धारा 448 आईपीसी - IPC 448 in Hindi - सजा और जमानत - गॄह-अतिचार के लिए दण्ड।

अपडेट किया गया: 01 Apr, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 448 का विवरण
  2. धारा 448 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 448 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 448 के अनुसार जो कोई गॄह-अतिचार करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, एक हजार रुपए तक का आर्थिक दण्ड, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।

लागू अपराध
गॄह-अतिचार
सजा - एक वर्ष कारावास, या एक हजार रुपए तक का आर्थिक दण्ड, या दोनों।
यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मॅजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

यह अपराध पीड़ित व्यक्ति (जिसकी संपत्ति पर अतिचार हुआ हो) द्वारा समझौता करने योग्य है।

Offence : हाउस-अतिचार


Punishment : 1 वर्ष या जुर्माना या दोनों


Cognizance : संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट





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IPC धारा 448 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 448 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 448 अपराध : हाउस-अतिचार



आई. पी. सी. की धारा 448 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 448 के मामले में 1 वर्ष या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 448 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 448 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 448 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 448 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 448 जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 448 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 448 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।