रैश ड्राइविंग की धारा 279 में सजा और जमानत | IPC 279 in Hindi

अपडेट किया गया: 01 Apr, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

दोस्तों जिस प्रकार हमारे देश में वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है। उसी प्रकार वाहनों द्वारा सड़क हादसों से जुड़े आकँड़ो में बढ़त देखने को मिल रही है। कुछ लोग बहुत ही लापरवाही से वाहनों को चलाते है। जिससे किसी अन्य व्यक्ति को चोट लगने का भय बना रहता है। लापरवाही से वाहन चलाना ना केवल किसी के साथ हादसे का कारण बन सकता है। ब्लकि आपके द्वारा ऐसा करने से आपको भारतीय कानून के अंतर्गत सजा भी मिल सकती है। आज के लेख द्वारा हम ऐसी ही कानून की धारा के बारे में बात करेंगे की भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत आने वाली आईपीसी धारा 279 क्या है (IPC Section 279 in Hindi), ये धारा कब लगती है? इस मामले में सजा और जमानत कैसे मिलती है।

हमारे दैनिक जीवन में किए जाने वाले कुछ काम किस प्रकार से हमारे लिए मुसीबत का कारण बन सकते है। आज के लेख में हम इसी विषय पर गहनता से बात करेंगे। अगर आप आईपीसी सेक्शन 279 के बारे में स्पष्ट व सरल रुप से जानना चाहते है तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़े।


IPC Section 279 in Hindi - आईपीसी धारा 279 क्या है

आईपीसी की धारा 279 के अधिनियम अनुसार जो भी व्यक्ति अपने किसी भी वाहन को सार्वजनिक मार्ग (Public way) पर बहुत ही तेज गति से चलाता है या लापरवाही से चलाता है। जिससे किसी दूसरे व्यक्ति को चोट पहुँचने की संभावना बन जाए। इस प्रकार गलत तरीके से वाहन चलाने वाले व्यक्ति पर IPC Section 279 के तहत मुकदमा दर्ज (Court case) कर कार्यवाही की जाती है।

लापरवाही से वाहन चलाना (Rash Driving) किसी भी बड़ी दुर्घटना (Accident) का कारण बन सकता है। जिसके लिए भारतीय संविधान द्वारा कानून बनाए गए है। जिसके द्वारा ऐसे लोगों को सजा दी जाती है। जो लापरवाही से वाहन चलाते है। इस तरह के कार्य से किसी व्यक्ति की जान भी जा सकती है। इसलिए हमेशा वाहन चलाते समय लापरवाही करने से बचे।


आईपीसी धारा 279 कब लगती है

  • इस धारा का इस्तेमाल तब किया जाता है। जब कोई व्यक्ति किसी भीड़ वाली जगह पर बहुत तेज गति से वाहन चला रहा हो।
  • गाड़ी चलाते समय ध्यान कही और रखना जिसकी वजह से गाड़ी से किसी को चोट लगने के हालात पैदा हो जाए।
  • गाड़ी चलाते समय फोन पर किसी से बात करना, जिससे कोई एक्सीडेंट हो सकता हो।
  • इसके साथ ही अन्य कोई भी ऐसा कारण जिसकी वजह से आपके वाहन के कारण किसी व्यक्ति को चोट लग सकती है और आप पर इस धारा 279 के तहत कार्यवाही की जा सकती है।

आईपीसी सेक्शन 279 के अपराध का उदाहरण

एक दिन कपिल पैदल अपने घर पर जा रहा था। अचानक रास्ते में एक कार बहुत ही तेज रफ्तार से कपिल के पास से गुजरती है। जिसकी वजह से कपिल को हल्की सी साइड़ लग जाती है और वो वही गिर जाता है। कपिल उस गाड़ी का न0 पढ़ लेता है। उसके बाद कपिल पुलिस के पास जाता है और लापरवाही से गाड़ी चला रहे व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दैता है। पुलिस कपिल की शिकायत पर उस व्यक्ति के खिलाफ लापरवाही से गाड़ी चलाने की IPC 279 के तहत शिकायत दर्ज कार्यवाही करती है।

धारा 279 में सजा – Punishment in IPC 279

भारतीय दंड संहिता की धारा 279 में सजा के प्रावधान अनुसार यदि कोई व्यक्ति किसी सार्वजनिक जगह पर तेज गति से या लापरवाही से गाड़ी चलाने का दोषी पाया जाता है। ऐसा अपराध करने वाले व्यक्ति को 6 महीने तक की कारावास (Six months imprisonment in Section 279) या जुर्माना या दोनों से दंड़ित किया जा सकता है।


धारा 279 में जमानत - IPC 279 bailable or not?

IPC की धारा 279 के तहत बताया गया है कि लापरवाही से वाहन चलाना एक संज्ञेय अपराध (Cognizable offence) माना जाता है। लेकिन धारा 279 के मामले का यह अपराध संज्ञेय अपराध होते हुए भी यह एक जमानती अपराध (Bailable offence) माना जाता है। जिसमें आरोपी को जमानत (bail) मिल जाती है। लेकिन यह अपराध समझौते के लायक नहीं माना जाता। इस तरह के मामलों में भी आपको एक वकील की आवश्यकता पड़ती है। जो आपका सही मार्गदर्शन करेगा व आपको जमानत दिलाने में आपकी पूरी मदद करेगा।

इस अपराध में जमानत आसानी से मिल जाती है। इसका यह मतलब नहीं है कि कोई भी व्यक्ति कानून का सही ढंग से पालन नहीं करेगा। किसी भी काम में लापरवाही करना ना सिर्फ आपके लिए ब्लकि किसी दूसरे व्यक्ति के लिए भी बड़ी समस्या का कारण बन सकता है। इसलिए हमेशा यातायात के लिए बनाए गए कानूनों का पालन करें। यदि आपकी लापरवाही के कारण किसी व्यक्ति की जान चली जाती है तो आपकी सजा को और भी बढ़ाया जा सकता है।


IPC 279 से बचाव के लिए सावधानियां

बहुत बार ऐसा देखा जाता होता है जब किसी भी कारण से हमें जल्दबाजी में कही जाना होता है। ऐसी परिस्थिति में हम अपने वाहन को बहुत ही तेज गति से चलाते है या कुछ मामलों में देखा जाता है कि किसी पदार्थ के नशे में वाहन चलाने के कारण हमारी वजह से किसी व्यक्ति को चोट लग जाती है। इस प्रकार हम ऐसे मामलों के अपराध के दोषी बन जाते है। जिसके बाद बहुत सारी समस्याओ का सामना करना पड़ता है। इसलिए आज हम आपको धारा 279 से बचाव की आवश्यक बातों के बारे में बताएंगे।

  • गाड़ी या कोई भी वाहन चलाते समय सड़क हादसों से बचाव के लिए बनाए गए सभी कानूनों का पालन करें।
  • वाहन चलाते समय कभी भी मोबाइल का प्रयोग ना करें।
  • नशे की हालत में गाड़ी चलाने से अपना बचाव करें। नशे में गाड़ी चलाना किसी बड़े हादसे का कारण बन सकता है।
  • किसी भी भीड-भाड़ वाली जगह पर तेज गाड़ी ना चलाए।
  • यदि कभी गलती से आपके वाहन के कारण किसी व्यक्ति को चोट लग जाती है। उस स्थिति में उस व्यक्ति की मदद करें। उस व्यक्ति को हस्पताल लेकर जाएं व उसका इलाज करवाए।
  • अगर आप पर किसी कारणवश धारा 279 के तहत मुकदमा दर्ज होता है तो सबसे पहले किसी वकील की सहायता ले। जो आपको जमानत दिलाकर जेल जाने से बचाएगा।
  • वैसे तो इस प्रकार के मामले समझौते के लायक नहीं होते लेकिन यदि आप पीडित व्यक्ति का समय पर इलाज करवा दे और अपनी गलती मान ले तो आपसी सहमति से इस तरह के मामलों से बचा जा सकता है।

हमेशा अपने आस पास के लोगों को इस प्रकार के मामलों से बचाव करने के लिए जागरुक करें। आपके हित के लिए बनाए गए सभी कानूनों का पालन करें। अपने अधिकारों के लिए बनाए गए सभी कानूनों की जानकारी रख कर ही सभी प्रकार के अपराधों को करने से बचा सकता

Offence : मानव जीवन को खतरे में डालने के लिए इतनी जल्दबाजी या लापरवाही से सार्वजनिक तरीके से ड्राइविंग या सवारी करना आदि


Punishment : 6 महीने या जुर्माना या दोनों


Cognizance : संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट





आईपीसी धारा 279 शुल्कों के लिए सर्व अनुभवी वकील खोजें

IPC धारा 279 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 279 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 279 अपराध : मानव जीवन को खतरे में डालने के लिए इतनी जल्दबाजी या लापरवाही से सार्वजनिक तरीके से ड्राइविंग या सवारी करना आदि



आई. पी. सी. की धारा 279 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 279 के मामले में 6 महीने या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 279 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 279 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 279 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

आई. पी. सी. की धारा 279 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।



आई. पी. सी. की धारा 279 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 279 जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 279 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 279 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।