धारा 176 आईपीसी - IPC 176 in Hindi - सजा और जमानत - सूचना या इत्तिला देने के लिए कानूनी तौर पर आबद्ध व्यक्ति द्वारा लोक सेवक को सूचना या इत्तिला देने का लोप।

अपडेट किया गया: 01 Apr, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 176 का विवरण
  2. धारा 176 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 176 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 176 के अनुसार जो भी कोई किसी लोक सेवक को, ऐसे लोक सेवक के नाते किसी विषय पर कोई सूचना देने या इत्तिला देने के लिए कानूनी तौर पर आबद्ध होते हुए, विधि द्वारा अपेक्षित प्रकार से और समय पर ऐसी सूचना या इत्तिला देने का साशय लोप करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए सादा कारावास की सजा, जिसे एक महीने तक बढ़ाया जा सकता है, या पांच सौ रुपए तक का आर्थिक दण्ड या दोनों से दण्डित किया जाएगा,
अथवा, यदि दी जाने वाली अपेक्षित सूचना या इत्तिला किसी अपराध के किए जाने के विषय में हो, या किसी अपराध के किए जाने का निवारण करने के प्रयोजन से या किसी अपराधी को पकड़ने के लिए अपेक्षित हो, तो उसे किसी एक अवधि के लिए सादा कारावास की सजा, जिसे छह महीने तक बढ़ाया जा सकता है, या एक हजार रुपए तक का आर्थिक दण्ड या दोनों से दण्डित किया जाएगा,
अथवा, यदि दी जाने के लिए अपेक्षित सूचना या इत्तिला आपराधिक दण्ड संहिता, 1898 (1898 का 5) की धारा 565 की उपधारा (1) के अधीन दिए गए आदेश द्वारा अपेक्षित है, तो उसे किसी एक अवधि के लिए सादा कारावास की सजा, जिसे छह महीने तक बढ़ाया जा सकता है, या एक हजार रुपए तक का आर्थिक दण्ड या दोनों से दण्डित किया जाएगा।

लागू अपराध
1. सूचना या इत्तिला देने के लिए कानूनी तौर पर आबद्ध व्यक्ति द्वारा लोक सेवक को सूचना या इत्तिला देने का साशय लोप।
सजा - एक महीने कारावास या पांच सौ रुपए आर्थिक दण्ड या दोनों।
यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है और किसी भी मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

2. यदि दी जाने वाली अपेक्षित सूचना या इत्तिला किसी अपराध होने के विषय में हो।
सजा - छह महीने कारावास या एक हजार रुपए रुपए आर्थिक दण्ड या दोनों।
यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है और किसी भी मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

3. यदि दी जाने वाली अपेक्षित सूचना या इत्तिला इस संहिता की धारा 565 की उपधारा (1) के अधीन दिए गए आदेश द्वारा अपेक्षित है।
सजा - छह महीने कारावास या एक हजार रुपए रुपए आर्थिक दण्ड या दोनों।
यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है और किसी भी मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

Offence : जानबूझकर किसी व्यक्ति द्वारा किसी लोक सेवक को नोटिस या सूचना देने के लिए बाध्य करना कानूनी रूप से ऐसी सूचना या सूचना देने के लिए बाध्य है


Punishment : 1 महीने के लिए साधारण कारावास या जुर्माना या दोनों


Cognizance : असंज्ञेय


Bail : जमानती


Triable : किसी भी मजिस्ट्रेट



Offence : यदि आवश्यक सूचना या सूचना एक अपराध के आयोग का सम्मान करती है, आदि


Punishment : 6 महीने के लिए साधारण कारावास या जुर्माना या दोनों


Cognizance : असंज्ञेय


Bail : जमानती


Triable : किसी भी मजिस्ट्रेट



Offence : यदि इस कोड की धारा 356 की उप-धारा 1 के तहत पारित आदेश द्वारा नोटिस या सूचना आवश्यक है


Punishment : 6 महीने की जेल या जुर्माना या दोनों


Cognizance : असंज्ञेय


Bail : जमानती


Triable : किसी भी मजिस्ट्रेट





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IPC धारा 176 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 176 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 176 अपराध : जानबूझकर किसी व्यक्ति द्वारा किसी लोक सेवक को नोटिस या सूचना देने के लिए बाध्य करना कानूनी रूप से ऐसी सूचना या सूचना देने के लिए बाध्य है



आई. पी. सी. की धारा 176 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 176 के मामले में 1 महीने के लिए साधारण कारावास या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 176 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 176 असंज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 176 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 176 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 176 जमानती है।



आई. पी. सी. की धारा 176 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 176 के मामले को कोर्ट किसी भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।