धारा 136 आईपीसी - IPC 136 in Hindi - सजा और जमानत - अभित्याजक को संश्रय देना

अपडेट किया गया: 01 Apr, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 136 का विवरण
  2. धारा 136 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 136 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 136 के अनुसार जो कोई सिवाय एतस्मिन््पश्चात्् यथा अपवादित के, यह जानते हुए या यह विश्वास करने का कारण रखते हुए कि 1[भारत सरकार] की सेना, 2[नौसेना या वायुसेना] के किसी आफिसर, सैनिक, 3[नौसैनिक या वायुसैनिक] ने अभित्यजन किया है, ऐसे आफिसर, सैनिक, 3[नौसैनिक या वायुसैनिक] को संश्रय देगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से दंडित किया जाएगा ।
अपवाद--इस उपबंध का विस्तार उस मामले पर नहीं है, जिसमें पत्नी द्वारा अपने पति को संश्रय दिया जाता है ।

Offence : ऐसे अधिकारी, सिपाही, नाविक या एयरमैन को शरण देना, जो भाग चुका है


Punishment : 2 साल या जुर्माना या दोनों


Cognizance : संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट





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IPC धारा 136 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 136 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 136 अपराध : ऐसे अधिकारी, सिपाही, नाविक या एयरमैन को शरण देना, जो भाग चुका है



आई. पी. सी. की धारा 136 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 136 के मामले में 2 साल या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 136 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 136 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 136 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 136 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 136 जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 136 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 136 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।