धारा 178 आईपीसी - IPC 178 in Hindi - सजा और जमानत - शपथ या प्रतिज्ञान से इंकार करना, जबकि लोक सेवक द्वारा वह वैसा करने के लिए सम्यक् रूप से अपेक्षित किया जाए

अपडेट किया गया: 01 Mar, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 178 का विवरण
  2. धारा 178 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 178 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 178 के अनुसार जो कोई सत्य कथन करने के लिए शपथ 6[या प्रतिज्ञान] द्वारा अपने आप को आबद्ध करने से इंकार करेगा, जबकि उससे अपने को इस प्रकार आबद्ध करने की अपेक्षा ऐसे लोक सेवक द्वारा की जाए जो यह अपेक्षा करने के लिए वैध रूप से सक्षम हो कि वह व्यक्ति इस प्रकार अपने को आबद्ध करे, वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।

Offence : लोक सेवक द्वारा शपथ लेने की विधिवत आवश्यकता होने पर शपथ लेना


Punishment : 6 महीने के लिए साधारण कारावास या जुर्माना या दोनों


Cognizance : असंज्ञेय


Bail : जमानती


Triable : जिस कोर्ट में अपराध किया गया है, पाठ XXVI, के अधीन; या किसी न्यायालय में नहीं किया गया है, तो किसी भी मजिस्ट्रेट के पास





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IPC धारा 178 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 178 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 178 अपराध : लोक सेवक द्वारा शपथ लेने की विधिवत आवश्यकता होने पर शपथ लेना



आई. पी. सी. की धारा 178 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 178 के मामले में 6 महीने के लिए साधारण कारावास या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 178 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 178 असंज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 178 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 178 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 178 जमानती है।



आई. पी. सी. की धारा 178 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 178 के मामले को कोर्ट जिस कोर्ट में अपराध किया गया है, पाठ XXVI, के अधीन; या किसी न्यायालय में नहीं किया गया है, तो किसी भी मजिस्ट्रेट के पास में पेश किया जा सकता है।