धारा 138 आईपीसी - IPC 138 in Hindi - सजा और जमानत - सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा अनधीनता के कार्य का दुष्प्रेरण।

अपडेट किया गया: 01 Apr, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 138 का विवरण
  2. धारा 138 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 138 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 138 के अनुसार जो कोई भारत सरकार की सेना, नौसेना या वायुसेना के किसी अधिकारी, सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा अवज्ञाकारिता के कार्य के लिए दुष्प्रेरित करेगा, और यदि अवज्ञाकारिता का ऐसा कार्य उस दुष्प्रेरण के परिणामस्वरूप किया जाए, तो उसे किसी एक अवधि के लिए सादा कारावास से जिसे छह महीने तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दण्ड, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।

लागू अपराध
भारत सरकार की सेना, नौसेना या वायुसेना के किसी अधिकारी, सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक को अवज्ञाकारिता के कार्य के लिए दुष्प्रेरित करना, यदि अवज्ञा उस दुष्प्रेरण के परिणामस्वरूप हुई हो।
सजा - छह महीने कारावास या आर्थिक दण्ड या दोनों।
एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी न्यायधीश द्वारा विचारणीय है।

यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

Offence : किसी अधिकारी, सिपाही, नाविक या एयरमैन द्वारा अपमान का कार्य करना


Punishment : 6 महीने या जुर्माना या दोनों


Cognizance : संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट





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IPC धारा 138 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 138 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 138 अपराध : किसी अधिकारी, सिपाही, नाविक या एयरमैन द्वारा अपमान का कार्य करना



आई. पी. सी. की धारा 138 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 138 के मामले में 6 महीने या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 138 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 138 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 138 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 138 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 138 जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 138 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 138 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।