धारा 462 आईपीसी - IPC 462 in Hindi - सजा और जमानत - उसी अपराध के लिए दंड, जब कि वह ऐसे व्यक्ति द्वारा किया गया है जिसे अभिरक्षा न्यस्त की गई है
अपडेट किया गया: 01 Mar, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
धारा 462 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 462 के अनुसार जो कोई ऐसा बंद पात्र, जिसमें संपत्ति हो, या जिसमें संपत्ति होने का उसे विश्वास हो, अपने पास न्यस्त किए जाने पर उसको खोलने का प्राधिकार न रखते हुए, बेईमानी से या रिष्टि करने के आशय से, उस पात्र को तोड़कर खोलेगा या उपबंधित करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
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किसी भी बंद पात्र युक्त या किसी भी संपत्ति को नियंत्रित करने के लिए माना जाता है के साथ सौंपा जा रहा है, और धोखे से उसी खोलने | 3 साल या जुर्माना या दोनों | संज्ञेय | जमानतीय | कोई भी मजिस्ट्रेट |
Offence : किसी भी बंद पात्र युक्त या किसी भी संपत्ति को नियंत्रित करने के लिए माना जाता है के साथ सौंपा जा रहा है, और धोखे से उसी खोलने
Punishment : 3 साल या जुर्माना या दोनों
Cognizance : संज्ञेय
Bail : जमानतीय
Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट
IPC धारा 462 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आई. पी. सी. की धारा 462 के तहत क्या अपराध है?
आई. पी. सी. धारा 462 अपराध : किसी भी बंद पात्र युक्त या किसी भी संपत्ति को नियंत्रित करने के लिए माना जाता है के साथ सौंपा जा रहा है, और धोखे से उसी खोलने
आई. पी. सी. की धारा 462 के मामले की सजा क्या है?
आई. पी. सी. की धारा 462 के मामले में 3 साल या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
आई. पी. सी. की धारा 462 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 462 संज्ञेय है।
आई. पी. सी. की धारा 462 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?
आई. पी. सी. की धारा 462 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।
आई. पी. सी. की धारा 462 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 462 जमानतीय है।
आई. पी. सी. की धारा 462 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?
आई. पी. सी. की धारा 462 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।