धारा 200 आईपीसी - IPC 200 in Hindi - सजा और जमानत - ऐसी घोषणा का मिथ्या होना जानते हुए सच्ची के रूप में प्रयोग करना।

अपडेट किया गया: 01 Mar, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 200 का विवरण
  2. धारा 200 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 200 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 200 के अनुसार जो कोई किसी ऐसी घोषणा को, यह जानते हुए कि वह किसी वस्तुगत अर्थ के संबंध में मिथ्या है, सच्ची घोषणा के रूप में भ्रष्टतापूर्वक उपयोग में लाता है, या उपयोग में लाने का प्रयत्न करता है, तो उसे झूठा साक्ष्य देने के लिए दण्डित किया जाएगा ।

स्पष्टीकरण--कोई घोषणा, जो केवल किसी अप्ररूपिता के आधार पर अग्राह्य है, धारा 199 और धारा 200 के अर्थ के अंतर्गत घोषणा है ।

लागू अपराध
घोषणा जिसका मिथ्या होना ज्ञात है, सच्ची के रूप में प्रयोग करना।
सजा - झूठा साक्ष्य देने के लिए उपबंधित।
यह अपराध जमानती, गैर-संज्ञेय है तथा अदालती कार्रवाई झूठा साक्ष्य देने के अपराध अनुसार होगी।

यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

Offence : सच के रूप में इस तरह के किसी भी घोषणा को झूठे के रूप में उपयोग करना


Punishment : झूठी साक्ष्य के लिए के रूप में


Cognizance : गैर - संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : झूठे साक्ष्य के लिए के रूप में





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IPC धारा 200 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 200 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 200 अपराध : सच के रूप में इस तरह के किसी भी घोषणा को झूठे के रूप में उपयोग करना



आई. पी. सी. की धारा 200 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 200 के मामले में झूठी साक्ष्य के लिए के रूप में का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 200 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 200 गैर - संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 200 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 200 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 200 जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 200 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 200 के मामले को कोर्ट झूठे साक्ष्य के लिए के रूप में में पेश किया जा सकता है।