धारा 174 आईपीसी - IPC 174 in Hindi - सजा और जमानत - लोक सेवक का आदेश न मानकर गैर-हाजिर रहना

अपडेट किया गया: 01 Apr, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

धारा 174 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 174 के अनुसार

जो कोई किसी लोक सेवक द्वारा निकाले गए उस समन, सूचना, आदेश या उद्घोषणा के पालन में, जिसे ऐसे लोक सेवक के नाते निकालने के लिए वह वैध रूप से सक्षम हो, किसी निश्चित स्थान और समय पर स्वयं या अभिकर्ता द्वारा हाजिर होने के लिए वैध रूप से आबद्ध होते हुए,
उस स्थान या समय पर हाजिर होने का साशय लोप करेगा, या उस स्थान से, जहां हाजिर होने के लिए वह आबद्ध है, विधिपूर्ण समय से पूर्व चला जाएगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए सादा कारावास की सजा, जिसे एक महीने तक बढ़ाया जा सकता है, या पांच सौ रुपए तक का आर्थिक दण्ड या दोनों से दण्डित किया जाएगा ।
अथवा, यदि समन, सूचना, आदेश या उद्घोषणा किसी न्यायालय में स्वयं या किसी अभिकर्ता द्वारा हाजिर होने के लिए है, तो उसे किसी एक अवधि के लिए सादा कारावास की सजा, जिसे छह महीने तक बढ़ाया जा सकता है, या एक हजार रुपए तक का आर्थिक दण्ड या दोनों से दण्डित किया जाएगा ।

लागू अपराध
1. व्यक्ति या अभिकर्ता द्वारा किसी निश्चित जगह पर उपस्थित होने या बिना किसी अधिकार के वहां से प्रस्थान करने के लिए कानूनी आदेश का पालन नहीं करना
सजा - एक महीने कारावास या पांच सौ रुपए आर्थिक दण्ड या दोनों।
यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है और किसी भी मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

2. यदि आदेश न्यायालय में व्यक्तिगत उपस्थिति आदि के लिए है
सजा - छह महीने या एक हजार रुपए या दोनों।
यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है और किसी भी मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।


भारतीय दंड संहिता की धारा 174

भारतीय दंड संहिता की धारा 174 के अनुसार, जो कोई किसी लोक सेवक द्वारा निकाले गए उस समन, सूचना, आदेश या उद्घोषणा के पालन में, जिसे ऐसे लोक सेवक के नाते निकालने के लिए वह वैध रूप से सक्षम हो, किसी निश्चित स्थान और समय पर स्वयं या अभिकर्ता द्वारा हाजिर होने के लिए वैध रूप से आबद्ध होते हुए, उस स्थान या समय पर हाजिर होने का साशय लोप करेगा, या उस स्थान से, जहां हाजिर होने के लिए वह आबद्ध है, विधिपूर्ण समय से पूर्व चला जाएगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए सादा कारावास की सजा, जिसे एक महीने तक बढ़ाया जा सकता है, या पांच सौ रुपए तक का आर्थिक दण्ड या दोनों से दण्डित किया जाएगा।
अथवा, यदि समन, सूचना, आदेश या उद्घोषणा किसी न्यायालय में स्वयं या किसी अभिकर्ता द्वारा हाजिर होने के लिए है, तो उसे किसी एक अवधि के लिए सादा कारावास की सजा, जिसे छह महीने तक बढ़ाया जा सकता है, या एक हजार रुपए तक का आर्थिक दण्ड या दोनों से दण्डित किया जाएगा।


क्या होती है भारतीय दंड संहिता की धारा 174?

इस धारा का उद्देश्य ऐसे व्यक्ति को दंड देना होता है, जो किसी भी लोक सेवक द्वारा बुलाये जाने, या किसी न्यायालय में उपस्तिथ होने के लिए किसी लोक सेवक के आदेश का उल्लंघन करता है, या लोक सेवक द्वारा आदेश दिए गए समय का पालन नहीं करता है, और बताये गए समय पर अपनी उपस्तिथि दर्ज नहीं कराता है, तो ऐसे व्यक्ति को भारतीय दंड संहिता की धारा 174 के प्रावधानों के अनुसार दण्डित किया जाता है।


भारतीय दंड संहिता की धारा 174 के लिए आवश्यक तत्व

आवश्यक तत्वों के रूप में भारतीय दंड संहिता की धारा 174 के प्रावधानों में केवल यह ही होता है, कि किसी व्यक्ति द्वारा किसी लोक सेवक के द्वारा दिए गए बुलाने के किसी आदेश का उल्लंघन करना या समय पर अपनी उपस्तिथि दर्ज न करा पाना। इसके अतिरिक्त लोक सेवक के आदेश के साथ - साथ यह धारा किसी न्यायालय के जज द्वारा दिए गए पेश होने के आदेश पर भी निर्भर करती है, और इसके विपरीत उल्लंघन करने की स्तिथि में इस धारा के प्रावधानों के अनुसार दंड का भी निर्धारण करती है।


धारा 174 के लिए सजा का प्रावधान

उस व्यक्ति को जिसने भारतीय दंड संहिता की धारा 174 के तहत अपराध किया है, उसे इस संहिता के अंतर्गत कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है, जिसकी समय सीमा को 1 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और इस अपराध में आर्थिक दंड का प्रावधान किया गया है, जो कि न्यायालय आरोप की गंभीरता और आरोपी के इतिहास के अनुसार निर्धारित करता है, किन्तु यह 500 रुपये से अधिक नहीं हो सकता है। इसके अतिरिक्त यदि वह आदेश किसी न्यायालय से दिया गया था तो ऐसी स्तिथि में कारावास की समय सीमा 1 वर्ष तक हो सकती है, और आर्थिक दंड 1000 रुपये तक बढ़ाया जा सकता है।


धारा 174 में वकील की जरुरत क्यों होती है?

भारतीय दंड संहिता में धारा 174 का अपराध बहुत ही गंभीर और बड़ा माना जाता है, क्योंकि इस धारा के अंतर्गत अपने देश के किसी लोक सेवक के आदेश की अवहेलना की बात आती है, जिसमें इस अपराध के दोषी को धारा 174 के अनुसार उस अपराध की सजा दी जाती है, जो अपराधी देश के किसी लोक सेवक या न्यायालय द्वारा दिए गए पेश होने के आदेश को न मानने का अपराध करता है। ऐसे अपराध से किसी भी आरोपी का बच निकलना बहुत ही मुश्किल हो जाता है, इसमें आरोपी को निर्दोष साबित कर पाना बहुत ही कठिन हो जाता है। ऐसी विकट परिस्तिथि से निपटने के लिए केवल एक वकील ही ऐसा व्यक्ति हो सकता है, जो किसी भी आरोपी को बचाने के लिए उचित रूप से लाभकारी सिद्ध हो सकता है, और अगर वह वकील अपने क्षेत्र में निपुण वकील है, तो वह आरोपी को उसके आरोप से मुक्त भी करा सकता है। और लोक सेवक या न्यायालय के द्वारा दिए गए पेश होने के आदेश को न मानने का अपराध करने जैसे मामलों में ऐसे किसी वकील को नियुक्त करना चाहिए जो कि ऐसे मामलों में पहले से ही पारंगत हो, और धारा 174 जैसे मामलों को उचित तरीके से सुलझा सकता हो। जिससे आपके केस को जीतने के अवसर और भी बढ़ सकते हैं।

Offence : व्यक्ति या एजेंट द्वारा किसी निश्चित स्थान पर उपस्थित होने के लिए, या अधिकार के बिना वहां से प्रस्थान करने के लिए कानूनी आदेश का पालन नहीं करना


Punishment : 1 महीने के लिए साधारण कारावास या जुर्माना या दोनों


Cognizance : असंज्ञेय


Bail : जमानती


Triable : किसी भी मजिस्ट्रेट



Offence : यदि आदेश में न्यायिक अदालत में व्यक्तिगत उपस्थिति, आदि की आवश्यकता होती है


Punishment : 6 महीने के लिए साधारण कारावास या जुर्माना या दोनों


Cognizance : असंज्ञेय


Bail : जमानती


Triable : किसी भी मजिस्ट्रेट





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IPC धारा 174 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 174 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 174 अपराध : व्यक्ति या एजेंट द्वारा किसी निश्चित स्थान पर उपस्थित होने के लिए, या अधिकार के बिना वहां से प्रस्थान करने के लिए कानूनी आदेश का पालन नहीं करना



आई. पी. सी. की धारा 174 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 174 के मामले में 1 महीने के लिए साधारण कारावास या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 174 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 174 असंज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 174 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

आई. पी. सी. की धारा 174 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।



आई. पी. सी. की धारा 174 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 174 जमानती है।



आई. पी. सी. की धारा 174 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 174 के मामले को कोर्ट किसी भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।