धारा 485 आईपीसी - IPC 485 in Hindi - सजा और जमानत - सम्पत्ति-चिह्न के कूटकरण के लिए कोई उपकरण बनाना या उस पर कब्जा

अपडेट किया गया: 01 Apr, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 485 का विवरण
  2. धारा 485 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 485 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 485 के अनुसार जो कोई सम्पत्ति- चिह्न के कूटकरण के प्रयोजन से कोई डाई, पट्टी या अन्य उपकरण बनाएगा या अपने कब्जे में रखेगा, अथवा यह द्योतन करने के प्रयोजन से कि कोई माल ऐसे व्यक्ति का है, जिसका वह नहीं है, किसी सम्पत्ति- चिह्न को अपने कब्जे में रखेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।

Offence : किसी भी सार्वजनिक या निजी संपत्ति के निशान जालसाजी के लिए धोखे से किसी भी मरने, प्लेट या अन्य साधन का कब्जा करना या करना


Punishment : 3 साल या जुर्माना या दोनों


Cognizance : गैर - संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट





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IPC धारा 485 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 485 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 485 अपराध : किसी भी सार्वजनिक या निजी संपत्ति के निशान जालसाजी के लिए धोखे से किसी भी मरने, प्लेट या अन्य साधन का कब्जा करना या करना



आई. पी. सी. की धारा 485 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 485 के मामले में 3 साल या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 485 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 485 गैर - संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 485 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 485 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 485 जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 485 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 485 के मामले को कोर्ट प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।