धारा 132 आईपीसी - IPC 132 in Hindi - सजा और जमानत - विद्रोह का दुष्प्रेरण यदि उसके परिणामस्वरूप विद्रोह हो जाए।

अपडेट किया गया: 01 Mar, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 132 का विवरण
  2. धारा 132 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 132 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 132 के अनुसार जो कोई भारत सरकार की सेना, नौसेना या वायुसेना के किसी अधिकारी, सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा विद्रोह किए जाने का दुष्प्रेरण, जिसके परिणामस्वरूप विद्रोह हो जाए, करेगा, तो उसे मॄत्युदण्ड या आजीवन कारावास या किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे अधिकतम दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और साथ ही आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा।

लागू अपराध
विद्रोह का दुष्प्रेरण जिसके परिणामस्वरूप विद्रोह हो जाए।
सजा - मॄत्युदण्ड या आजीवन कारावास या दस वर्ष तक कारावास और आर्थिक दण्ड।
यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है।

यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

Offence : उत्परिवर्तन का उन्मूलन, यदि परिणाम में उत्परिवर्तन प्रतिबद्ध है


Punishment : मौत या उम्रकैद या 10 साल की सजा + जुर्माना


Cognizance : संज्ञेय


Bail : गैर जमानतीय


Triable : सत्र न्यायालय





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IPC धारा 132 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 132 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 132 अपराध : उत्परिवर्तन का उन्मूलन, यदि परिणाम में उत्परिवर्तन प्रतिबद्ध है



आई. पी. सी. की धारा 132 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 132 के मामले में मौत या उम्रकैद या 10 साल की सजा + जुर्माना का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 132 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 132 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 132 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 132 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 132 गैर जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 132 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 132 के मामले को कोर्ट सत्र न्यायालय में पेश किया जा सकता है।