धारा 239 आईपीसी - IPC 239 in Hindi - सजा और जमानत - सिक्के का परिदान जिसका कूटकॄत होना कब्जे में आने के समय ज्ञात था

अपडेट किया गया: 01 Mar, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 239 का विवरण
  2. धारा 239 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 239 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 239 के अनुसार जो कोई अपने पास कोई ऐसा कूटकॄत सिक्का होते हुए जिसे वह उस समय, जब वह उसके कब्जे में आया था, जानता था कि वह कूटकॄत है, कपटपूर्वक, या इस आशय से कि कपट किया जाए, उसे किसी व्यक्ति को परिदत्त करेगा या किसी व्यक्ति को उसे लेने के लिए उत्प्रेरित करने का प्रयत्न करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि पांच वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।

Offence : किसी भी नकली सिक्का होने के लिए इस तरह के रूप में जाना जाता है जब यह कब्जे में आया था, और देने, आदि, किसी भी व्यक्ति के लिए एक ही


Punishment : 5 साल + जुर्माना


Cognizance : संज्ञेय


Bail : गैर जमानतीय


Triable : प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट





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IPC धारा 239 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 239 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 239 अपराध : किसी भी नकली सिक्का होने के लिए इस तरह के रूप में जाना जाता है जब यह कब्जे में आया था, और देने, आदि, किसी भी व्यक्ति के लिए एक ही



आई. पी. सी. की धारा 239 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 239 के मामले में 5 साल + जुर्माना का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 239 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 239 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 239 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 239 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 239 गैर जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 239 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 239 के मामले को कोर्ट प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।