IPC 283 in Hindi - धारा 283 कब लगती है - सजा और जमानत

अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

नमस्कार दोस्तों, आपने अकसर देखा होगा कि कुछ लोग सार्वजनिक आवाजाही (लोगों के आने जाने वाले रास्तों पर) वाली सड़कों (Roads) पर अपने वाहन (Vehicle) को खड़ा करके या कोई अन्य बाधा उत्पन्न करने के लिए खड़े हो जाते है। क्या आपको पता है इस प्रकार का कार्य करना एक अपराध की श्रेणी में आता है। इसलिए आज के लेख में हम भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत आने वाली ऐसे ही कानून की धारा के विषय में बात करेंगे कि धारा 283 क्या है (IPC Section 283 in Hindi), ये धारा कब लगती है? IPC 283 के मामले में सजा और जमानत (Bail) कैसे मिलती है?

सड़क मार्ग किसी एक व्यक्ति का नहीं होता कि वो उसे बाधित (Obstructed) करके अन्य वाहनों को आने जाने में समस्या उत्पन्न करें। इसलिए ऐसे अपराधों को रोकने के लिए बनाए गए नियमों (Rules) के बारे में हर जरुरी बातें जानने के लिए हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़े।


धारा 283 क्या है कब लगती है – IPC 283 in Hindi

भारतीय दंड संहिता की धारा 283 के अनुसार अगर कोई व्यक्ति किसी सार्वजनिक रास्ते (Public Transit) पर या किसी जलमार्ग (Waterway) पर किसी प्रकार की बाधा (Obstruction) उत्पन्न करता है या किसी भी सार्वजनिक सड़क को रोककर अपने कब्जे में करने की कोशिश करता है। जिसके कारण अन्य वाहनों को आने जाने में समस्या उत्पन्न होती है तो उस व्यक्ति पर IPC की धारा 283 के तहत कार्यवाही की जाती है।


आईपीसी धारा 283 के मुख्य तत्व/बातें:-

भारतीय दंड संहिता के Section 283 के तहत किए गए अपराध में ऐसी कौन सी मुख्य बातें होती है जो किसी व्यक्ति के द्वारा किए गए कार्य को एक अपराध व उस व्यक्ति को एक आरोपी बना सकती है आइये इसके बारे में बिल्कुल आसान भाषा में जानते है।

  • सड़क में बाधा डालना: लोगों के आने जाने के लिए बनाई गई सार्वजनिक सड़कों, गलियों या राजमार्गों (Highways) को बंद करने या उनके रास्ते को रोकने वालो पर इस सेक्शन 283 के तहत कार्यवाही की जाती है।
  • अनुचित या अनावश्यक रुकावट: किसी भी रास्ते में यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर रुकावट पैदा करता है तो ही उसके खिलाफ इस धारा के तहत कार्यवाही की जाती है।
  • यदि किसी व्यक्ति के पास रास्ते में रुकावट पैदा करने का सही या वैध कारण (Valid Reason) है तो वह Crime नहीं माना जाएगा जैसे यदि किसी सार्वजनिक गली या रोड पर किसी व्यक्ति की कार खराब हो जाती है तो वह अपराध नहीं माना जाएगा।
  • यदि कानूनी अनुमति (Legal Permission) प्राप्त लोगों के द्वारा किसी रास्ते को रोका जाता है तो उन पर भी इस धारा के तहत कार्यवाही नहीं की जा सकती।

जाने - धमकी देने पर लगने वाली धारा में सजा और जमानत


IPC Section 283 Crime Example

एक दिन साहिल अपनी गाड़ी से रोजाना की तरह अपने कार्यालय (Office) जा रहा था। उस अपने घर से निकले हुए कुछ समय ही हुआ था, अचानक वो देखता है कि उसके कार्यालय वाले रोड पर अपनी कुछ लड़के अपनी गाड़ी से रास्ते को रोक कर खड़े हुए थे।

जहाँ से और वाहन भी निकल नहीं पा रहे थे, लोगों के बोलने पर भी वो लड़के अपनी गाड़ी नहीं हटा रहे थे। साहिल कुछ समय तक यह सब देखता रहता है। कुछ समय बाद लोगों द्वारा शिकायत करने पर पुलिस वहाँ आती है, और उनको लड़कों को पकड़ कर IPC 283 के तहत कार्यवाही करती है।

धारा 283 में सजा – IPC 283 Punishment in Hindi

IPC Section 283 में सजा के प्रावधान (Provision) अनुसार जो कोई भी व्यक्ति किसी सार्वजनिक रास्ते पर बाधा उत्पन्न करने की कोशिश करता है, उसे दोषी (Guilty) पाए जाने पर 200 रुपये के जुर्माने से दंडित (Punished) किया जाता है।

लेकिन यदि वो व्यक्ति लोगों को आने जाने वाले रास्ते को रोकने के साथ-साथ किसी अन्य वाहन या संपत्ति को नुकसान पहुँचाता है या मारपीट करता है तो उस पर अन्य अपराधों के तहत भी कार्यवाही कर सजा दी जा सकती है।

आईपीसी धारा 283 का उल्लंघन करने वाले लोगों के लिए सजा से अलग और किन मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है?

अगर इस अपराध की सज़ा की बात की जाए तो इसमें 200 रुपये के जुर्माने से दंडित किया जाता है, परन्तु इसके अलावा भी कुछ ऐसे कानूनी प्रभाव (Legal Effect) हो सकते है। जो एक व्यक्ति के जीवन में बाद भी परेशानी का कारण बनते है। इसलिए आइये जानते है उन सभी परिणामों के बारे में।

  • कारावास: यदि कोई व्यक्ति सार्वजनिक सड़कों (Public Roads) को रोकने का दोषी (Guilty) पाया जाता है या उसके ऐसा करने से कोई और दुर्घटना (Accident) हो जाती है तो उस व्यक्ति को अपराध की गंभीरता (Nature of crime) के अनुसार कुछ महीनों से लेकर कुछ वर्षों की कारावास की सजा (Punishment of Imprisonment) से भी दंडित किया जा सकता है।
  • जुर्माना: यदि आरोपी व्यक्ति सड़कों में बाधा डालने के कारण आस-पास की किसी वस्तु को नुकसान पहुँचाता है तो उस पर लगने वाले जुर्माने को वस्तु के कीमत के हिसाब से बढ़ाया भी जा सकता है।
  • आपराधिक रिकॉर्ड: इस Crime के दोषी व्यक्ति का कानून (law) के कागजों में आपराधिक रिकार्ड (Criminal Record) बन जाता है, जिसके कारण उस व्यक्ति के आगे के भविष्य में रोजगार, सम्मान व अन्य कार्यों पर भी असर पड़ता है।
  • ड्राइविंग लाइसेंस पर प्रभाव: धारा 283 के इस अपराध के तहत दोषी पाये जाने वाले व्यक्ति का ड्राइविंग लाइसेंस (Driving licence) निलंबित या रद्द भी किया जा सकता है।

इसके अलावा एक बार जेल या कारावास की Punishment पाने वाले व्यक्ति को समाज के द्वारा भी बहुत ही बुरी नजर से देखा जाता है। वह आपके द्वारा किए गए Crime को नहीं देखते कि आपने छोटा अपराध किया है या बड़ा वह केवल यह देखते है कि यह व्यक्ति जेल से आया है, तो इसका भी एक व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर पड़ता है। इसलिए कोई भी ऐसा कार्य ना करें जिसकी वजह से आपको व आपके परिवार को परेशानी का सामना करना पड़े।



IPC 283 में जमानत (Bail) कब और कैसे मिलती है

भारतीय दंड संहिता के सेक्शन 283 के अंतर्गत आने वाला यह अपराध एक संज्ञेय अपराध (Cognizable offence) की श्रेणी माना जाता है। संज्ञेय होने के कारण जो भी व्यक्ति इस अपराध को करने का आरोपी (Accused) पाया जाता है, पुलिस उसे बिना किसी अनुमति के गिरफ्तार (Arrest) कर सकती है।

धारा 283 का यह अपराध एक जमानती अपराध (Bailable offence) होता है, जिसमें आरोपी व्यक्ति को जमानत मिल जाती है। यह अपराध किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय (Triable) होता है। IPC Section 283 के तहत आने वाला यह अपराध समझौते (Non Compoundable) के योग्य नहीं होता।


धारा 283 में बचाव के लिए कुछ जरुरी बातें

लोगों के आने जाने के लिए बनाए गए रास्तों पर किसी भी प्रकार से बाधा उत्पन्न करना अपराध तो होता ही है, लेकिन ऐसा करने से किसी व्यक्ति की जान भी जा सकती है। सार्वजनिक रास्तों को रोकने से एम्बुलेंस (Ambulance) जैसे वाहनों को भी आने जाने में समस्या आने पर उसमें जा रहे मरीज (Patient) की जान भी जा सकती है। इसलिए कभी-भी इस प्रकार का अपराध ना करें।

  • लोगों के आने जाने वाले रास्ते पर अपना कोई भी वाहन गलत तरीके से ना खड़ा करें।
  • रास्ते में अपने पीछे आ रहे वाहनों को रास्ता ना देना और जानबूझकर बहुत धीमी गति से वाहन ना चलाएं।
  • किसी भी सार्वजनिक रास्ते पर पेड़ काटने के डालना, बहुत सारा कूड़ा डालना, पत्थरों से रोकना जैसा कोई भी कार्य ना करें।
  • लोगों के आवगमन वाले रास्तों पर इंटे, सीमेंट, या अन्य सामान रखकर रास्ते को रोकने की कोशिश ना करें।
  • बिना अधिकारियों की अनुमति के रास्तों पर गैर-कानूनी (Illegal) तरीके से धरने के लिए ना बैठे।

ऐसी ही कुछ जरुरी बातों का ध्यान रख कर आप धारा 283 का अपराध करने व इस अपराध की सजा के जुर्माने से बच सकते है। इस तरह की आवश्यक जानकारी को अन्य लोगों तक शेयर कर उन्हें भी जागरुक करें।

कुछ अन्य महतवपूर्ण आईपीसी सेक्शन:

Offence : किसी भी सार्वजनिक तरीके या नेविगेशन की लाइन में खतरे, बाधा या चोट के कारण


Punishment : जुर्माना


Cognizance : संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट



आईपीसी धारा 283 को बीएनएस धारा 285 में बदल दिया गया है।



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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल


आईपीसी धारा 283 क्या है?

IPC Section 283 सार्वजनिक रास्तों या पानी में चलने वाले जहाजों के रास्ते में में खतरा या बाधा पैदा करने के अपराध से संबंधित है, जिसके कारण अन्य लोगों को परेशानी हो सकती है और इसके कारण कोई हादसा भी हो सकता है।


सार्वजनिक मार्ग या नेविगेशन लाइन क्या होती है?

सार्वजनिक मार्ग उस स्थान को कहा जाता है जो जनता के लिए खुला है, जैसे सड़कें, राजमार्ग, फुटपाथ, या जनता के आने जाने के लिए बनाया गया कोई अन्य क्षेत्र। नेविगेशन उसे कहा जाता है जो पानी से जाने वाला रास्ता होता है जैसे नदियाँ, नहरें, या परिवहन के लिए उपयोग किया जाने वाला कोई अन्य रास्ता।


आईपीसी की धारा 283 के तहत अपराध करने की सजा क्या हैं?

भारतीय दंड संहिता की धारा 283 के तहत अपराध करने पर दोषी व्यक्ति को 200 रुपये का जुर्माना व अपराध की गंभीरता के अनुसार कैद की सजा भी दी जा सकती है। जो कुछ महीनों से लेकर कुछ वर्षों की भी हो सकती है।  


किसी व्यक्ति के आने जाने के रास्ते को रोकने पर कौन सी धारा लगती है?

यदि आप किसी व्यक्ति को सार्वजनिक रास्ते पर आने जाने से रोकते है या उसके मार्ग में बाधा पैदा करते है तो आप पर IPC Section 283 के तहत कार्यवाही की जा सकती है।