धारा 495 आईपीसी - IPC 495 in Hindi - सजा और जमानत - वही अपराध पूर्ववर्ती विवाह को उस व्यक्ति से छिपाकर जिसके साथ आगामी विवाह किया जाता है।

अपडेट किया गया: 01 Mar, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 495 का विवरण
  2. धारा 495 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 495 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 495 के अनुसार जो भी कोई पूर्ववर्ती धारा में परिभाषित अपराध अपने पूर्व विवाह की बात उस व्यक्ति जिससे आगामी विवाह किया जाना है से छिपाकर करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास, जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा।

लागू अपराध
वही अपराध पूर्ववर्ती विवाह को उस व्यक्ति से छिपाकर जिसके साथ आगामी विवाह किया जाना है।
सजा - दस वर्ष कारावास, और आर्थिक दण्ड।
यह अपराध जमानती, गैर-संज्ञेय है तथा प्रथम श्रेणी के न्यायधीश द्वारा विचारणीय है।

यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

Offence : उस व्यक्ति से पूर्व शादी को छुपाने के साथ एक ही अपराध जिसके साथ बाद में शादी अनुबंधित है


Punishment : उस व्यक्ति से पूर्व शादी को छुपाने के साथ एक ही अपराध जिसके साथ बाद में शादी अनुबंधित है


Cognizance : गैर - संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट





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IPC धारा 495 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 495 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 495 अपराध : उस व्यक्ति से पूर्व शादी को छुपाने के साथ एक ही अपराध जिसके साथ बाद में शादी अनुबंधित है



आई. पी. सी. की धारा 495 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 495 के मामले में उस व्यक्ति से पूर्व शादी को छुपाने के साथ एक ही अपराध जिसके साथ बाद में शादी अनुबंधित है का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 495 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 495 गैर - संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 495 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 495 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 495 जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 495 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 495 के मामले को कोर्ट प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।