धारा 243 आईपीसी - IPC 243 in Hindi - सजा और जमानत - भारतीय सिक्के पर ऐसे व्यक्ति का कब्जा जो उसका कूटकॄत होना उस समय जानता था जब वह उसके कब्जे में आया था

अपडेट किया गया: 01 Mar, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 243 का विवरण
  2. धारा 243 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 243 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 243 के अनुसार जो कोई ऐसे कूटकॄत सिक्के को, जो 2[भारतीय सिक्के] की कूटकॄति है और जिसे वह उस समय, जब वह सिक्का उसके कब्जे में आया था, जानता था कि वह 2[भारतीय सिक्के] की कूटकॄति है, कपटपूर्वक, या इस आशय से कि कपट किया जाए, कब्जो में रखेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।

Offence : एक व्यक्ति द्वारा भारतीय सिक्के का कब्जा जो यह नकली होना जानता था जब वह उसके पास हो गया


Punishment : 7 साल + जुर्माना


Cognizance : संज्ञेय


Bail : गैर जमानतीय


Triable : प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट





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IPC धारा 243 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 243 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 243 अपराध : एक व्यक्ति द्वारा भारतीय सिक्के का कब्जा जो यह नकली होना जानता था जब वह उसके पास हो गया



आई. पी. सी. की धारा 243 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 243 के मामले में 7 साल + जुर्माना का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 243 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 243 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 243 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 243 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 243 गैर जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 243 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 243 के मामले को कोर्ट प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।