धारा 449 आईपीसी - IPC 449 in Hindi - सजा और जमानत - मॄत्यु से दंडनीय अपराध को रोकने के लिए गॄह-अतिचार

अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 449 का विवरण
  2. धारा 449 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 449 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 449 के अनुसार जो कोई मॄत्यु से दंडनीय कोई अपराध करने के लिए गॄह-अतिचार करेगा, वह 1[आजीवन कारावास] से, या कठिन कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष से अधिक नहीं होगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।

Offence : मौत से दंडनीय अपराध के आयोग के आदेश में घर-अतिचार


Punishment : आजीवन कारावास या 10 साल के लिए कठोर कारावास + जुर्माना


Cognizance : संज्ञेय


Bail : गैर जमानतीय


Triable : सत्र न्यायालय



आईपीसी धारा 449 को बीएनएस धारा 332 में बदल दिया गया है।



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IPC धारा 449 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 449 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 449 अपराध : मौत से दंडनीय अपराध के आयोग के आदेश में घर-अतिचार



आई. पी. सी. की धारा 449 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 449 के मामले में आजीवन कारावास या 10 साल के लिए कठोर कारावास + जुर्माना का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 449 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 449 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 449 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 449 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 449 गैर जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 449 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 449 के मामले को कोर्ट सत्र न्यायालय में पेश किया जा सकता है।