धारा 127 आईपीसी - IPC 127 in Hindi - सजा और जमानत - धारा 125 और 126 में वर्णित युद्ध या लूटपाट द्वारा ली गई सम्पत्ति प्राप्त करना।

अपडेट किया गया: 01 Apr, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 127 का विवरण
  2. धारा 127 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 127 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 127 के अनुसार जो कोई किसी सम्पत्ति को यह जानते हुए प्राप्त करेगा कि वह धारा 125 और 126 में वर्णित अपराधों में से किसी के किए जाने में ली गई है तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे सात वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है से दण्डित किया जाएगा, और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा और इस प्रकार प्राप्त की गई संपत्ति के समपहरण से भी दण्डित किया जाएगा।

लागू अपराध
धारा 125 और 126 में वर्णित युद्ध या लूटपाट द्वारा ली गई सम्पत्ति प्राप्त करना।
सजा - सात वर्ष कारावास + आर्थिक दण्ड + संपत्ति का समपहरण।
यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है।

यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

Offence : धारा 125 और 126 में उल्लिखित युद्ध या प्रतिशोध द्वारा ली गई संपत्ति प्राप्त करना


Punishment : 7 साल + संपत्ति को जब्त कर लेना + जुर्माना


Cognizance : संज्ञेय


Bail : गैर जमानतीय


Triable : सत्र न्यायालय





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IPC धारा 127 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 127 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 127 अपराध : धारा 125 और 126 में उल्लिखित युद्ध या प्रतिशोध द्वारा ली गई संपत्ति प्राप्त करना



आई. पी. सी. की धारा 127 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 127 के मामले में 7 साल + संपत्ति को जब्त कर लेना + जुर्माना का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 127 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 127 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 127 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 127 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 127 गैर जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 127 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 127 के मामले को कोर्ट सत्र न्यायालय में पेश किया जा सकता है।