धारा 330 आईपीसी - IPC 330 in Hindi - सजा और जमानत - संस्वीकॄति जबरन वसूली करने या विवश करके संपत्ति का प्रत्यावर्तन कराने के लिए स्वेच्छया क्षति कारित करना।

अपडेट किया गया: 01 Apr, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 330 का विवरण
  2. धारा 330 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 330 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 330 के अनुसार जो कोई इस प्रयोजन से स्वेच्छया क्षति कारित करेगा कि पीड़ित व्यक्ति से या उससे हितबद्ध किसी व्यक्ति से कोई संस्वीकॄति या कोई जानकारी, जिससे किसी अपराध अथवा दुराचार का पता चल सके, जबरन वसूल की जाए अथवा पीड़ित व्यक्ति या उससे हितबद्ध व्यक्ति को मजबूर किया जाए कि वह कोई सम्पत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति प्रत्यावर्तित करे, या करवाए, या किसी दावे या मांग की पुष्टि, या ऐसी जानकारी दे, जिससे किसी सम्पत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति का प्रत्यावर्तन कराया जा सके, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे सात वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है से दण्डित किया जाएगा और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा।

लागू अपराध
संस्वीकॄति या संपत्ति की जानकारी आदि जबरन प्राप्त करने के लिए स्वेच्छया क्षति कारित करना।
सजा - सात वर्ष कारावास + आर्थिक दण्ड।
यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के न्यायाधीश द्वारा विचारणीय है।

यह समझौता करने योग्य नहीं है।

Offence : स्वेच्छा से स्वीकारोक्ति या संपत्ति की जानकारी आदि ऐंठने के लिए चोट पहुंचाई गई


Punishment : 7 साल + जुर्माना


Cognizance : संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट





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IPC धारा 330 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 330 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 330 अपराध : स्वेच्छा से स्वीकारोक्ति या संपत्ति की जानकारी आदि ऐंठने के लिए चोट पहुंचाई गई



आई. पी. सी. की धारा 330 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 330 के मामले में 7 साल + जुर्माना का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 330 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 330 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 330 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

आई. पी. सी. की धारा 330 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।



आई. पी. सी. की धारा 330 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 330 जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 330 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 330 के मामले को कोर्ट प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।