धारा 218 आईपीसी - IPC 218 in Hindi - सजा और जमानत - किसी व्यक्ति को दंड से या किसी संपत्ति को समपहरण से बचाने के आशय से लोक सेवक द्वारा अशुद्ध अभिलेख या लेख की रचना

अपडेट किया गया: 01 Apr, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 218 का विवरण
  2. धारा 218 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 218 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 218 के अनुसार जो कोई लोक सेवक होते हुए और ऐसे लोक सेवक के नाते कोई अभिलेख या अन्य लेख तैयार करने का भार रखते हुए, उस अभिलेख या लेख की इस प्रकार से रचना, जिसे वह जानता है कि अशुद्ध है लोक को या किसी व्यक्ति को हानि या क्षति कारित करने के आशय से या संभाव्यतः तद्द्वारा कारित करेगा यह जानते हुए अथवा किसी व्यक्ति को वैध दंड से बचाने के आशय से या संभाव्यतः तद्द्वारा बचाएगा यह जानते हुए अथवा किसी संपत्ति को ऐसे समपहरण या अन्य भार से, जिसके दायित्व के अधीन वह संपत्ति विधि के अनुसार है, बचाने के आशय से या संभाव्यतः तद्द्वारा बचाएगा या जानते हुए करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।

Offence : लोक सेवक एक गलत रिकॉर्ड तैयार करने या सजा से व्यक्ति को बचाने के इरादे से लेखन, या जब्ती से संपत्ति


Punishment : 3 साल या जुर्माना या दोनों


Cognizance : गैर - संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट





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IPC धारा 218 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 218 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 218 अपराध : लोक सेवक एक गलत रिकॉर्ड तैयार करने या सजा से व्यक्ति को बचाने के इरादे से लेखन, या जब्ती से संपत्ति



आई. पी. सी. की धारा 218 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 218 के मामले में 3 साल या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 218 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 218 गैर - संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 218 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 218 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 218 जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 218 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 218 के मामले को कोर्ट प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।