धारा 432 आईपीसी - IPC 432 in Hindi - सजा और जमानत - लोक जल निकास में नुकसानप्रद जलप्लावन या बाधा कारित करने द्वारा रिष्टि

अपडेट किया गया: 01 Apr, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 432 का विवरण
  2. धारा 432 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 432 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 432 के अनुसार जो कोई किसी ऐसे कार्य के करने द्वारा रिष्टि करेगा, जिससे किसी लोक जलनिकास में क्षतिप्रद या नुकसानप्रद जलप्लावन या बाधा कारित हो जाए, या होना वह सम्भाव्य जानता हो, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि पांच वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।

Offence : जलभराव या सार्वजनिक जल निकासी में बाधा के कारण शरारत नुकसान के साथ भाग लिया


Punishment : 5 साल या जुर्माना या दोनों


Cognizance : संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट





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IPC धारा 432 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 432 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 432 अपराध : जलभराव या सार्वजनिक जल निकासी में बाधा के कारण शरारत नुकसान के साथ भाग लिया



आई. पी. सी. की धारा 432 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 432 के मामले में 5 साल या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 432 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 432 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 432 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 432 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 432 जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 432 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 432 के मामले को कोर्ट प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।