धारा 482 आईपीसी - IPC 482 in Hindi - सजा और जमानत - मिथ्या सम्पत्ति-चिह्न को उपयोग करने के लिए दण्ड।
अपडेट किया गया: 01 Mar, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
धारा 482 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 482 के अनुसार जो भी कोई किसी ग़लत सम्पत्ति मुहर का उपयोग करता है, जब तक कि वह यह साबित न कर दे कि उसने ऐसा कार्य कपट करने के आशय से नहीं किया है, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास से जिसे एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दण्ड, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।लागू अपराध
लोक सेवक द्वारा किसी व्यक्ति को क्षति पहुँचाने के आशय से विधि की अवज्ञा करना।
सजा - एक वर्ष कारावास या आर्थिक दण्ड या दोनों।
यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध पीड़ित व्यक्ति (जिसे ऐसे कार्य से क्षति या चोट पहुँची है) द्वारा समझौता करने योग्य है।
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
---|---|---|---|---|
किसी भी व्यक्ति को धोखा देने या घायल करने के इरादे से झूठी संपत्ति के निशान का उपयोग करना | 1 वर्ष या जुर्माना या दोनों | गैर - संज्ञेय | जमानतीय | कोई भी मजिस्ट्रेट |
Offence : किसी भी व्यक्ति को धोखा देने या घायल करने के इरादे से झूठी संपत्ति के निशान का उपयोग करना
Punishment : 1 वर्ष या जुर्माना या दोनों
Cognizance : गैर - संज्ञेय
Bail : जमानतीय
Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट
IPC धारा 482 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आई. पी. सी. की धारा 482 के तहत क्या अपराध है?
आई. पी. सी. धारा 482 अपराध : किसी भी व्यक्ति को धोखा देने या घायल करने के इरादे से झूठी संपत्ति के निशान का उपयोग करना
आई. पी. सी. की धारा 482 के मामले की सजा क्या है?
आई. पी. सी. की धारा 482 के मामले में 1 वर्ष या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
आई. पी. सी. की धारा 482 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 482 गैर - संज्ञेय है।
आई. पी. सी. की धारा 482 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?
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आई. पी. सी. की धारा 482 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 482 जमानतीय है।
आई. पी. सी. की धारा 482 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?
आई. पी. सी. की धारा 482 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।