IPC 498 in Hindi - धारा 498

अपडेट किया गया: 01 Mar, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 498 का विवरण
  2. धारा 498 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 498 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 498 के अनुसार जो भी कोई किसी विवाहित स्त्री को, जो किसी अन्य पुरुष की पत्नी है, और जिसका अन्य पुरुष की पत्नी होना वह जानता है, या विश्वास करने का कारण रखता है, उस पुरुष के पास से, या किसी ऐसे व्यक्ति के पास से, जो उस पुरुष की ओर से उस स्त्री की देखरेख करता है, को फुसलाकर इस आशय से ले जाए या छिपाए या उस स्त्री को निरुद्ध करे, कि वह स्त्री किसी अन्य व्यक्ति के साथ अवैध संभोग करे, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दंड, या दोनों से दंडित किया जाएगा।

लागू अपराध
विवाहित स्त्री को आपराधिक आशय से फुसलाकर ले जाना, या निरुद्ध रखना।
सजा - दो वर्ष कारावास या आर्थिक दंड या दोनों।

यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

यह अपराध पीड़ित पति और पत्नी के द्वारा समझौता करने योग्य है।

Offence : मोहक या दूर ले जा या एक आपराधिक इरादे के साथ नजरबंद एक विवाहित महिला


Punishment : 2 साल और जुर्माना


Cognizance : गैर - संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट





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IPC धारा 498 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 498 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 498 अपराध : मोहक या दूर ले जा या एक आपराधिक इरादे के साथ नजरबंद एक विवाहित महिला



आई. पी. सी. की धारा 498 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 498 के मामले में 2 साल और जुर्माना का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 498 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 498 गैर - संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 498 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 498 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 498 जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 498 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 498 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।