धारा 374 आईपीसी - IPC 374 in Hindi - सजा और जमानत - विधिविरुद्ध बलपूर्वक श्रम।

अपडेट किया गया: 01 Mar, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 374 का विवरण
  2. धारा 374 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 374 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 374 के अनुसार जो भी कोई किसी व्यक्ति को उस व्यक्ति की इच्छा के विरुद्ध श्रम करने के लिए गैर-क़ानूनी तौर पर विवश करता है, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास से जिसे एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दण्ड, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।

लागू अपराध
गैर-क़ानूनी बलपूर्वक श्रम।
सजा - एक वर्ष कारावास या आर्थिक दण्ड या दोनों।
यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

Offence : गैरकानूनी अनिवार्य श्रम


Punishment : 1 वर्ष या जुर्माना या दोनों


Cognizance : संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट





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IPC धारा 374 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 374 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 374 अपराध : गैरकानूनी अनिवार्य श्रम



आई. पी. सी. की धारा 374 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 374 के मामले में 1 वर्ष या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 374 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 374 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 374 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 374 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 374 जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 374 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 374 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।