धारा 342 आईपीसी - IPC 342 in Hindi - सजा और जमानत - ग़लत तरीके से प्रतिबंधित करने के लिए दण्ड।

अपडेट किया गया: 01 Mar, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 342 का विवरण
  2. धारा 342 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 342 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 342 के अनुसार जो भी कोई किसी व्यक्ति को ग़लत तरीके से प्रतिबंधित करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या एक हजार रुपए तक का आर्थिक दण्ड या दोनों से दण्डित किया जाएगा।

लागू अपराध
किसी व्यक्ति को ग़लत तरीके से प्रतिबंधित करना।
सजा - एक वर्ष कारावास या एक हजार रुपए जुर्माना या दोनों।
यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी न्यायाधीश द्वारा विचारणीय है।

यह अपराध पीड़ित व्यक्ति (जिसे परिरुद्ध किया गया है) द्वारा समझौता करने योग्य है।

Offence : गलत तरीके से किसी भी व्यक्ति को सीमित करना


Punishment : 1 वर्ष या जुर्माना या दोनों


Cognizance : संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट





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IPC धारा 342 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 342 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 342 अपराध : गलत तरीके से किसी भी व्यक्ति को सीमित करना



आई. पी. सी. की धारा 342 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 342 के मामले में 1 वर्ष या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 342 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 342 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 342 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 342 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 342 जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 342 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 342 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।