धारा 459 आईपीसी - IPC 459 in Hindi - सजा और जमानत - प्रच्छन्न गॄह-अतिचार या गॄह-भेदन करते समय घोर उपहति कारित हो

अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 459 का विवरण
  2. धारा 459 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 459 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 459 के अनुसार जो कोई प्रच्छन्न गॄह-अतिचार या गॄह-भेदन करते समय किसी व्यक्ति को घोर उपहति कारित करेगा या किसी व्यक्ति की मॄत्यु या घोर उपहति कारित करने का प्रयत्न करेगा, वह 1[आजीवन कारावास] से, या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।

Offence : गुप्त घर-अतिचार या घर तोड़ने के दौरान गंभीर चोट का कारण बना


Punishment : आजीवन कारावास या 10 साल + जुर्माना


Cognizance : संज्ञेय


Bail : गैर जमानतीय


Triable : सत्र न्यायालय



आईपीसी धारा 459 को बीएनएस धारा 331 में बदल दिया गया है।



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IPC धारा 459 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 459 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 459 अपराध : गुप्त घर-अतिचार या घर तोड़ने के दौरान गंभीर चोट का कारण बना



आई. पी. सी. की धारा 459 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 459 के मामले में आजीवन कारावास या 10 साल + जुर्माना का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 459 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 459 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 459 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 459 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 459 गैर जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 459 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 459 के मामले को कोर्ट सत्र न्यायालय में पेश किया जा सकता है।