धारा 408 आईपीसी - IPC 408 in Hindi - सजा और जमानत - लिपिक या सेवक द्वारा विश्वास का आपराधिक हनन
अपडेट किया गया: 01 Apr, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
धारा 408 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 408 के अनुसार जो कोई लिपिक या सेवक के रूप में नियुक्त या लिपिक या सेवक होने के नाते किसी प्रकार की संपत्ति से जुड़ा है या संपत्ति पर कोई भी प्रभुत्व होते हुए उस संपत्ति के विषय में विश्वास का आपराधिक हनन करता है, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे सात वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा।लागू अपराध
लोक सेवक या बैंक कर्मचारी, व्यापारी या अभिकर्ता द्वारा विश्वास का आपराधिक हनन।
सजा - सात वर्ष कारावास और आर्थिक दण्ड।
यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध न्यायालय की अनुमति से पीड़ित व्यक्ति (संपत्ति का स्वामी जिसके विषय में विश्वासघात हुआ हो) द्वारा समझौता करने योग्य है।
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
---|---|---|---|---|
क्लर्क या नौकर द्वारा विश्वास का आपराधिक उल्लंघन | 7 साल + जुर्माना | संज्ञेय | गैर जमानतीय | प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट |
Offence : क्लर्क या नौकर द्वारा विश्वास का आपराधिक उल्लंघन
Punishment : 7 साल + जुर्माना
Cognizance : संज्ञेय
Bail : गैर जमानतीय
Triable : प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट
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IPC धारा 408 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आई. पी. सी. की धारा 408 के तहत क्या अपराध है?
आई. पी. सी. धारा 408 अपराध : क्लर्क या नौकर द्वारा विश्वास का आपराधिक उल्लंघन
आई. पी. सी. की धारा 408 के मामले की सजा क्या है?
आई. पी. सी. की धारा 408 के मामले में 7 साल + जुर्माना का प्रावधान है।
आई. पी. सी. की धारा 408 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 408 संज्ञेय है।
आई. पी. सी. की धारा 408 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?
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आई. पी. सी. की धारा 408 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 408 गैर जमानतीय है।
आई. पी. सी. की धारा 408 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?
आई. पी. सी. की धारा 408 के मामले को कोर्ट प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।