धारा 488 आईपीसी - IPC 488 in Hindi - सजा और जमानत - किसी ऐसे मिथ्या चिह्न को उपयोग में लाने के लिए दण्ड

अपडेट किया गया: 01 Apr, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 488 का विवरण
  2. धारा 488 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 488 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 488 के अनुसार कोई अन्तिम पूर्वगामी धारा द्वारा प्रतिषिद्ध किसी प्रकार से किसी ऐसे मिथ्या चिह्न का उपयोग करेगा, जब तक कि वह यह साबित न कर दे कि उसने वह कार्य कपट करने के आशय के बिना किया है, वह उसी प्रकार दण्डित किया जाएगा, मानो उसने उस धारा के विरुद्ध अपराध किया हो ।
1 1958 के अधिनियम सं0 43 की धारा 135 और अनुसूची द्वारा (25-11-1959 से) किसी मिथ्या व्यापार चिह्न या शब्दों का लोप किया गया ।
2 1958 के अधिनियम सं0 43 की धारा 135 और अनुसूची द्वारा (25-11-1959 से) व्यापार चिह्न या शब्दों का लोप किया गया ।
3 1958 के अधिनियम सं0 43 की धारा 135 और अनुसूची द्वारा (25-11-1959 से) मूल धारा के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
4 1958 के अधिनियम सं0 43 की धारा 135 और अनुसूची द्वारा (25-11-1959 से) कतिपय शब्द के स्थान पर प्रतिस्थापित । भारतीय दंड संहिता, 1860 91

Offence : ऐसे किसी भी झूठे निशान का उपयोग करना


Punishment : 3 साल या जुर्माना या दोनों


Cognizance : गैर - संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट





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IPC धारा 488 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 488 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 488 अपराध : ऐसे किसी भी झूठे निशान का उपयोग करना



आई. पी. सी. की धारा 488 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 488 के मामले में 3 साल या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 488 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 488 गैर - संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 488 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 488 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 488 जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 488 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 488 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।