोगों का आना जाना रहता हो उस रास्ते पर अपने वाहन को बीच में लगाकर किसी को भी रोकने का गैर-कानूनी कार्य बिल्कुल भी ना करें।
  • शराब पीकर गाड़ी ना चलाए व रास्ते में किसी के साथ भी झगड़ा ना करें। यदि आपकी गाड़ी को कोई गलत तरीके से रास्ते में रोकने की कोशिश करता है तो गाड़ी की स्पीड़ बढ़ाकर वहां से निकल जाएं।
  • यदि कोई आपका दिन या रात किसी भी समय पीछा करता है तो तुरन्त 100 न0 पर पुलिस को इसकी सूचना देकर अपना बचाव करें। तो दोस्तों ऐसी ही कुछ जरुरी बातों का ध्यान रखकर डकैती जैसे अपराधों से अपना बचाव करें।

Offence : डकैती


Punishment : आजीवन कारावास या 10 साल के लिए कठोर कारावास + जुर्माना


Cognizance : संज्ञेय


Bail : गैर जमानतीय


Triable : सत्र न्यायालय





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IPC धारा 395 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 395 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 395 अपराध : डकैती



आई. पी. सी. की धारा 395 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 395 के मामले में आजीवन कारावास या 10 साल के लिए कठोर कारावास + जुर्माना का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 395 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 395 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 395 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

आई. पी. सी. की धारा 395 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।



आई. पी. सी. की धारा 395 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 395 गैर जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 395 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 395 के मामले को कोर्ट सत्र न्यायालय में पेश किया जा सकता है।