IPC 372 373 in Hindi - वेश्यावॄत्ति के लिए लड़की बेचने खरीदने की धारा
अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
विषयसूची
- धारा 372 क्या है कब लगती है ? IPC 372 in Hindi
- धारा 373 क्या है कब लगती है - IPC 373 in Hindi
- IPC Section 372 Crime Example
- धारा 372 में सजा ? IPC 372 Punishment in Hindi
- IPC 372 में बेल कब और कैसे मिलती है
- आईपीसी धारा 372 व धारा 373 में अंतर
- IPC Section 372 व IPC 373 में जानने योग्य कुछ जरुरी बातें
- धारा 372 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
वेश्यावृत्ति (Prostitution) एक ऐसा कार्य है जिसमें काम करने वाली ज्यादातर महिलाएं अपनी किसी मजबूरी या अपना घर के हालातों के कारण जाती है, लेकिन आज के समय में ऐसे मामले सामने आ रहे है। जिनमें नाबालिग लड़कियों को जबरदस्ती वेश्यावृत्ति जैसा धंधा करने वाले लोगों को बेच दिया जाता है। इसलिए आज के लेख में हम भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत आने वाली ऐसे ही कानून की धारा के बात करेंगे कि धारा 372 और 373 क्या है ये धारा कब लगती है? IPC 372 373 के मामले में सजा और जमानत (Bail) कैसे मिलती है?
आज हम इसी बारे में जानेंगे की कैसे 18 वर्ष से भी कम उम्र की लड़कियाँ इस तरह के अपराध का शिकार हो रही है। इस प्रकार के अपराध से बचने के लिए सभी लोगों का सचेत रहना बहुत जरुरी है। इसलिए IPC Section 372, 373 के हमारे इस आर्टिकल से जुड़ी हर जरुरी जानकारी प्राप्त करने के लिए इसे पूरा पढ़े।
धारा 372 क्या है कब लगती है – IPC 372 in Hindi
भारतीय दंड संहिता की धारा 372 में बताया गया है कि जो कोई भी व्यक्ति किसी नाबालिग लड़की (Minor Girl) को किसी ऐसे व्यक्ति को बेच देता है, जो उस लड़की को वेश्यावृत्ति के काम के लिए इस्तेमाल (Use for prostitution work) करता है। इस प्रकार का घिनौना अपराध (heinous crime) करने वाले व्यक्ति पर IPC की धारा 372 के तहत केस दर्ज कर सजा के लिए आगे की कार्यवाही की जाती है।
इसी प्रकार यदि कोई व्यक्ति 18 वर्ष से कम उम्र की किसी भी लड़की को किसी अन्य व्यक्ति के साथ संभोग करने के लिए भाड़े (कुछ समय के लिए) पर दे देता है तो उस व्यक्ति पर भी इन सेक्शन के तहत कार्यवाही की जाती है।
IPC Section 372 Crime Example
एक बार एक लड़की के माता पिता की मृत्यु हो जाती है उस समय उस लड़की की उम्र केवल 15 वर्ष होती है। एक दिन उस लड़की का चाचा उसके पास आता है और उसे अपने साथ ले जाता है। उसके बाद वो व्यक्ति उस लड़की को ऐसे व्यक्ति को बेच देता है जो लड़कियों से वेश्यावृत्ति का काम करवाते थे।
उसके कुछ दिन बाद जब लड़की का कोई अन्य रिश्तेदार उसके चाचा के पास जाता है तो उसे सभी बातों का पता चलता है। जिसके बाद वो व्यक्ति उस लड़की के चाचा को पुलिस में पकड़वा देता है, पुलिस लड़की को वापिस लेकर आती है और उसके चाचा के खिलाफ नाबालिग लड़की को वेश्यावृत्ति के लिए बेचने की धारा 372 के तहत कार्यवाही करती है।
धारा 372 में सजा – IPC 372 Punishment in Hindi
आईपीसी की धारा 372 में सजा के प्रावधान अनुसार यदि कोई व्यक्ति किसी नाबालिग को वेश्यावृत्ति का धंधा करने वाले लोगों को बेचता है या ऐसे गलत कार्यों के लिए किराये पर देता है। ऐसा अपराध करने वाले दोषी व्यक्ति को न्यायालय द्वारा 10 वर्ष तक की कारावास (jail) व जुर्माने (Fine) से दंडित किया जाता है।
IPC 372 में बेल कब और कैसे मिलती है
भारतीय दंड संहिता की धारा 372 के तहत आने वाला यह अपराध एक संज्ञेय श्रेणी का अपराध (Cognizable offence) कहलाता है। संज्ञेय अपराध गंभीर अपराधों को कहा जाता है इसके साथ ही यह एक गैर-जमानती अपराध (Non-bailable offence) होता है। इस धारा के तहत अपराध करने वाले व्यक्ति को पुलिस किसी भी समय बिना किसी अनुमति के गिरफ्तार (Arrest) कर सकती है।
इस अपराध के आरोपी व्यक्ति को न्यायालय (Court) में पेश कर सीधा जेल में भेज दिया जाता है। जिसके बाद आरोपी व्यक्ति को जमानत (Bail) ना मिलने के कारण पूरी कानूनी कार्यवाही के दौरान भी जेल में ही रहना पड़ता है। Section 372 का यह अपराध सत्र न्यायालय के द्वारा विचारणीय (Triable by court of Session) होता है। इस प्रकार के अपराध किसी भी प्रकार से समझौते (Non compoundable) नहीं किया जा सकता।
इस अपराध के आरोपी व्यक्ति को भी एक वकील की आवश्यकता पड़ती है। यदि कोई व्यक्ति निर्दोष है तो वह किसी होनहार वकील की मदद से अपने बेगुनाही के सबूत न्यायालय में पेश कर इस केस की सजा से बच सकता है।
धारा 373 क्या है कब लगती है - IPC 373 in Hindi
दोस्तों हमने आईपीसी सैक्शन 372 के बारे में तो आपको बता दिया लेकिन आपके लिए IPC 373 के बारे भी जानना बहुत जरुरी है।
सैक्शन 373 के अपराध के लिए बताया गया है कि यदि कोई व्यक्ति वेश्यावृत्ति के काम कराने के लिए या अवैध संभोग करने के लिए किसी लड़की को खरीदता है तो उस व्यक्ति पर वेश्यावृत्ति के लिए नाबालिग लड़की को खरीदने की धारा 373 के तहत केस दर्ज कार्यवाही की जाती है।
यदि कोई व्यक्ति किसी 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की को वेश्यावृत्ति के धंधे में इस्तेमाल करने के लिए खरीदता है तो उसे 10 वर्ष तक ही कारावास व जुर्माने से दंडित किया जाता है। इस धारा के तहत जमानत का फैसला भी IPC Section 372 में बताए गए जमानत के प्रावधान की तरह की किया जाता है।
आईपीसी धारा 372 व धारा 373 में अंतर
IPC 372 यदि कोई व्यक्ति नाबालिग लड़की को वेश्यावृत्ति का धंधा करने वाले लोगों को बेचता है या कोई व्यक्ति अपनी नाबालिग पत्नी या अन्य किसी महिला को किसी अन्य व्यक्ति के साथ संभोग करने के लिए भाड़े पर देता है तो धारा 372 के अनुसार सजा दी जाती है।
सैक्शन 373- यदि कोई व्यक्ति नाबालिग लड़की को वेश्यावृत्ति के धंधे में इस्तेमाल करने के लिए खरीदता है तो उस व्यक्ति को धारा 373 के तहत सजा दी जाती है। इन दोनों धाराओं के बीच बेचने व खरीदने का अंतर देखने को मिलता है।
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IPC Section 372 व IPC 373 में जानने योग्य कुछ जरुरी बातें
वेश्यावृत्ति एक ऐसा धंधा है जिसमें कोई भी लड़की एक बार फंसने के बाद अपने पूरे जीवन उससे बाहर नहीं निकल पाती। जिस प्रकार आजकल बहुत ही कम उम्र की लड़कियों को उठा कर या अपहरण करके वेश्यावृत्ति के लिए बेच दिया जाता है इस प्रकार के अपराध होने से बचाव करने के लिए सभी बच्चों के माता-पिता का सचेत रहना बहुत जरुरी है। इसलिए कुछ ऐसी आवश्यक बाते जिनका आप सभी को ध्यान रखना चाहिए, आइये स्पष्ट रुप से जानते है।
- कभी भी अपने बच्चों को रात के समय अकेले घर से बाहर ना भेजें।
- अपने बच्चों को हमेशा समझाए कि यदि कोई अंजान व्यक्ति उन्हें कही लेकर जाने की कोशिश करें तो उस व्यक्ति से कैसे अपने बचाव करें।
- यदि आपको कोई अंजान व्यक्ति परेशान करता है या कही ले जाने की बात कहता है तो तुरन्त 100 न0 पर पुलिस को फोन करें।
- यदि आपका बच्चा आपसे कही दूर गया हुआ है तो हमेशा उसके साथ संपर्क में रहे। यदि आपको कोई भी संदेह वाली बात लगे तो तुरन्त कुछ ना कुछ कार्यवाही करें।
- यदि आपको किसी भी लड़की के साथ इस प्रकार के अपराध होने की बात का पता चलता है तो उसकी मदद जरुर करें।
- किसी भी रिक्शा या कैब द्वारा घर आते समय उस वाहन का न0 अपने घर वालो के पास जरुर भेज दे।
- ऐसी ही छोटी छोटी उपयोगी बातों का ध्यान रखकर ऐसे अपराधों का शिकार होने से अपना बचाव करें व अपने आस-पास के सभी लोगों को भी इस तरह के मामलों के बारे में बताए।
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
---|---|---|---|---|
वेश्यावृत्ति आदि के प्रयोजनों के लिए नाबालिग को किराए पर बेचना या देना | 10 साल + जुर्माना | संज्ञेय | गैर जमानतीय | सत्र न्यायालय |
Offence : वेश्यावृत्ति आदि के प्रयोजनों के लिए नाबालिग को किराए पर बेचना या देना
Punishment : 10 साल + जुर्माना
Cognizance : संज्ञेय
Bail : गैर जमानतीय
Triable : सत्र न्यायालय
IPC धारा 372 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आई. पी. सी. की धारा 372 के तहत क्या अपराध है?
आई. पी. सी. धारा 372 अपराध : वेश्यावृत्ति आदि के प्रयोजनों के लिए नाबालिग को किराए पर बेचना या देना
आई. पी. सी. की धारा 372 के मामले की सजा क्या है?
आई. पी. सी. की धारा 372 के मामले में 10 साल + जुर्माना का प्रावधान है।
आई. पी. सी. की धारा 372 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 372 संज्ञेय है।
आई. पी. सी. की धारा 372 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?
आई. पी. सी. की धारा 372 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।
आई. पी. सी. की धारा 372 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 372 गैर जमानतीय है।
आई. पी. सी. की धारा 372 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?
आई. पी. सी. की धारा 372 के मामले को कोर्ट सत्र न्यायालय में पेश किया जा सकता है।